बिहार में बिना परमिट चल रही बसों के खिलाफ शुरू हुआ एक्शन
256 बसों से 47 लाख वसूला जुर्माना, 26 गाड़ियां जब्त
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
यूपी में हुए बस हादसे के बाद बिहार सरकार बिना परमिट के चल रही बसों के खिलाफ एक्शन मोड में आ गई है। राज्य में परिचालित बसों के फिटनेस, परमिट, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन, स्पीड गर्वनर इत्यादि की जांच के लिए शनिवार को सभी जिलों में विशेष जांच अभियान चलाया गया।
इस दौरान फिटनेस प्रमाण पत्र अपडेट नहीं पाए जाने/फिटनेस फेल बसों, बिना परिमट के परिचालित बसों एवं मोटरवाहन अधिनियम के उल्लंघन कर चलाई जा रही 252 बसों पर कार्रवाई की गई। जिनसे 47 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया। 26 बसों को किया गया जब्त अभियान के दौरान कुल 556 बसों की जांच में मोटर वाहन अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत 252 बसों पर जुर्माना लगाया गया एवं 26 बसों को जब्त करने की कार्रवाई की गई। यह अभियान सभी जिलों में जिला परिवहन पदाधिकारी, एमवीआई और ईएसआई द्वारा चलाया गया।
अन्य राज्यों से आने वाली बसों पर भी होगी कार्रवाई मोटरवाहन अधिनियम का उल्लंघन कर दूसरे राज्यों से बिहार में आने वाली बसों पर भी कार्रवाई की जायेगी। नियमों का उल्लंघन किये जाने पर ऐसी बसों का परिचालन बिहार में बंद किया जायेगा। बस का फिटनेस फेल है तो परमिट करें रद्द राज्य में बसों के सुरक्षित परिचालन को सुनिश्चित कराने के लिए परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सभी जिलों के डीटीओ, एडीटीओ, एमवीआई, ईएसआई को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी बस का फिटनेस फेल है तो उसका परमिट रद्द करने की कार्रवाई करें।
फिटनेस फेल बसों को चलाना न सिर्फ मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है। आये दिन इससे सड़क दुर्घटना होती है। स्पीड गर्वनर और वीएलटीडी नहीं लगा है तो नहीं दें बस का फिटनेस
परिवहन सचिव ने निर्देश दिया कि जिन बसों में स्पीड गर्वनर और वीएलटीडी नहीं लगा है या लगने के बाद भी वह सक्रिय नहीं है तो बस का फिटनेस नहीं दें। बिना स्पीड गर्वनर बसों का परिचालन नहीं किया जाय। यह सरकारी और प्राइवेट दोनों के लिए अनिवार्य है।
वीएलटीडी लगाना किया गया है अनिवार्य सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में यात्रियों, महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा के उद्देश्य से व्हीकल लोकशन ट्रैकिंग डिवाइस एवं इमरजेंसी बटन लगाया जाना अनिवार्य किया गया है। 1 जनवरी 2019 के बाद पंजीकृत सभी सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में वीएलटी उपकरण लगे आ रहे हैं एवं 1 जनवरी 2019 के पूर्व पंजीकृत सभी सार्वजनिक परिवहन के वाहनों में वीएलटीडी तथा इमरजेंसी बटन लगाया जाना अनिवार्य किया गया है।
वाहन में वीएलटीडी सक्रिय नहीं रहा तो परमिट होगा निलंबित राज्य परिवहन आयुक्त विशाल राज ने बताया कि यात्री परिवहन के वाहनों में वीएलटीडी (व्हीकल लोकशन टैकिंग डिवाइस) लगाना अनिवार्य किया गया है। जांच के दौरान बिहार या दूसरे राज्यों के निबंधित वाहनों में स्थापित वीएलटीडी सक्रिय नहीं रहने पर परमिट निलंबित/रद्द करने की कार्रवाई की जायेगी।
अभियान एक नजर में :-
– कुल बसों की जांच : 556
– बसों पर कार्रवाई एवं जुर्माना : 252
– कुल बसों पर जुर्माना राशि: 47 लाख 87 हजार।
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– जब्त बसों की संख्या : 26
– टैक्स डिफॉल्टर बसों की संख्या : 28
– परमिट फेल बसों की संख्या : 39
– फिटनेस फेल बसों की : 33
– प्रदूषण फेल बसों की संख्या : 72
– बिना स्पीड गवर्नर बसों की संख्या : 81
– बिना वीएलटीडी बसों की संख्या : 80
– इंश्योरेंस फेल बसों की संख्या: 15
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