पुलिस अधिकारियों की समाज में सार्थक भूमिका के प्रतीक हैं आईपीएस राजेश पाण्डेय
आईपीएस राजेश पाण्डेय ने अपनी पुलिस सेवा के दौरान सौम्यता, सरलता, दृढ़ इच्छा शक्ति से कायम किया है मिसाल
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हमारे समाज में सेवा की अनंत किस्से-कहानियां विद्यमान है। समाज में विकास के लिए शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी भारतीय संविधान ने अनुसार पुलिस प्रशासन को दिया गया है जो सरकार की महती जिम्मेदारी है। इस सेवा में कुछ अधिकारी ऐसे आते हैं जो अपने कार्यकाल में कृतिमान गढ़ जाते हैं और वे आने वाले अधिकारी पदाधिकारी एवं समाज के नवयुवकों के लिए एक मिसाल बन जाते है। आईपीएस राजेश पाण्डेय इनमें से एक हैं। आप एक सुलझे हुए अधिकारी हैं। राज्य पुलिस सेवा से आए उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में तीन दशकों तक सेवा करने वाले पाण्डेय जी ने अधिकारियों की प्रासंगिकता को सच्चे अर्थों में नई पीढ़ी के लिए चरितार्थ किया है।
कर्मठ अधिकारी के रूप में है ख्याति
पुलिस उपाधीक्षक के रूप में अपनी सेवा प्रारंभ करने वाले आईपीएस राजेश पाण्डेय आईजी तक के पद को सुशोभित किया। आपके जीवन में कई उतार- चढ़ाव आए परंतु आप दृढ़ता के साथ पुलिस की प्रासंगिकता को समाज के लिए योगदान बताया।
यूरोप के देश कोसोबो में आपने अपनी सेवा दी। इसके लिए सरकार द्वारा आपको सम्मानित किया गया। सरकार एवं अपने बड़े अधिकारियों के लिए एक विश्वसनीय अधिकारी के रूप में आईपीएस राजेश पाण्डेय ने अपने कार्य को दक्षता के साथ अंतिम परिणति तक पहुंचाया।
अपराध के वृतांत की लोकप्रिय श्रृंखला है किस्सागोई
आईपीएस राजेश पाण्डेय पिछले कई वर्षों से अपराध के कहानी की एक श्रृंखला (अपराध की सत्य घटनाएं) अपने यूट्यूब चैनल पर चलते हैं। जिसे किस्सागोई के नाम से जाना जाता है। इसकी 1072 वीं एपिसोड दर्शकों के सामने प्रस्तुत हो चुकी है। पुलिस महकमें से जुड़े एसएचओ, इंस्पेक्टर से लेकर बड़े अधिकारियों तक के लिए किस्सागोई की श्रृंखला देखना-सुनना-समझना अपने कार्य को विस्तार देने, उसे सफल बनाने के लिए आवश्यक हो जाता है।
प्रयाग जनपद के निवासी है आईपीएस राजेश पाण्डेय
मूल रूप से प्रयाग जनपद के निवासी आईपीएस राजेश पाण्डेय इन दिनों लखनऊ में रहते हैं। सेवानिवृत्ति के बाद भी आप पुलिस पदाधिकारी के लिए एक दृष्टांत बने हुए हैं। अपराध पर नियंत्रण, मामले की स्पष्ट जांच एवं कानून व शांति स्थापित करने में आपकी अटूट दृष्टि की सभी सराहना करते हैं।
अपराध व अपराधियों का वृतांत है आपकी पुस्तक ‘Operation Bozooka’ एवं ‘वर्चस्व’
अपराध एवं अपराधियों के लिए 1990 का दशक पुलिस विभाग के लिए गूढ़ता का विषय था। इस पूरे वृतांत का व्याख्या ‘ऑपरेशन बजूका’ से अंग्रेजी में एवं हिंदी में ‘वर्चस्व’ नाम से आपकी पुस्तक आई है। उक्त पुस्तक में 1990 के दशक के अपराध का पूरा वर्णन एवं दुर्दांत अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला के आपराधिक इतिहास एवं उसके खातमें का वृतांत पूरे तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक एक बार अवश्य पढनी चाहिए। पुस्तक मेरे पास आ गई है आने वाले दिनों में मैं इसे पढ़कर इसकी समीक्षा आप सभी के लिए प्रस्तुत करूंगा।
- यह भी पढ़े……………
- अप संस्कृति की झलक रक्सौल में भी जीवंत है
- केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब हुआ है- शंकराचार्य
- भारत के प्रशिक्षित कुत्ते पेरिस ओलंपिक की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएंगे