World Chess Day 20 जुलाई : विश्व शतरंज दिवस
जानें इस दिन का क्या है महत्व और इतिहास
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
विश्व शतरंज दिवस हर साल 20 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन विश्व शतरंज संघ (FIDE) की स्थापना का जश्न मनाने के लिए निर्धारित किया गया है। शतरंज एक प्राचीन खेल है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी और यह बुद्धिमत्ता, रणनीति और धैर्य का प्रतीक है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य शतरंज के खेल को बढ़ावा देना और इसके माध्यम से सांस्कृतिक और सामाजिक संपर्क को प्रोत्साहित करना है।
<< शतरंज का इतिहास >>
शतरंज की उत्पत्ति छठी शताब्दी में भारत में हुई थी, जहां इसे ‘चतुरंगा’ कहा जाता था। यह खेल धीरे-धीरे फारस (आधुनिक ईरान) में पहुंचा और वहां इसे ‘शतरंज’ नाम मिला। अरबों के माध्यम से शतरंज यूरोप में पहुंचा, जहां यह आज के रूप में विकसित हुआ।
FIDE का गठन
FIDE, या Fédération Internationale des Échecs, की स्थापना 20 जुलाई 1924 को पेरिस में की गई थी। FIDE का मुख्य उद्देश्य शतरंज को एक संगठित और अनुशासित खेल के रूप में विकसित करना और इसके खिलाड़ियों के बीच सौहार्द्र और सहयोग को बढ़ावा देना था।
<<विश्व शतरंज दिवस का महत्व >>
विश्व शतरंज दिवस का महत्व केवल खेल के प्रचार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विभिन्न देशों और संस्कृतियों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण साधन भी है। शतरंज एक ऐसा खेल है जो भाषा, जाति, धर्म और भौगोलिक सीमाओं से परे है।
<< शतरंज के लाभ >>
मानसिक विकास: शतरंज खेलना मस्तिष्क के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह तार्किक सोच, समस्या-समाधान की क्षमता और स्मरणशक्ति को बढ़ावा देता है।
धैर्य और अनुशासन: शतरंज खेलते समय खिलाड़ी को धैर्य और अनुशासन का पालन करना पड़ता है। यह जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सहायक होता है।
रणनीतिक सोच: शतरंज में प्रत्येक चाल के लिए रणनीति बनानी होती है। यह खेल खिलाड़ियों को सोचने और निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करता है।
सामाजिक संपर्क: शतरंज एक ऐसा खेल है जिसे दो या अधिक लोग खेल सकते हैं, जिससे सामाजिक संपर्क और आपसी संबंध मजबूत होते हैं।
<<विश्व शतरंज दिवस का उत्सव >>
विश्व शतरंज दिवस को विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। कई शतरंज क्लब और संगठन इस दिन विभिन्न प्रतियोगिताओं, कार्यशालाओं और प्रदर्शनियों का आयोजन करते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में भी शतरंज प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिससे युवा पीढ़ी में शतरंज के प्रति रुचि बढ़ती है।
<<ऑनलाइन शतरंज की बढ़ती लोकप्रियता>>
तकनीकी उन्नति और इंटरनेट की पहुंच के कारण, शतरंज अब केवल भौतिक बोर्ड तक सीमित नहीं है। ऑनलाइन शतरंज प्लेटफार्मों ने इसे और भी अधिक लोकप्रिय बना दिया है। अब खिलाड़ी अपने घर से ही दुनिया भर के खिलाड़ियों के साथ खेल सकते हैं और अपने कौशल को निखार सकते हैं।
<< महान शतरंज खिलाड़ी >>
शतरंज के इतिहास में कई महान खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने अपनी असाधारण प्रतिभा और कौशल से इस खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। कुछ प्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ियों में गैरी कास्परोव, बॉबी फिशर, विश्वनाथन आनंद और मैग्नस कार्लसन शामिल हैं।
<< भारत में शतरंज >>
भारत में शतरंज का एक समृद्ध इतिहास है और यह यहां बहुत लोकप्रिय है। विश्वनाथन आनंद ने भारत को शतरंज के अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई है। उनके अलावा, कई युवा भारतीय खिलाड़ी भी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
कुल मिलाकर हम यह कह सकतेत हैं कि विश्व शतरंज दिवस केवल शतरंज के खेल को मनाने का अवसर नहीं है, बल्कि यह हमारी सोच, धैर्य और रणनीतिक कौशल को बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि कैसे एक खेल विभिन्न संस्कृतियों और समाजों को एक साथ ला सकता है। शतरंज का खेल सदियों पुराना होते हुए भी आज भी उतना ही प्रासंगिक और प्रेरणादायक है।
यह भी पढ़े
शक्तिशाली लोग भूमि के मामले हमेशा कमजोरों का उत्पीड़न करते हैं – सुप्रीम कोर्ट
सब जज साइबर ठगी का शिकार, 23 हजार रुपए गायब!
रास नहीं आया प्रेमविवाह, गंवानी पड़ी जान
बारिश में टापू बन जाने वाले नया प्राथमिक विद्यालय पचरुखिया का संपर्क मार्ग बदहाल