नीति आयोग को खत्म कर देना चाहिए- ममता बनर्जी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीति आयोग की बैठक में शामिल होने का एलान किया है। मगर उनका कहना है कि बैठक में हिस्सा सिर्फ बजट के विरोध में लेंगी। शुक्रवार को ममता बनर्जी ने कहा कि नीति आयोग को खत्म कर देना चाहिए और योजना आयोग को वापस लाना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय बजट को राजनीतिक रूप से पक्षपाती करार दिया।
बनर्जी का कहना है कि सभी गैर-एनडीए शासित राज्यों की बजट में अनदेखी की गई है। ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा ने सरकार तो बना ली है, लेकिन उनके पास लोगों का जनादेश नहीं है। मैंने सोचा कि आम मंच पर अपनी आवाज उठाना मेरा कर्तव्य है, हालांकि मुझे पता है कि नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्ति नहीं है। यह बात उन्होंने शुक्रवार को नई दिल्ली में कही।
नीति आयोग की 27 जुलाई को होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली आयीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व सरकार द्वारा लाये गये नीति आयोग को खत्म कर योजना आयोग को बहाल किया जाना चाहिए।
बनर्जी नीति आयोग की बैठक में भाग लेंगी, हालांकि ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दलों के शासन वाले कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसमें भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘उन्होंने (भाजपा ने) सरकार तो बना ली है, लेकिन उनके पास जनादेश नहीं है। 2014 के बाद भाजपा के सत्ता में आने के बाद यह पहली बार है कि उन्होंने अकेले पार्टी के रूप में सरकार नहीं बनाई है।’’
बनर्जी ने कहा कि अपनी ‘‘मजबूरियों’’ के कारण, भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने ‘‘राजनीतिक रूप से बहुत पक्षपाती बजट’’ पेश किया है, जिसने विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों को उनके अधिकारों से ‘‘वंचित’’ कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि कम से कम एक साझा मंच पर इस आवाज को उठाना मेरा कर्तव्य है, हालांकि मुझे पता है कि नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं।’’
बनर्जी ने कहा, ‘‘जब से नीति आयोग की योजना बनी, मैंने एक भी काम होते नहीं देखा है, क्योंकि उसके पास कोई शक्ति नहीं है। पहले योजना आयोग था। एक मुख्यमंत्री के तौर पर…उस समय मैंने देखा कि एक व्यवस्था थी।’’
उन्होंने कहा कि योजना आयोग के तहत राज्य सरकारों को अपने मुद्दों पर चर्चा करने का अधिकार था और यह विभिन्न क्षेत्रों में राज्यों का ख्याल रखने के लिहाज से बहुत अच्छा था। बनर्जी ने कहा, ‘‘लेकिन अब कोई उम्मीद नहीं है, कोई गुंजाइश नहीं है।’’ बनर्जी ने कहा कि नीति आयोग को खत्म कर देना चाहिए।
बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं नीति आयोग को खत्म करने के लिए आवाज उठाऊंगी। इसका कोई वित्तीय निहितार्थ नहीं है। वे कुछ नहीं कर सकते, केवल अपना चेहरा दिखाने के लिए साल में एक बार बैठक करते हैं। कृपया योजना आयोग को फिर से वापस लाएं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की योजना थी और आजादी के बाद से योजना आयोग ने देश के लिए बहुत काम किया।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 जुलाई को नीति आयोग की नौवीं शासी परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- यह भी पढ़े…………
- स्वर्ग का तो पता नहीं लेकिन नर्क देखना हो तो आइए रघुनाथपुर में
- डीजी शोभा ओहटकर के नाम पर ठगी, मोबाइल नंबर से किया जा रहा था खेला; FIR हुई दर्ज