डॉ शहजाद के सेवा निवृत्त होने पर दी गयी भावपूर्ण विदाई
श्रीनारद मीडिया, चंद्रशेखर , सारण (बिहार):
अब मैं समाज सेवा का कार्य पूरी स्वतंत्रता और तन्मयता से कर सकूंगा. मेरी अस्ल जिंदगी अब शुरू होगी. उक्त बातें प्रखंड के मध्य विद्यालय जोगनी परसा के प्रधानाध्यापक डॉ शहजाद आलम ने अपनी सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित बिदाई समारोह में कहीं. उन्होंने कहा कि सेवा निवृत्ति पर विद्यालय, बच्चों और अपने सहयोगी शिक्षकों से जुदा होने का अफसोस तो अवश्य है. मगर साथ ही संतोष भी है कि सरकारी सेवा को स्वच्छता और पारदर्शिता से पूर्ण कर पाया. पूरे सेवा काल में किसी विवाद या नकारात्मक बात से मेरा नाम नहीं जुड़ना मेरी उपलब्धी है.
अब मैं अपने अनुभव के आधार पर शिक्षण संस्थानों को एजुकेशन बैकअप देने का कार्य करूंगा वहीं समाज की सेवा के लिए अधिक समय दे पाउंगा. विदाई समारोह को संबोधित करते हुए वरीय शिक्षक कामेश्वर सत्यार्थी ने डॉ शहजाद के जीवन वृत्त को प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि 1994 में सेवा में आने के पूर्व 1989 से छह वर्षों तक जगलाल राय कालेज में व्याख्याता रहे. पहली पोस्टिंग बीपीएससी के माध्यम से कन्या मध्य विद्यालय मांझी में हुई. विभाग ने उनके उच्च शिक्षा का सदुपयोग करते हुए 2013 से 2019 तक सदर प्रखंड के रिसोर्स पर्सन के रूप में सेवा प्राप्त की. इस दौरान उन्होंने नियोजित शिक्षकों को ओडीएल के अंतर्गत सेवाकालीन प्रशिक्षण भी प्रदान करने का कार्य किया.
शिक्षक शंकर प्रसाद ने उन्हें बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताते हुए कहा कि 2019 में एचएम का प्रमोशन प्राप्त कर डॉ शहजाद मध्य विद्यालय जोगनी परसा में पदस्थापित हुए. यहां आते ही उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व और प्रतिभा का संपूर्ण लाभ विद्यालय को प्रदान किया. उनकी नुमाइंदगी में विद्यालय में अमूलचूल बदलाव और विकास हुआ. उन्होंने स्कूल में बोरिंग कराने के साथ ही लड़के और लड़कियों के लिए अलग अलग वाशरूम का निर्माण, सुसज्जित क्लास रूम, लाइब्रेरी की स्थापना के साथ किचन गार्डन, खेल के बेहतर साधन और पठन-पाठन का बेहतर माहौल बनाया. उन्होंने विद्यालय के विकास में सरकारी संसाधन का उपयोग करते हुए रोटरी क्लब, रेड क्रॉस सोसाइटी, दीगर संस्थाओं और समाज के सक्षम लोगों से अपने व्यक्तिगत प्रयास से सहयोग हासिल किया है. सरकारी विद्यालय के विकास के लिए इस प्रकार कोशिश करने वाले शिक्षक विरले ही मिलते हैं.
उनके प्रयास को न केवल स्थानीय लोगों ने बल्कि जिला प्रशासन ने भी स्वीकार किया. डीएम के निदेश पर शिक्षक दिवस पर समारोह आयोजित कर उनके विद्यालय को बेस्ट विद्यालय और उन्हें सर्वश्रेष्ठ एचएम के खिताब से नवाजा गया. शिक्षक फिरोज अहमद अंसारी ने डॉ शहजाद को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताते हुए कहा कि सिविल सोसायटी में भी उनकी अलग पहचान और मान-सम्मान है. शायद वे जिला के एक मात्र ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने सेवा में रहते हुए विभिन्न सामाजिक संस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभाई. वे रोटरी क्लब ऑफ सारण के पास्ट प्रेसिडेंट रहे.
रोटरी क्लब ऑफ ‘एवान-ए-छपरा’ के संस्थापक मेंटर्स बने. वे रेड क्रास सोसायटी के भी वरीय सदस्य हैं. सभी संस्थाओं में अभी भी वे सक्रिय हैं. डॉ शहजाद के विदाई समारोह में माहौल काफी मार्मिक रहा. वक्ताओं के साथ शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों ने उनके बिछड़ने को विद्यालय और क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति करार दिया. लोगों ने उनका अभिनंदन अंग वस्त्र, माला, बुके और उपहारों से किया. विदाई समारोह में पूर्व बीईओ संजय सिंह, पूर्व एचएम विजय कुमार, एचएम आशीष कुमार, उच्च विद्यालय परसा के एचएम वीरेंद्र कुमार, शिक्षक साजिदा खातून, ज्योति कुमारी, सोहेल अख्तर, शफीउर रहमान, संतोष कुमार महतो, मीरा कुमारी, निखिल गुप्ता, मो सद्दाम, आनंद कुमार, मो मुश्ताक, शमीम अहमद, सोनू कुमार आदि उपस्थित थे.
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