बांग्लादेश में फंसे भारतीय,उच्चायोग से नहीं मिल पा रही सहायता
हिंदुओं की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी- सद्गुरु जग्गी वासुदेव
भारत में कुछ लोग अशांति फैलाने की कर रहे कोशिश- रामदेव
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां उत्तर प्रदेश, बिहार व ओडिशा के लोग भी फंसे हुए हैं। एक भारतीय कंपनी में कार्यरत उत्तर प्रदेश के जौनपुर सहित पूर्वांचल के करीब 25 कर्मचारी भी इनमें शामिल हैं।
बांग्लादेश में फंसे जौनपुर के मनोज सिंह ने इंटरनेट कॉल के जरिये दैनिक जागरण प्रतिनिधि को बताया कि वे लोग बहुत परेशान और डरे हुए हैं। भारतीय उच्चायोग से सहायता न मिलने की शिकायत करते हुए उन्होंने मदद की गुहार लगाई है।
एक बिल्डिंग में फंसे हैं भारतीय
उन्होंने बताया कि शेख हसीनाके भारत पहुंचने पर आंदोलनकारी पूरी तरह से भारतीयों के विरुद्ध हो गए हैं। वे सभी एक बिल्डिंग में फंसे हैं, जिसका बाहर से गेट बंद है। कुछ राशन स्टॉक में है, जिससे काम चल रहा है। यहां की पुलिस भी भाग चुकी है। बात करते समय मनोज सिंह काफी घबरा रहे थे और यही कह रहे थे कि ‘भैया किसी तरह यहां से निकलवाओ।’
कंपनी के गेस्ट हाउस में लिए हैं
बिहार के हाजीपुर के अजय कुमार सिंह अब भी बांग्लादेश में फंसे हुए हैं। फोन पर बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके साथ बिहार के पांच-छह लोगों के अलावा उत्तर प्रदेश और ओडिशा के करीब 15 लोग भी फंसे हैं। वे लोग बीएसआरएम स्टील कंपनी में काम करते हैं। ढाका के आरामबाग में स्थित कंपनी के गेस्ट हाउस में अभी शरण लिए हुए हैं।
चार मंजिला गेस्ट हाउस के चारों ओर सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं। इसके बावजूद उन्हें डर लग रहा है। वे इंतजार कर रहे हैं कि कब अपने देश, अपने गांव लौट सकें। बीएचयू में पढ़ रहे बांग्लादेशी छात्र यहां चिंतित बीएचयू में पढ़ रहे 84 बांग्लादेशी छात्र और 42 बांग्लादेशी छात्राओं के बीच बांग्लादेश की स्थिति को लेकर चिंता है।
परिवार की सुरक्षा को लेकर विचलित
लगभग 200 बांग्लादेशी छात्र बीएचयू के विभिन्न विभागों में अध्यनरत हैं। वे अंतरराष्ट्रीय छात्रावास में रह रहे हैं। सभी बांग्लादेशी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बीएचयू में उचित कदम उठाए जा रहे हैं। बांग्लादेश के छात्र अंतूर घोष व विद्युत ने बताया कि वह अपने घर और परिवार के लोगों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। वह परिवार की सुरक्षा को लेकर विचलित भी हैं।
हिंदुओं की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी- सद्गुरु जग्गी वासुदेव
बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों से छात्रों द्वारा आरक्षण के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन ने अचानक हिंसक रूप ले लिया। इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ कर भारत आ गईं। इस बीच खबर है कि बांग्लादेश में हिंदूओं को भी निशाना बनाया जा रहा है। जिसे लेकर भारत सतर्क है।
ईशा फाउंडेशन के आध्यात्मिक नेता सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बुधवार को भारत सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए “जल्द से जल्द कार्रवाई करने” का आग्रह किया है।
27 जिलों में हिंदुओं के घर में हुई लूट
बांग्लादेश में स्थानीय मीडिया ने दावा किया था कि हिंदुओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भीड़ ने हमला किया और कम से कम 27 जिलों में उनके कीमती सामान भी लूट लिए गए।
सद्गुरु की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब योग गुरु रामदेव ने मंगलवार को बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों, मंदिरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर टारगेटेड हमलों की निंदा की और केंद्र से पड़ोसी देश में हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कूटनीतिक और राजनीतिक रूप से हर संभव प्रयास करने का आग्रह किया।
सद्गुरु ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार सिर्फ बांग्लादेश का आंतरिक मामला नहीं है। उन्होंने कहा, अगर हम अपने पड़ोस में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द खड़े होकर कार्रवाई नहीं करेंगे तो भारत महा-भारत नहीं बन सकता।
सद्गुरु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक समाचार रिपोर्ट साझा करते हुए लिखा, जो इस राष्ट्र का हिस्सा था, दुर्भाग्य से वह पड़ोस बन गया, लेकिन इन लोगों को – जो वास्तव में इस सभ्यता के हैं- उन्हें इन अत्याचारों से बचाना हमारी जिम्मेदारी है।
डेली स्टार ने बताया कि बांग्लादेश के लालमोनिरहाट सदर उपजिला में सोमवार शाम को तेलीपारा गांव में भीड़ ने लालमोनिरहाट पूजा उडजापान परिषद के सचिव प्रदीप चंद्र रॉय के घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की।
रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ ने थाना रोड पर जिले के पूजा उद्योग परिषद के नगरपालिका सदस्य मुहिन रॉय की कंप्यूटर दुकान में भी तोड़फोड़ और लूटपाट की।
इसके अलावा, जिले के कालीगंज उपजिला के चंद्रपुर गांव में चार हिंदू परिवारों के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हातिबंधा उपजिला के पुरबो सरदुबी गांव में कल रात 12 हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई।
ये सुनियोजित हमले हैं शर्मनाक: रामदेव
रामदेव ने कट्टरपंथी ताकतों द्वारा किए गए इन “सुनियोजित” हमलों को “शर्मनाक और खतरनाक” बताया और भारत से इनसे बचाव के लिए हरसंभव कदम उठाने का आह्वान किया।
रामदेव ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, मुझे डर है कि भारत को सतर्क रहना होगा ताकि हमारे हिंदू भाइयों की माताओं, बहनों और बेटियों का सम्मान और गरिमा दांव पर न लगे। पूरे देश को अपने अल्पसंख्यक हिंदू भाइयों के साथ पूरी ताकत से खड़ा होना होगा।
1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की भूमिका की ओर इशारा करते हुए रामदेव ने कहा, हमने बांग्लादेश के निर्माण में मदद की थी; अगर हम बांग्लादेश बना सकते हैं, तो हमें वहां रहने वाले हिंदुओं की रक्षा करने में अपनी ताकत दिखानी चाहिए।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बांग्लादेश के घटनाक्रम पर बयान देते हुए वहां हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की थी।