हिंडनबर्ग में मुख्य निवेशक हैं जॉर्ज सोरोस-भाजपा

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हिंडनबर्ग आरोपों पर जेपीसी जांच की मांग कांग्रेस का ढकोसलाः रविशंकर प्रसाद

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने SEBI की चेयरपर्सन माधबी बुच के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की कांग्रेस की मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और देश में निवेश को नष्ट करने के लिए एक ढकोसला है।

कांग्रेस बना रही माहौलः रविशंकर प्रसाद

उन्होंने ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि शॉर्ट सेलिंग कंपनी का आरोप और विपक्ष द्वारा बाजार नियामक सेबी की आलोचना एक व्यापक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक स्तर पर एक सुरक्षित, स्थिर और बेहतर बाजार के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ऐसा माहौल बनाना चाहती है कि भारत का निवेश परिदृश्य सुरक्षित नहीं है।

हिंडनबर्ग में निवेशक हैं जॉर्ज सोरोसः रविशंकर

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस हिंडनबर्ग में निवेशक हैं और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि शेयर बाजार धराशायी हो जाए, जिसने करोड़ों छोटे निवेशकों को अच्छी आय दी है।

भारत में आर्थिक अराजकता के लिए कांग्रेस ने रची है साजिशः भाजपा

उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा खारिज किए जाने के बाद, कांग्रेस, उसके सहयोगियों और टूलकिट गिरोह में उसके सबसे करीबी सहयोगी ने भारत में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता लाने के लिए एक साथ साजिश रची है। उन्होंने सवाल किया कि 2004 से 2014 के बीच कांग्रेस के 10 साल के शासन में कई कथित घोटाले हुए और तब इस तरह की आलोचनात्मक रिपोर्ट क्यों नहीं लाई गई?

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इस काल्पनिक रिपोर्ट के आधार पर आर्थिक अराजकता पैदा करने में शामिल है। उन्होंने जोर देकर कहा कि निवेशकों को साजिश का एहसास हो गया है और उन्होंने बाजार को झटका देने के प्रयासों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘फुस्स’ साबित हुई है क्योंकि भारत के निवेशकों ने इस शार्ट सेलर और कांग्रेस के ‘सुनियोजित षडयंत्र’ पर विश्वास नहीं किया।

माधवी पुरी बुच को बनाया गया निशानाः रविशंकर प्रसाद

उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी और उनके टूलकिट मित्रों की अगुवाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नफरत करते-करते कांग्रेस अब हिंदुस्तान से नफरत करने लगी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेबी ने अडाणी समूह के खिलाफ शेयर बाजार में हेरफेर के अपने पिछले साल के आरोपों के तहत अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग को नोटिस भेजा था लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुआ और इसके बजाय उसने उसकी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच को निशाना बनाया।

क्या है पूरा मामला?

हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि सेबी की अध्यक्ष बुच और उनके पति की कथित अडाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट विदेशी फंड में हिस्सेदारी थी। सेबी प्रमुख बुच और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है।

हिडंनबर्ग रिपोर्ट के बाद विवादों में घिरे गौतम अदाणी पर अमेरिका अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के बयान के बाद हंगामा मचा हुआ है। सोरोस का कहना है कि अदाणी ग्रुप के प्रकरण ने भारतीय शेयर में बिकवाली को हवा दी है। इसके बाद भारत के बारे में निवेशकों का भरोसा डगमगाया है। उन्होंने पीएम मोदी और अदाणी के रिश्तों को लेकर भी सवाल खड़ा किया है। आइए जानते हैं जॉर्ज सोरोस के बारे में…

कौन है जॉर्ज सोरोस?

जॉर्ज सोरोस 92 वर्षीय अमेरिकी अरबपति हैं। उनका जन्म यूरोपीय देश हंगरी में यहूदी परिवार में हुआ था। उनके परिवार ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के हमले के कारण हंगरी छोड़ दिया था। उस समय सोरोस की उम्र 17 वर्ष थी।

इसके बाद सोरोस लंदन पहुंचे और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई पूरी की। फिर वह 1956 में यूयॉर्क आ गए और यूरोपीय प्रतिभूतियों के विश्लेषक बन गए। फिर 1973 में हेज फंड की शुरू किया। 1969 से लेकर 2011 तक बाजारों लोगों के निवेश का प्रबंधन भी किया। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, सोरोस के पास 8.5 अरब डॉलर की संपत्ति है।

क्यों मचा है हंगामा?

सोरोस ने अदाणी ग्रुप विवाद पर कहा है कि पीएम मोदी को इस मामले पर विदेशी निवेशकों के सवालों का जबाव देना चाहिए। इस प्रकरण से मोदी की भारत सरकार पर पकड़ कमजोर होगी। इसने भारत में संस्थागत बदलावों के रास्ते को खोल दिया है। मुझे भारत में एक लोकतांत्रिक पुनरुद्धार की उम्मीद है। सोरोस के बयान के बाद विपक्षी पार्टियां इसे आधार बनाकर सरकार पर निशाना साध रही हैं।

सुर्खियां बटोरने की कवायद या कुछ और

सोरोस ने गुरुवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक भाषण में कहा कि पीएम मोदी को अदाणी समूह के आरोपों पर विदेशी निवेशकों और संसद में विपक्ष द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देना होगा। सोरोस ने अपने भाषण में कहा कि अदाणी विवाद देश में एक लोकतांत्रिक पुनरुद्धार का द्वार खोल सकती है।

उनका लगभग 42 मिनट का भाषण जलवायु परिवर्तन, रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका में मंदी, तुर्की आपदा और चीन में विफलताओं के बीच झूलता रहा। भारत के बारे में उन्होंने दावा किया कि मोदी और बिजनेस टाइकून अदाणी करीबी सहयोगी हैं, उनका भाग्य आपस में जुड़ा हुआ है।

अदाणी समूह पर गंभीर आरोप

अदाणी समूह पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि अदाणी पर हेरफेर का आरोप है और उनका स्टॉक ताश के पत्तों की तरह ढह गया। मोदी इस विषय पर चुप हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों का जवाब देना होगा। उन्होंने अपने दावे के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया। सभी हदों को पार करते हुए उन्होंने कहा कि इससे भारत की संघीय सरकार पर मोदी का दबदबा काफी कमजोर हो जाएगा और जरूरी संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने का दरवाजा खुल जाएगा।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट

अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप पर एक रिपोर्ट निकाली थी, जिसमें ग्रुप पर खातों में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद ग्रुप की कंपनियों के शेयर की कीमत तेजी से नीचे आ गई है। अब तक 120 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है।

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