जम्मू के अनंतनाग में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए हवलदार दीपक यादव की अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
दीपक यादव 2008 में सेना में भर्ती हुए थे
बेटे को खोने से ज्यादा उसकी शहादत पर गर्व है : सुरेश राय
श्रीनारद मीडिया, मृत्युंजय तिवारी, सारण (बिहार):
जम्मू के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड में शहीद हुए पैरा कमांडो के हवलदार दीपक यादव की अंतिम दर्शन को लेकर उनके पैतृक गांव छपरा जिले के लौवा कलां स्थित उनके घर पर स्थानीय प्रशासनिक, जनप्रतिनिधि सहित स्थानीय लोगो की हुजूम उमड़ पड़ी है, शहादत की खबर सुनकर पहुंचे सभी लोग उनकी एक झलक देखने को लेकर नम आंखों में एक अलग ही ललक दिख रही थी। शहीद दीपक यादव 2008 में सेना में भर्ती हुए थे, जबकि 2013 में उनकी शादी अनीता यादव से हुई थी, उन्हें एक आठ वर्ष का पुत्र रजनीश कुमार है।
शहीद दीपक यादव के भाई भी सेना में कार्यरत है। वही उनके पिता सुरेश राय ने बेटे के शहादत पर गर्व किया है, उन्होंने कहा कि उनका बेटा पाकिस्तान से लड़ाई भी पहले सेनाओं भी लड़ा है, और शनिवार को वो मुठभेड़ में देश की रक्षा के लिए लड़ते लड़ते शहीद हुआ, बेटे को खोने से ज्यादा उसकी शहादत पर गर्व है, दूसरा बेटा भी सेना में है, और आने वाले समय में शहीद दीपक यादव का बेटा भी सेना में जाएगा और देश सेवा करेगा, उन्होंने कहा कि देश सेवा के लिए शरीर के अंतिम रक्त तक लड़ने के लिए और बलिदान देने के लिए परिवार तैयार है।
पत्नी अनीता यादव ने बताया कि वे हैडक्वाटर स्थित अपने आवास पर थी तभी गुरुवार को उनका फोन आया कि तीन दिनों के लिए विशेष ऑपरेशन में जा रहे है, फोन पर बात नहीं होगी, वही पत्नी को उन्होंने अंतिम बार मुठभेड़ से पहले शनिवार की सुबह “गुड मॉर्निंग” का मैसेज भेजे थे, लेकिन बात नहीं हुई थी, और शाम सेना अधिकारियों द्वारा सूचना मिली कि दीपक यादव घायल है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और देर रात तक शहादत की खबर मिली। वह अपने आठ वर्षीय पुत्र रजनीश को गोद में लिए विलाप करती बेसुध है।
शहीद दीपक यादव की माता कुआरी देवी ने बताया कि तीन माह पहले अप्रैल में दस दिनों के लिए छुट्टी पर आए थे, और उस दौरान छह दिनों तक घर रहे है और फिर अपने कर्तव्य पर लौट गए, शहादत होने से एक दिन पूर्व वीडियो कॉल करके उन्होंने अपनी माता पिता से बात किया था, लेकिन ज्यादा देर तक कुछ बात नहीं हो पाई।
वही शहीद दीपक यादव की बहन मंजू देवी अपने भाई की शहादत की खबर से स्तब्ध है, और उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले से उससे बात हुई थी तो बताया कि रक्षाबंधन पर जरूर आऊंगा लेकिन रक्षाबंधन से एक सप्ताह पहले ही उसकी शहादत की खबर आई जो एक बहन के लिए असहनीय पीड़ा है।
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