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 उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती रद्द, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मेरिट लिस्ट फिर से बनाने का दिया आदेश 

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती रद्द, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मेरिट लिस्ट फिर से बनाने का दिया आदेश

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हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के मामले में दिया आदेश

6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची खारिज करने का आदेश यथावत

श्रीनारद मीडिया, यूपी डेस्‍क:

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 की 1 जून 2020 को जारी चयन सूची व 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से चयन सूची बनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि नयी चयन सूची बनाते समय यदि वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई पर खराब असर न पड़े।यह फैसला जस्टिस एआर मसूदी व जस्टिस बृजराज सिंह की दो सदस्यीय पीठ ने महेंद्र पाल व अन्य द्वारा एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल 90 विशेष अपीलों को एक साथ निस्तारित करते हुए पारित किया है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।

अब गांवों में खत्म होगी ‘प्रधान पति’ की प्रथा, केंद्र सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम; 18 राज्यों में अध्ययन जारी

सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका के बाद केंद्र की समिति कर रही प्रयास

अब तक 18 राज्यों में महिला प्रधानों की समस्याओं पर हो चुका अध्ययन

क्यों महिला प्रधानों को लेनी पड़ती है पति की ओट, कई वजह आई सामने

जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। देशभर की ढाई लाख पंचायतों में निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों की भागीदारी 44 प्रतिशत है। यह आंकड़ा तेजी से हो रहे महिला सशक्तीकरण की कहानी सुनाता है, लेकिन आजादी के इतने वर्षों बाद भी गूंज रहे ‘सरपंच पति और प्रधान पति’ जैसे शब्द इससे खलल डाल रहे हैं। इस कुप्रथा के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर होने के बाद जिस तरह से केंद्र सरकार ने सुधार की ओर प्रयास तेज किए हैं, उससे आशा कर सकते हैं कि भविष्य में यह प्रथा खत्म हो जाए।

18 राज्यों में किया गया अध्ययन

पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने 18 राज्यों में महिला प्रधानों की व्यावहारिक समस्याओं का अध्ययन कर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। अंतिम रिपोर्ट बनने के बाद इसके लिए सरकार ठोस कदम उठाने की तैयारी में है। समाजसेवियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पिछले वर्ष सरपंच पति प्रथा को लेकर जनहित याचिका दायर की थी।

केंद्र ने बनाई थी 10 सदस्यीय समिति

जुलाई, 2023 में कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर याचिकाकर्ताओं ने पंचायतीराज मंत्रालय को अपना प्रस्तुतीकरण दिया, जिसके बाद मंत्रालय ने सितंबर, 2023 में सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी सुशील कुमार की अध्यक्षता में दस सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन इस व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं के अध्ययन कर सुझाव देने को कहा।

क्यों लेनी पड़ती है पति की ओट?

मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि कमेटी में शामिल विशेषज्ञों ने 18 राज्यों में पंचायतीराज संस्थाओं की निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों की व्यावहारिक समस्याओं पर अध्ययन किया कि आखिर उन्हें प्रतिनिधि के रूप में अपने पति की ओट क्यों लेनी पड़ती है। अभी समिति ने अंतिम रिपोर्ट नहीं दी है, लेकिन अपने अध्ययन के कुछ प्रमुख बिंदु मंत्रालय से जरूर साझा किए हैं।

महिला प्रधानों ने क्या बताया?

समिति ने राजसमंद की एक महिला प्रधान के अनुभवों के आधार पर कहा है कि सिर्फ पांच वर्ष के कार्यकाल के लिए कोई महिला सरपंच सामाजिक और सामुदायिक मान्यताओं को तोड़ना नहीं चाहती। छत्तीसगढ़ और बिहार की महिला सरपंचों से फीडबैक मिला है कि पितृसत्ता, परिवार और जाति संबंधी पूर्वाग्रहों के सामना करते हुए सरपंच के रूप में कामकाज संभालना आसान नहीं है।

अभी क्षमतावान बनाने की आवश्यकता

वहीं, सभी राज्यों से जो समान कारण मिला, वह यह कि प्रभावी ढंग से कामकाज करने के लिए महिला जनप्रतिनिधियों को अभी और अधिक क्षमतावान बनाने की बहुत आवश्यकता है। इस अध्ययन के आधार पर समिति ने जो सुझाव दिए हैं, उनमें प्रमुखता से कहा है कि निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के शासन और प्रबंधन संबंधी कौशल और क्षमता विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहल करनी होगी।

सोच में बदलाव लाने की जरूरत

शिक्षा व्यवस्था और सोच में आमूलचूल परिवर्तन करने की आवश्यकता है। स्कूल ऑफ प्रेक्टिस बनाकर सफल महिला जनप्रतिनिधियों से प्रशिक्षण दिलाया जाए।

प्रमुख सुझाव

सरपंच पति प्रथा खत्म करने के उद्देश्य से राज्यों के लिए आदर्श कानून का प्रारूप बनाया जाए।

क्या राज्य महिलाओं के लिए पंचायत सचिव पद पर 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू कर सकते हैं?

मैन्युअल उन सभी भाषाओं में बनाने की व्यवस्था होनी चाहिए, जिसे अशिक्षित महिलाएं भी समझ सकें।

भ्रष्टाचार भी एक बड़ी चुनौती
बिहार और राजस्थान में अध्ययन करते हुए समिति ने पाया है कि महिला सरपंच कई चुनौतियां महसूस करती हैं, उनमें भ्रष्टाचार भी एक प्रमुख है। दरअसल, उन्हें कई चेक पर हस्ताक्षर करने होते हैं, निविदाएं स्वीकृत करनी होती हैं, तब उन्हें अनजाने में भी हुई गलती के कारण जेल जाने का डर सताता है। ऐसे में वह अपने पति पर ही भरोसा करते हुए उन पर निर्भर रहने में सुरक्षित महसूस करती

शिक्षक भर्ती सूची नए सिरे से बनेगी

69 हजार शिक्षकों की भर्ती में हाईकोर्ट का आदेश

आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची खारिज करने का आदेश यथावत

लखनऊ हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 की 1 जून 2020 को जारी चयन सूची व 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से चयन सूची बनाने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने इस सम्बंध में 13 मार्च 2023 के एकल पीठ के आदेश को संशोधित करते हुए यह भी निर्णय दिया है कि सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित मेरिट में आने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में ही माइग्रेट किया जाएगा।न्यायालय ने यह भी कहा है कि हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार दिए जाने वाले ऊर्ध्वाधर आरक्षण का लाभ, क्षैतिज आरक्षण को भी देना होगा। इसके साथ ही न्यायालय ने इसी भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज करने के एकल पीठ के निर्णय में कोई हस्तक्षेप न करते हुए तीन माह में नई सूची जारी करने की कार्रवाई पूरी कर लेने को कहा है।न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि नई सूची तैयार करने के दौरान यदि वर्तमान में कार्यरत कोई अभ्यर्थी प्रभावित होता है तो उसे सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई पर असर न पड़े।यह निर्णय न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने महेंद्र पाल व अन्य समेत 90 विशेष अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया है। उक्त अपीलों में एकल पीठ के 13 मार्च 2023 के निर्णय को चुनौती दी गई थी जिसमें एकल पीठ ने 69000 अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार करने के साथ-साथ 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज कर दिया था।नए सिरे से शिक्षक भर्ती की चयन सूची बनाए जाने से सामान्य वर्ग के कुछ अभ्यर्थियों की सेवा पर असर पड़ सकता है। उनके स्थान पर आरक्षित वर्ग के कुछ अभ्यर्थियों को समायोजित किया जा सकता है।

खंडपीठ ने एकल पीठ के निर्णय में यह संशोधन किया

खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा है कि सामान्य श्रेणी के लिए निर्धारित मेरिट के मार्क्स लाने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में ही माइग्रेट किया जाए। न्यायालय ने यह भी कहा है कि हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार दिए जाने वाले ऊर्ध्वाधर आरक्षण का लाभ, क्षैतिज आरक्षण को भी देना होगा। आरक्षण के सम्बंध में आरक्षण अधिनियम की धारा 3(6) सर्विस रूल्स 1981 के अपेंडिक्स-एक का नई सूची बनाते समय पूर्णतया पालन किया जाए।

क्या था आरक्षण पर एकल पीठ का निर्णय

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अपने निर्णय में कहा था कि टीईटी में आरक्षण का लाभ लेने वाले अभ्यर्थियों को सामान्य श्रेणी का कटऑफ मार्क्स पाने पर अनारक्षित वर्ग में रखा जाना सही है क्योंकि टीईटी एक अभ्यर्थी को सिर्फ सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लेने के लिए पात्र बनाता है। हालांकि एकल पीठ ने आगे कहा कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों ने आरक्षण का लाभ लिया है, उन्हें अनारक्षित श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

समायोजन से बचाने के लिए बढ़ा दी छात्र संख्या

शिक्षकों को बचाने में छात्र संख्या 61, 91, 121 व 151 दिखाई

सभी बीएसए को सूची भेजकर डाटा जांच करने के दिए निर्देश

3207 स्कूलों की छात्र संख्या में हेरफेर की आशंका

740 शिक्षक सरप्लस 748 की आवश्यकता

प्रयागराज। जिले के परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों के 740 शिक्षकों का जिले के अंदर समायोजन होगा। वहीं स्कूलों में 748 शिक्षकों की आवश्यकता है। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने शुक्रवार को सरप्लस शिक्षकों की सूची जारी कर दी। ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में 696 सहायक अध्यापक और 37 प्रधानाध्यापक सरप्लस मिले हैं। वहीं नगर क्षेत्र में सात सहायक अध्यापक सरप्लस हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में 701 सहायक अध्यापकों व 37 प्रधानाध्यापकों की जरूरत है। नगर क्षेत्र में 10 सहायक अध्यापकों की आवश्यकता है। आवश्यकता वाले विद्यालयों एवं सरप्लस शिक्षकों की सूची बीएसए के लॉगइन पर प्रदर्शित कर दी जाएगी। बीएसए यह सूची 20 से 22 अगस्त तक नोटिस बोर्ड पर चस्पा करते हुए सरप्लस शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं से आपत्ति मांगेंगे। 23 व 24 अगस्त को आपत्तियों का निस्तारण कराया जाएगा। 26 व 27 अगस्त को बीएसए मानव संपदा पोर्टल पर डाटा अपडेट करेंगे।

सीतापुर और जौनपुर में 100 से अधिक स्कूल

समायोजन के लिए भेजी गई सूची में छात्र संख्या बढ़ाने की आशंका के मामले में सर्वाधिक स्कूल सीतापुर के 122 और जौनपुर के 128 हैं। इसके अलावा हरदोई के 89, गोंडा 80, सुल्तानपुर के 78 स्कूल हैं। प्रयागराज के 76, प्रतापगढ़ 52 और कौशाम्बी के 30 स्कूल हैं।

प्रयागराज, मुख्य संवाददाता। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के समायोजन से पहले ही खेल शुरू हो गया है। शिक्षकों को समायोजन से बचाने को प्रधानाध्यापकों ने छात्र संख्या बढ़ाकर दर्ज कर दी। नामांकन के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर शिक्षकों को अनुचित लाभ देने की आशंका होने पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने प्रदेशभर के 3207 प्राथमिक स्कूलों की सूची बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजकर नए सिर से छात्र संख्या की जांच के आदेश दिए हैं।हाईकोर्ट के आदेश पर 31 मार्च की बजाय 30 जून की छात्र संख्या के आधार पर समायोजन की कार्यवाही की जा रही है। सभी 75 जिलों से भेजी गई सूची में दुर्भावनापूर्ण इरादे से 3207 विद्यालयों की छात्र संख्या सही अंकित करने की बजाय बढ़ाकर 61, 91, 121 और 151 आदि दर्ज करने की आशंका है। दरअसल, आरटीई में 61 से 90 तक दो शिक्षक, 91 से 120 तक तीन, 121 से 150 तक चार और 150, 151 से 200 तक पांच शिक्षक और 200 से अधिक छात्र संख्या पर पांच शिक्षक व एक प्रधानाध्यापक का प्रावधान है। जिन प्राथमिक स्कूलों में छात्र संख्या कम होने के कारण शिक्षकों पर समायोजन की तलवार लटक रही थी वहां छात्र संख्या 61, 91, 121 दर्ज कर दिया गया ताकि समायोजन से बचाया जा सके। बीएसए को चेतावनी दी है कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से छात्र संख्या बढ़ाने की पुष्टि होने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि इससे समायोजन प्रक्रिया की शुचिता पर प्रश्न चिह्न लगने जैसा है। बीएसए को छात्र संख्या की व्यक्तिगत रूप से जांच करते हुए, आवश्यक होने पर डाटा संशोधन के लिए पत्र ई-मेल करने को कहा गया है।

झण्डे का पाइप लगा रहे चार छात्र करंट से झुलसे

स्वतंत्रता दिवस के दिन बूड़ा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय की घटना

जिला अस्पताल में भर्ती चारों छात्रों और परिवारीजनों से डीएम ने जाना हाल

विद्यालय परिसर से होकर गुजर रही एचटीलाइन से टकरा गया था लोहे का पाइप

सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान टीम। मोहाना थाना क्षेत्र के बूड़ा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में गुरुवार सुबह बड़ी दुर्घटना हो गई थी। राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए चार छात्र परिसर में लोहे की पाइप गाड़ रहे थे इस दौरान स्कूल के ऊपर से गुजर रहे हाई टेंशन तार से पाइप टकरा गया। चारों बच्चे करंट की चपेट में आकर झुलस गए। चारों को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। डीएम डॉ राजा गणपति आर ने जिला अस्पताल पहुंच कर बच्चों से मु लाकात की और डॉक्टरों से बेतहर स्वास्थ सुविधा देने को कहा।गुरुवार सुबह साढ़े सात बजे आजादी का जश्न मनाने स्कूल स्टाफ और बच्चे आए हुए थे। तिरंगा फहराने के लिए परिसर में लोहे का पाइप राम लाल (12) पुत्र नंदराम, सूरज (13) पुत्र रामराज, अर्जुन (12) पुत्र राम कुमार और गोपाल (12) पुत्र भीषण गाड़ने के लिए खड़ा कर रहे थे कि वह परिसर के ऊपर से गुजर रहे हाई टेंशन बिजली के तार से टकरा गया इससे चारों करंट की चपेट में आकर झलस गए। बच्चों के करंट लगते ही अफरा तफरी मच गई।

सूचना की जानकारी मिलते ही अभिभावक पहुंच गए विद्यालय: विद्यालय में बच्चों को करंट लगने की सुचना पर छात्रों के परिजन स्कूल पहुंच गए। अभिभावक उन्हें लेकर अस्पताल चले गए। कुछ ही देर बाद इंचार्ज प्रधानाध्यापक सरिता और बाकी स्टाफ भी स्कूल से चला गया। बच्चों को जिला अस्पताल लाकर भर्ती करा दिया गया। इस बीच मोहाना थानाध्यक्ष जीवन त्रिपाठी भी मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने लोगों ने बात की ।

*चिकित्सक ने बताया खतरे से बाहर है बच्चे: * डीएम डॉ राजागणपति आर जिला अस्पताल पहुंच गए थे। उन्होंने करंट से घायल बच्चों से मुलाकात की। डॉक्टरों से सभी छात्रों का अच्छे से अच्छा इलाज करने को कहा। डॉक्टरों ने डीएम से बताया कि बच्चे अब खतरे से बाहर हैं। जल्द ही स्वस्थ्य हो जाएग

डॉक्टरों से हिंसा की रिपोर्ट छह घंटे के भीतर होगी

नई दिल्ली, एजेंसी। ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हिंसा की घटना के छह घंटे के भीतर चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों को प्राथमिकी दर्ज करानी होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को देशभर में केंद्र सरकार के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज को इस संबंध में आदेश जारी किया।कोलकाता में महिला डॉक्टर से कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले को लेकर दिल्ली समेत कई राज्यों में शुक्रवार को चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने अपना विरोध तेज कर दिया।। दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल से इंडिया गेट तक मार्च निकाला गया। यूपी में राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अस्पतालों में लगातार पांचवें दिन भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी रही। इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं प्रभावित रहीं, इससे मरीजों को काफी परेशानी हुई। उधर महाराष्ट्र में रेजिडेंट चिकित्सकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल में शुक्रवार को वरिष्ठ चिकित्सक भी शामिल हो गए जिससे सरकारी एवं नगर निकाय के अस्पतालों में सेवाएं बाधित हुईं और राज्य में हजारों मरीजों को असुविधा हुई।

एमएनएनआईटी में शुरू हुए बीटेक के दो नए कोर्स

प्रयागराज। एमएनएनआईटी के निदेशक प्रो. आरएस वर्मा ने बताया कि वर्तमान सत्र से पहली बार इंजीनियरिंग एवं कम्प्यूटेशनल मैकेनिक्स तथा मैटेरियल्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू हुई। शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग संस्थानों से 16 एमओयू हुए हैं।वर्ष 2023 में संस्थान ने दो चरणों में 142 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। 30.06 करोड़ की परियोजना लागत से सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं के साथ बहुमंजिला सकाय आवास (48 नंबर) पूरे हो गए। नए शैक्षणिक ब्लाक का निर्माण कार्य चल रहा है।ब्वॉयज हॉस्टल को जोड़ने के लिए अंडरपास बन रहा है। संस्थान को 27 नए पेटेंट मिले हैं। 13 नए पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है। बीटेक के सभी पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही छात्रों को माइनर और मेजर का विकल्प दिया गया है।

पीडब्ल्यूडी में 67 एक्सईएन के हुए तबादले

लखनऊ। लंबे इंतजार के बाद शासन ने शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग में स्थानांतरण नीति की जद में आने वाले 67 अधिशासी अभियंताओं का स्थानांतरण आदेश जारी किया। बताया जाता है कि प्रमुख सचिव अजय चौहान ने तबादले की जद में आ रहे एक-एक एक्सईएन की फाइल का विस्तृत अध्ययन करने के बाद फाइल अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री को भेजी

सहायक नगर नियोजक भर्ती को आवेदन मांगे

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सहायक नगर नियोजक भर्ती -2023 की मुख्य परीक्षा के लिए 30 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। परीक्षा नियंत्रक ने प्रारंभिक परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि आवेदन पत्र का प्रिंट आउट निकालकर प्रमाणपत्रों के साथ आयोग कार्यालय में छह सितंबर तक पंजीकृत डाक से या व्यक्तिगत रूप से जमा करें।आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम दो अक्तूबर को घोषित किया था जिसमें 24 रिक्तियों के सापेक्ष केवल 30 अभ्यर्थियों को ही मुख्य परीक्षा के लिए सफल थे। इस भर्ती के लिए कुल 2374 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। 30 जून 2024 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में 754 अभ्यर्थी ही सम्मिलित हुए थे।

अश्लील हरकत पर प्रधानाचार्य गिरफ्तार

खुर्जा। क्षेत्र के एक स्कूल में छात्रा से अश्लील हरकत पर प्रधानाचार्य और छात्रा के पिता से मारपीट करने पर अकाउंटेंट सहित तीन के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। पुलिस ने प्रधानाचार्य को दबोच लिया है। गांव निवासी व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि उसकी बेटी कक्षा 11 की छात्रा है। पुत्री को प्रधानाचार्य एक माह से स्कूल व्हाट्सएप ग्रुप से नंबर लेकर अश्लील मैसेज कर रहा था।पुत्री द्वारा परिजनों को बताने पर विद्यालय आकर प्रबंधन समिति से बात करने की बात कही। 15 अगस्त की सुबह उसकी बेटी स्कूल गई थी।छुट्टी के समय करीब नौ बजे छात्रा का पिता अपने साले और एक अन्य साथी को लेकर विद्यालय पहुंचा, तो जानकारी हुई कि प्रार्थी की बेटी को प्रधानाचार्य ने कमरे में बंद कर रखा है। आरोप है कि यह सुनकर प्रार्थी कमरे की तरफ गया और कमरे में घुसा तो देखा कि प्रधानाचार्य उसकी बेटी से अश्लील हरकतें कर रहा था।विरोध करने पर अकाउंटेंट और कुछ स्टाफ ने छात्रा के पिता और साथ आए व्यक्ति पर जान से मारने की नीयत से सिर पर प्रहार कर दिया। पीड़ित ने भागकर बाहर निकलते हुए पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने उन्हें और उनकी पुत्री को बचाया। मामले में पुलिस ने तहरीर के आधार पर प्रधानाचार्य, अकाउंटेंट और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

शैक्षणिक गतिविधियों की डीएम ने जानी हकीकत

सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। जिला मुख्यालय स्थित पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय का जिलाधिकारी डॉ. राजागणपति आर ने शुक्रवार को निरीक्षण किया। इस मौके पर विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही सरकारी सुविधाओं के बारे में पूछताछ की। प्रयोगशाला में पहुंचकर बच्चों से अहम जानकारी ली। डीएम ने पीएम श्री योजना के तहत प्रस्तावित लक्ष्यों का अनुमोदन करते हुए सर्वांगीण विकास के लिए निर्देशित किया।जिलाधिकारी डॉ. राजागणपति आर ने मुख्य विकास अधिकारी जयेंद्र कुमार के साथ केंद्रीय विद्यालय का निरीक्षण किया। इस मौके पर प्राचार्य नीरज कुमार शुक्ल की उपस्थिति में विद्यालय के स्काउट-गाइड की कलर पार्टी एवं विद्यार्थियों द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति से स्वागत किया गया। बाद में प्राचार्य ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें शैक्षणिक उपलब्धियों एवं पीएम श्री योजना के तहत विद्यालय में किये गये कार्यों पर पीपीटी के माध्यम से प्रकाश डाला। पीएम श्री योजना के तहत प्रस्तावित लक्ष्यों की भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने अनुमोदन दिया। इस वैठक में जिलाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा विद्यालय में हर कैरियर काउन्सलिंग आयोजित कराने पर जोर दिया।

तिरंगा यात्रा के दौरान आपत्तिजनक नारेबाजी

मेरठ। कंकरखेड़ा के शोभापुर में 15 अगस्त को तिरंगा यात्रा के दौरान आपत्तिजनक नारेबाजी की वीडियो सामने आई है। वीडियो को लेकर एलआईयू, पुलिस और प्रशासन को जानकारी दी गई, जिसके बाद सभी ने संज्ञान लिया है। मदरसा संचालक को बुलाकर पूछताछ की गई है, केस दर्ज किया जा रहा है।शोभापुर में कुछ मदरसा छात्रों को साथ लेकर मुतवल्ली ने गुरुवार यानी 15 अगस्त को सुबह के समय तिरंगा यात्रा निकाली थी। इस दौरान आपत्तिजनक नारे लगाए गए थे। कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर पुलिस प्रशासन से शिकायत की। वीडियो हिंदू संगठनों और भाजपाइयों के पास भी पहुंच गई। इसके बाद वीडियो में लगाए जा रहे धार्मिक नारे और एक लाइन को लेकर आपत्ति की गई। मामले में डीएम दीपक मीणा और एसएसपी डॉ. विपिन ताडा से भाजपाइयों ने शिकायत की। वीडियो को लेकर जांच शुरू की गई तो वीडियो यहां कंकरखेड़ा के होने की पुष्टि हो गई। इसके बाद पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया। पुलिस ने शोभापुर मदरसे के मुतवल्ली और तिरंगा यात्रा के आयोजक बिलाल को थाने बुलाया और पूछताछ की। इसके बाद अफसरों ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। फिलहाल इस मामले में पूछताछ जारी है।

आईटीआई प्रवेश की अंतिम तिथि 19 अगस्त

लखनऊ। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। व्यावसायिक शिक्षा राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने शुक्रवार को बताया कि आईटीआई में प्रशिक्षण सत्र के लिए पहले चरण के चयन परिणामों के आधार पर प्रवेश की अंतिम तिथि 16 अगस्त थी, जिसे अब 19 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक (अवकाश सहित) बढ़ा दिया गया है

 

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