विश्व मच्छर दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल परिसर में जागरूकता रैली का हुआ आयोजन:
मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना इसका मुख्य उद्देश्य: सिविल सर्जन
सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए: ओपी लाल
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
मच्छर वह कीट होते हैं जो मनुष्य के शरीर में रोग फैलाने की क्षमता रखता है, जिस कारण प्रतिवर्ष विश्व में लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है। मच्छर के काटने से होने वाला रोग मलेरिया एक खतरनाक बीमारी है, जो कई लोगों के लिए मौत का पैगाम बनकर सामने आता है। मादा एनोफिलीज मच्छर प्रोटोजुअन प्लासमोडियम नामक कीटाणु के प्रमुख वाहक होते हैं, जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक कीटाणु फैला देते हैं। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ श्री निवास प्रसाद ने विश्व मच्छर दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल परिसर में जागरूकता रैली के दौरान कही।
वही इन्होंने यह भी कहा कि मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और इसकी रोकथाम को बढ़ावा देने के लिए ही प्रत्येक वर्ष 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। हालांकि विश्व मच्छर दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 1930 में लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन और ट्रॉपिकल मेडिसिन ने की थी।
इस मच्छर की खोज के कारण ब्रिटिश चिकित्सक सर रोनाल्ड रॉस को वर्ष 1902 में मेडिसिन के लिए नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। हालांकि पूरी दुनिया में इस खास अवसर पर कई तरह के स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजन कर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता हैं। इस तरह के मच्छर के काटने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया सहित कई अन्य प्रकार के रोगों का खतरा भी बढ़ता है। इसके काटने से होने वाली बीमारी से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है।
सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए: ओपी लाल
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओपी लाल ने कहा कि घर के आसपास जमा पानी से छुटकारा पाने के लिए रुके हुए पानी में मलेरिया विभाग द्वारा दवाओं का छिड़काव करना चाहिए। हालांकि इस रोग में कुनैन की गोली लेना ज्यादा फायदेमंद साबित होता है, साथ ही सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए। अपने घर के बाहर कूड़ा, कचरा या गंदगी को जमा नही होने देना चाहिए। वहीं पूरी बांह वाले कपड़े पहनें और रात में मच्छर नही काटें, इसका भी उचित ध्यान रखना चाहिए।
बारिश के दिनों में अपने घरों के आसपास, अंदर और बाहर अनावश्यक रूप से एकत्रित पानी होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, इतना ही नहीं घर में कूलर व अन्य खुले बर्तनों में लंबे दिनों तक पानी रहने से अक्सर उसमें डेंगू मच्छर का लार्वा पैदा हो जाता है। हालांकि इसमें एनाफिलीज एडीज, क्यूलेक्स मच्छर ज्यादा खतरनाक होता है। वहीं इसके पंख पर 4 से 5 काले धब्बे होते हैं और यह दीवारों और त्वचा पर 45 डिग्री का कोण बनाकर बैठे रहते हैं। यह घर के सामानों, दरवाजों पर डेरा डाल कर बैठते हैं। मलेरिया के प्रमुख लक्षण में मरीज को एक निश्चित समय पर बुखार आता है, सिरदर्द और मितली आने तथा हाथ और पैरों में दर्द के साथ कंपकंपी और ठंड लगने का भी एहसास होता है।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ श्री निवास प्रसाद, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओपी लाल, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अनिल कुमार, डीपीसी इमामुल होदा, पीरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि कुंदन कुमार, वीडीसीओ राजेश कुमार, विकास कुमार और कुंदन कुमार सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।l
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