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बिहार में भारत बंद का सड़क यातायात पर गहरा असर दिखा

बिहार में भारत बंद का सड़क यातायात पर गहरा असर दिखा

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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21 अगस्त 2024 यानी आज ‘भारत बंद’ के नाम से देशभर में हड़ताल का आह्वान किया गया है। यह एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल है, जिसमें एससी/एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया जाएगा। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति और राजस्थान के एससी/एसटी समूह इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बंद के आह्वान के बावजूद सरकारी कार्यालय, बैंक, स्कूल, कॉलेज और पेट्रोल स्टेशन खुले रहने की संभावना है। बसपा समेत कई पार्टियां इस बंद का समर्थन कर रही हैं।

भारत बंद के दौरान पटना पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किए जाने के बाद, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार की कार्रवाई की तीखी आलोचना की। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने घटना का एक वीडियो साझा किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे पुलिस को दलित और हाशिए के समुदायों को निशाना बनाने का निर्देश दे रहे हैं जबकि अपराधियों को बेखौफ होकर काम करने की अनुमति दे रहे हैं।

मधुबनी में भारत बंद का खासा असर देखा जा राह है। भारत बंद आंदोलन के दौरान मधुबनी रेलवे स्टेशन पर भारत बंद समर्थकों द्वारा जयनगर- समस्तीपुर सवारी गाड़ी तथा समस्तीपुर-जयनगर सवारी गाड़ी को करीब एक घंटे तक रोककर रखा गया। वहीं बंद समर्थकों द्वारा शहर के चभच्चा चौक पर सड़क जाम किया गया।

बिहार के आरा जिले के रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो पर भारत बंद समर्थकों ने सहरसा रानी कमलापति स्पेशल ट्रेन को रोकर विरोध प्रदर्शन किया। आरा के पूर्वी गुमटी के पास भी राजद और सीपीआई माले कार्यकर्ताओं ने ट्रैक पर खड़े होकर गाड़ियों का अवागमन रोकने का प्रयास किया। जमीरा हाल्ट के समीप पटना से पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन जाने वाली ट्रेन कुछ देर खड़ी रही । जिला बल और आरपीएफ जवान हटाने में जुटे रहे।

आरक्षण के मुद्दे पर विभिन्न संगठनों के भारत बंद के दौरान डाकबंगला चौराहा पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस क्रम में सदर एसडीओ श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर पर भी एक सिपाही ने लाठी चला दी। पीछे से पीठ पर लाठी लगने पर एसडीओ अवाक रह गए। दरअसल, लाठीचार्ज के दौरान एसडीओ एक डीजे से लगे जनरेटर को बंद करवा रहे थे। उनके साथ कई पुलिस ऑफिसर और जवान भी थे। इसी दौरान पीछे से आए एक सिपाही ने उनकी पीठ पर लाठी मार दी।

एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर भीम सेना समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया गया है। इस बंद को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने समर्थन दिया है। कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने को लेकर सड़क पर उतर गए है। घाटशिला अनुमंडल व चाईबासा में बंद का असर दिखने लगा है। स्कूल, कालेज व व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद है। कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर बंद करवा रहे हैं।

बिहार के सारण जिले में बहुजन दलित समाज के भारत बंद को लेकर बुधवार को पुलिस सुबह से ही अलर्ट मोड पर है। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में ट्रैफिक एक्शन फोर्स एवं पुलिस बल की तैनाती की गई है। मुख्य मार्ग एवं शैक्षणिक संस्थाओं के पास पुलिस गस्ती कर रही है। गली मोहल्ले में बाइक से पुलिस गस्ती कर रही है। वहीं, रेल प्रशासन बंद को लेकर मुस्तैद है। छपरा जंक्शन, छपरा कचहरी एवं रेलवे ढाला पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। रेल पटरी पर आरपीएफ के जवान पेट्रोलिंग कर रहे हैं।

एससी और एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज देश भर में दलित और आदिवासी संगठन सड़कों पर उतरे हैं। इन संगठनों ने फैसले के बाद ही 21 अगस्त को बंद आयोजित करने का ऐलान किया था। इस बंद का मिलाजुला असर यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। यूपी की बात करें तो भारत बंद का असर हाथरस, हापुड़, आगरा जैसे जिलों में दिख रहा है, लेकिन कानपुर, प्रयागराज, नोएडा, गाजियाबाद जैसे शहरों में यह बेअसर ही दिख रहा है।

बिहार में भारत बंद का असर दरभंगा, नवादा, जहानाबाद जैसे जिलों में काफी ज्यादा असर है। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने दुकानें बंद करवा दीं और आरक्षण को लेकर नारेबाजी भी की। यहां कांग्रेस, आरजेडी और वामदलों ने इस बंद का समर्थन किया है। वहीं एनडीए का हिस्सा लोजपा-रामविलास ने भी इस बंद को अपना समर्थन दिया है। झारखंड में भी इस बंद का असर दिखा है, लेकिन अलग-अलग शहरों में इसका अंतर दिखा। बड़े शहरों में इसका असर कम दिखा है, लेकिन छोटे कस्बाई शहरों में बंद प्रभावी दिखा। बंद के कारण झारखंड में सार्वजनिक परिवाहन की बसें सड़कों से नदारद रहीं और स्कूल भी बंद हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि हड़ताल के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपना पलामू का दौरा रद्द कर दिया है। बता दें कि इस आंदोलन को बसपा, आजाद समाज पार्टी जैसे दलित विचारधारा के दलों ने समर्थन दिया है तो वहीं कांग्रेस, आरजेडी, समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने भी बंद का समर्थन किया है। अखिलेश यादव ने बंद का समर्थन करते हुए कहा कि आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है।

बिहार में सड़कों पर ही चल रहे भाषण, ट्रैफिक पर गहरा असर

बिहार में भारत बंद का सड़क यातायात पर गहरा असर दिख रहा है। पूर्णिया, खगड़िया, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बक्सर, पटना, समस्तीपुर, औरंगाबाद, जहानाबाद समेत कई जिलों में एनएच और दूसरी सड़कों को बंद समर्थकों ने टायर जलाकर जाम कर दिया है। कई जगहों पर सड़क पर ही शामियाना लगाकर धरना और भाषण चल रहा है।

पुलिस बंद से निपटने को सड़क पर है लेकिन जहानाबाद को छोड़कर कहीं भी बल प्रयोग की खबर नहीं मिली है। मोतिहारी, बक्सर में ट्रेन को भी रोकने की खबर है। बाजार पर भी बंद का असर है। कई जिलों में एहतियातन निजी स्कूल बंद हैं। सिपाही भर्ती परीक्षा भी आज चल रही है जिसमें शामिल होने पहुंचे परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र तक जाने में परेशानी की खबरें हैं।

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