हमने जो रास्ता चुना है, वह युद्ध से दूर है- पीएम मोदी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के एक दिवसीय दौरे पर हैं। राजधानी कीव पहुंचकर प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। मोदी यहां ट्रेन रेल फोर्स वन से पहुंचे।
मोदी के कीव पहुंचने पर जेलेंस्की ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने पहले हाथ मिलाया और फिर एक-दूसरे को गले लगाया। दोनों नेता यूक्रेन के नेशनल म्यूजियम पहुंचे और जंग में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
तबाही की तस्वीरें देख मोदी भावुक भी हो गए। मोदी ने मेमोरियल पर एक डॉल भी रखी। यूक्रेन की तबाही की तस्वीरों को देखकर जेलेंस्की भी भावुक हो गए थे। मोदी ने उनके कंधे पर हाथ रखकर उन्हें सांत्वना दी।
बता दें कि पीएम ट्रेन से यात्रा कर शुक्रवार सुबह कीव पहुंचे। इस दौरान भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत किया। पीएम ने इसके बाद बोटैनिकल गार्डन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।
ये युद्ध का युग नहीं
इससे पहले मोदी ने पोलैंड में भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि भारत इस अस्थिर क्षेत्र में शांति का समर्थक है। उन्होंने कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है। किसी भी संघर्ष को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।
राजधानी कीव में उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने जो दूसरा रास्ता चुना है, वह युद्ध से दूर रहना है। हम बहुत दृढ़ता से युद्ध से दूर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम तटस्थ नहीं थे। हम पहले दिन से ही पक्षकार रहे हैं और हमारा पक्ष है शांति, हम बुद्ध की भूमि से आते हैं जहां युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है।’ उन्होंने कहा कि हम महात्मा गांधी की भूमि से आते हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया।
पीएम मोदी ने कहा, ‘जब युद्ध के शुरुआती दिन थे, तब आपने भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने में मदद की थी। मैं संकट के इस समय में आपकी मदद के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। दुनिया अच्छी तरह जानती है कि युद्ध के दौरान हमने 2 भूमिकाएं निभाई थीं। पहली भूमिका मानवीय दृष्टिकोण की थी।’ उन्होंने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण से जो भी जरूरत होगी, उसके लिए भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा और दो कदम आगे रहेगा।
‘जब मैं राष्ट्रपति पुतिन से मिला तो…’
नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आप और यूक्रेन के लोग भी जानते हैं कि भारत का शांति प्रयासों में सक्रिय योगदान रहा है। आप जानते हैं कि हमारा दृष्टिकोण लोगों पर केंद्रित रहा है। मैं आपको और पूरे विश्व समुदाय को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि यह भारत की प्रतिबद्धता है। हम मानते हैं कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है। हम इसका समर्थन करते हैं।
कुछ समय पहले, जब मैं इसके समर्थन में राष्ट्रपति पुतिन से मिला था, तो मैंने उनसे कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है। पिछले दिनों, जब मैं एक बैठक के लिए रूस गया था, तो मैंने वहां भी स्पष्ट शब्दों में कहा था कि किसी भी समस्या का समाधान कभी भी रणभूमि में नहीं होता है। समाधान केवल बातचीत, संवाद और कूटनीति के माध्यम से होता है। हमें बिना समय बर्बाद किए उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने होंगे।’
‘शांति के हर प्रयास में भूमिका निभाने को तैयार’
पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं यूक्रेन की धरती पर आपके साथ शांति और आगे बढ़ने के मार्ग पर विशेष रूप से चर्चा करना चाहता हूं। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भारत शांति के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें योगदान दे सकता हूं, तो मैं ऐसा जरूर करना चाहूंगा। एक मित्र के रूप में, मैं आपको इसका विश्वास दिलाता हूं। उन्होंने कहा, ‘आज मैं यूक्रेन में 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं लेकर आया हूं। 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं मानवता से प्रेरित हैं। आज मैं यूक्रेन की धरती पर शांति का संदेश लेकर आया हूं।’
‘भारत-यूक्रेन के संबंधों के लिए ऐतिहासिक दिन’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘इस दर्दनाक परिस्थिति में भी आपने (राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की) जिस गर्मजोशी से मेरा और मेरे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया, उसके लिए मैं हृदय से आपका आभार व्यक्त करता हूं। आज भारत और यूक्रेन के संबंधों के लिए बहुत ऐतिहासिक दिन है।’ उन्होंने कहा कि भारत का कोई प्रधानमंत्री पहली बार यूक्रेन आया है जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है। कल आपका राष्ट्रीय दिवस है और हम आपको इसके लिए बधाई देते हैं। हम (यूक्रेन में) शांति, सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।