नई पेंशन स्कीम से किनता मिलेगा लाभ?
NPS और OPS से कितनी अलग है UPS?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में पूर्व वित्त सचिव टीवी स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था, ताकि एनपीएस की समीक्षा की जा सके।इस समिति ने केंद्रीय कर्मचारियों के संघों व दूसरे प्रतिनिधियों, राज्य सरकारों, आरबीआई, विश्व बैंक, राजनीतिक दलों समेत श्रम संगठनों के साथ विस्तार से विमर्श के बाद एक रिपोर्ट तैयार की थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने का फैसला किया गया है।
Unified Pension Scheme: 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा लाभ देते हुए मोदी सरकार ने एक नई पेंशन योजना शुरू की है। यूनिफाइ़ड पेंशन स्कीम (UPS) 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। नेशनल पेंशन स्कीम ग्राहकों के पास अब यूपीएस पर स्विच करने का ऑप्शन होगा। इसमें सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी।
दरअसल, एनपीएस में बदलाव की सरकार की योजना कई गैर-बीजेपी राज्यों द्वारा डीए से जुड़ी पुरानी पेंशन योजना (OPS) को वापस लागू करने के फैसले और कुछ अन्य राज्यों में कर्मचारी संगठनों द्वारा इसकी मांग उठाए जाने के बाद आई है।
एकीकृत पेंशन योजना//यूनिफाइड पेंशन स्कीम
फिक्स्ड पेंशन
रिटायरमेंट से पहले पिछले 12 महीनों में एवरेज बेसिक पेय का 50%।
कम से कम 25 साल तक नौकरी करने वाले कर्मचारियों को ही इसका फायदा मिलेगा।
सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन
कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले की पेंशन का 60% हिस्सा परिवार को मिलेगा।
सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन
न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद रिटायरमेंट पर 10,000 रुपये प्रति माह का पेंशन मिलेगा।
इंफ्लेशन इंडेक्सेशन बेनिफिट
महंगाई के हिसाब से इन तीनों पेंशन पर डीआर का पैसा दिया जाएगा। यह ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स पर आधारित होगा।
ग्रेच्युटी
कर्मचारी को उसकी नौकरी के आखिरी 6 महीने का वेतन और भत्ता एक लमसम अमाउंट के तौर पर मिलेगा। यह कर्मचारी के आखिरी बेसिक सैलरी का 1/10वां हिस्सा होगा।
नेशनल पेंशन स्कीम/ राष्ट्रीय पेंशन योजना
सरकार का कंट्रीब्यूशन
एनपीएस ने कर्मचारियों और सरकार द्वारा किए गए कंट्रीब्यूशन के आधार पर पेंशन का वादा किया था।
इसके लिए केंद्र सरकार के कर्मचारी के मूल वेतन से 10 प्रतिशत और सरकार से 14 प्रतिशत कंट्रीब्यूशन की आवश्यकता थी।
यूपीएस में कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन 10 प्रतिशत ही रहेगा, जबकि सरकार का कंट्रीब्यूशन बढ़कर 18.5 प्रतिशत हो जाएगा।
पेंशन राशि
एनपीएस में पेंशन राशि तय नहीं है क्योंकि यह एक बाजार से जुड़ी योजना है। वहीं, यूपीएस एक सुनिश्चित पेंशन प्रदान करता है, जो 1 जनवरी, 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वालों के लिए वेतन का 50% है।
पारिवारिक पेंशन
एनपीएस के तहत पारिवारिक पेंशन पेंशन फंड में संचित राशि और रिटायरमेंट के समय चुनी गई वार्षिकी योजना पर निर्भर करती है।
सरकारी और निजी कर्मचारियों के लिए
एनपीएस को 1 जनवरी, 2004 को या उसके बाद केंद्र सरकार में शामिल होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मचारियों को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है। यह निजी क्षेत्र के कर्मचारियों पर भी लागू होता है।
पुरानी पेंशन योजना/ओल्ड पेंशन योजना
- ओपीएस में रिटायरमेंट सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत मासिक पेंशन के रूप में मिलता था।
- डीए दरों में वृद्धि के साथ राशि बढ़ती रहती है।
- कर्मचारी रिटायरमेंट पर अधिकतम 20 लाख रुपये के ग्रेच्युटी भुगतान के हकदार थे।
- यदि किसी रिटायर्रड कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को निरंतर पेंशन लाभ मिलता है।
- इसके अलावा, एनपीएस के विपरीत ओपीएस के तहत पेंशन योगदान के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती है।
- हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे राज्य पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) पर वापस आ गए हैं।
अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर बोला हमला
सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनकी हिमाचल प्रदेश व राजस्थान की सरकारों ने एनपीएस की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू करने का एलान जरूर किया था, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। दूसरी तरफ पीएम नरेन्द्र मोदी ने पेंशन के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इस पर समिति गठित की और अब नई योजना को लागू करने का फैसला किया है।
केंद्रीय कर्मचारियों पर नहीं पड़ेगा कोई बोझः वैष्णव
उन्होंने साफ किया कि इस नई स्कीम के लिए केंद्रीय कर्मचारियों पर कोई बोझ नहीं डाला जाएगा। ओपीएस जहां बगैर किसी वित्तीय योगदान की सुनिश्चित भुगतान योजना थी वहीं यूपीएस के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए केंद्र का योगदान बढ़ा दिया गया है। पहले यह योगदान की राशि 10 प्रतिशत थी, जिसे वर्ष 2019 में मोदी सरकार ने बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया था। अब इसे 18.5 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है।
जेसीएम के प्रतिनिधिमंडल से मिले पीएम मोदी
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए संयुक्त सलाहकार तंत्र (जेसीएम) के कर्मचारी पक्ष के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। यह बैठक ऐसे समय हुई, जब केंद्र सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दी है, जिसमें सुनिश्चित पेंशन और सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन शामिल है।
जेसीएम की राष्ट्रीय परिषद के सचिव शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि कई दिनों के प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय परिषद की चिंताओं को स्वीकार किया और स्थायी समिति के साथ बैठक बुलाई। जेसीएम सरकार और उसके कर्मचारियों के बीच विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए बातचीत का एक वैधानिक मंच है। इसमें एक दर्जन से अधिक सरकारी संगठनों के सदस्य हैं।
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