बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्ती के संबंध में सिवान डीएम एवं जिला बंदोबस्त पदाधिकारी ने किया प्रेस वार्ता
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
समाहरणालय सिवान के सभा कक्ष में बुधवार को बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्ती के संबंध में जिला पदाधिकारी, सिवान एवं जिला बंदोबस्त पदाधिकारी, सिवान द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
वार्ता के दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी, सिवान ने जिलांतर्गत 19 अंचलों में स्थापित शिविर की विवरणी प्रस्तुत की तथा शिविर प्रभारी के बारे में जानकारी दी। साथ ही जिला के अभिलेखागार में नकल निकालने हेतु किए गए विशेष प्रबंध के बारे में मीडिया को अवगत कराया।
जिला बंदोबस्त पदाधिकारी, सिवान ने बताया कि सर्वप्रथम जिले के 1448 राजस्व ग्रामों में विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्ती का कार्य संपन्न किया जाएगा। कार्यक्रम को नौ चरणों में पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए रूप रेखा तैयार कर ली गई है। 01 अगस्त 2024 से कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है। इसे 24 अगस्त 2025 तक पूर्ण करने की योजना है।
राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सर्वेक्षण का प्रक्रमवार कैलेंडर
1. ग्रामवार उद्घोषणा ( प्रपत्र 01) – 01 अगस्त 2024 से 07 अगस्त 2024
2. रैयतों से स्वघोषणा एवं वंशावली प्राप्त करना(प्रपत्र-02, एवं 3(1) ) – 16 अगस्त 2024 से 15 सितंबर 2024.
3. किश्तवार – 01 अक्टूबर 2024 से 31 अक्टूबर 2024.
4. खानापूरी – 01 नवंबर 2024 से 15 जनवरी 2025.
5. खानापूरी पर्चा (प्रपत्र –07) वितरण एवं दावा आपत्ति की प्राप्ति – 16 जनवरी 2025 से 15 फरवरी 2025.
6. सुनवाई (प्रथम प्रक्रम) प्रपत्र 07 के विरुद्ध प्राप्त दावा/आपत्ति का निबटारा – 16 फरवरी 2025 से 15 मार्च 2025.
7. प्रारूप अभिलेख (प्रपत्र –12) का प्रकाशन – 22 अप्रैल 2025 से 23 अप्रैल 2025.
8. प्रारूप अभिलेख (प्रपत्र –12) के विरुद्ध प्राप्त दावा/आपत्ति का निपटारा – 24 अप्रैल 2025 से 22 जून 2025.
9. अंतिम अधिकार अभिलेख का प्रकाशन – 25 जुलाई 2025 से 24 अगस्त 2025.
मीडिया के माध्यम से जिला बंदोबस्त पदाधिकारी, सिवान ने जिला के रैयतों के दायित्वों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि खतियान में दर्ज नाम के आधार पर ही वंशावली बनाने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। अतः वंशावली का सही व ईमानदारी से निर्माण करना आवश्यक है। किश्तवाड़ एवं खानापूरी के समय रैयत को यथासंभव जमीन पर उपस्थित रहना चाहिए।
रैयतों को जमीन की मेड को ठीक-ठाक करके उसे सीमांकित कर लेना चाहिए। रैयतों को जमीन का विवरण चौहद्दी के साथ प्रपत्र- 02 में खेसरावार भरकर शिविर में जमा करना आवश्यक है। स्व घोषणा (प्रपत्र -02) को विभागीय साइट www.dlrs.bihar.gov.in पर अपलोड भी किया जा सकता है।
कोर्ट में लंबित मामले वाले जमीन को सीडब्ल्यूजेसी अथवा टाइटल सूइट दर्शा कर आगे बढ़ा जाएगा। प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद जिले में कोई भी प्लॉट बे लगान नहीं होगा तथा जमीन के अनुसार ही उसके लगान की दर निर्धारित की जाएगी। अंतिम रूप से निर्मित अभिलेख को संबंधित अंचल कार्यालय, जिला अभिलेखागार, सिवान, जिला बंदोबस्त कार्यालय, सिवान तथा अभिलेखाकार, बिहार में संधारित किया जाएगा।
विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्ती की प्रक्रिया को सर्वप्रथम ग्रामीण स्तर पर पूर्ण किया जाएगा उसके बाद शहरी स्तर पर कार्य आरंभ होगा। जागरूकता अभियान के संबंध में जिला बंदोबस्त पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि जिला के सभी ग्राम पंचायतों में स्थानीय जनप्रतिनिधि गणों के साथ आम लोगों को आयोजित ग्राम सभा में आमंत्रित कर पूरे कार्यक्रम की जानकारी विस्तार से दी जा रही है।
अंत में जिला पदाधिकारी ने बताया कि यह मुख्यमंत्री बिहार की अत्यंत ही महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के सफलतापूर्वक समाप्ति के पश्चात जमीन के विवाद से संबंधित मामले, एवं इससे संबंधित विद्वेष की भावना समाप्त हो जाएगी तथा जमीन विवाद से संबंधित विधि- व्यवस्था के मामलों में भी कमी आएगी। जिला पदाधिकारी ने बताया कि सिवान जिला के काफी बड़ी संख्या में निवासी देश के बाहर भी रहते हैं।वे भी वेबसाइट के जरिए बंदोबस्ती कार्यक्रम के बारे में जानकारी विस्तार से प्राप्त कर सकते हैं।
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