सपिंड विवाह का मतलब है कि एक ऐसी शादी, जहां व्यक्ति अपने नजदीकी रिश्तेदारों से विवाह कर लेते हैं। भारत हिंदू मैरिज एक्ट के तहत ऐसी शादियों को मान्य नहीं माना जाता है। सपिंड का अर्थ है कि एक ही खानदान के लोग, जो एक ही पितरों का पिंडदान करते हैं। आजादी के बाद जब भारत में 1950 में सविधान लागू हुआ था तो इसमें देश के नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकार दिए गए थे। इसी के साथ इसमें शादी के अधिकार भी दिए गए थे। इसका मतलब है कि आप अपनी मर्जी से किसी भी जाति व धर्म के व्यक्ति से शादी कर सकते हैं लेकिन सपिंड विवाह मामले में आजादी नहीं दी गई थी।