उदासीनता: धड़ल्ले से चल रहे अवैध नर्सिंग होम कार्रवाई को ले गंभीर नहीं दिख रहा महकमा
आधा दर्जन फर्जी नर्सिंग होम पर छापेमारी का लेन-देन कर रफा-दफा
श्रीनारद मीडिया, विक्की बाबा, मशरक, सारण (बिहार):
सारण जिला के मशरक प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर झोला छाप चिकित्सको के द्वारा अवैध नर्सिंग होम का धड़ल्ले से संचालन पर लाख प्रयास के बाद भी लगाम नहीं लग पा रहा है।प्रखंड मुख्यालय से लेकर गांवों तक निजी फर्जी नर्सिंग होम का कारोबार फैला हुआ है।
अभी बीते सप्ताह पहले मशरक के मुन्नी मोड़, रेलवे ढाला, डुमरसन बाजार और लखनपुर में सीएचसी मशरक के तरफ से गठित छापेमारी टीम ने फर्जी नर्सिंग होम पर छापेमारी की गयी , जिसमें आधा दर्जन महिला मरीजों का सिजेरियन ऑपरेशन किया गया था पर उक्त नर्सिंग होम पर कोई कार्रवाई न करते हुए मामले को लेन देन कर रफा-दफा कर दिया गया। जिसकी इलाके में जबरदस्त चर्चा है वहीं दो नर्सिंग होम में आशा कार्यकर्ता को ही संचालन करते पकड़ा भी गया पर मामला रफा-दफा कर दिया गया।
सबसे रोचक पहलू यह है कि सीएचसी मशरक के समीप ही कई अवैध नर्सिंग होम संचालित हैं जो झोला छाप के द्वारा संचालित होता हैं । जिससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अनजान बने हुएं है। हालांकि अवैध नर्सिंग होम में मरीज की मौत होने के बाद हंगामा होने पर प्रशासन जरूर जागती है। लेकिन इसके बाद कार्रवाई के नाम पर विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से दोबारा खोल दिया जाता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बिचौलिए की मदद से इन नर्सिंग होम में मरीजों की भीड़ लगी रहती है। दलाल आशा और अस्पताल कर्मी की मदद से मरीजों को फसाने के बाद नर्सिंग होम में ले जाते हैं और बगैर जरुरत के ही केवल पैसा ऐंठने के लिए गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन ऑपरेशन कर दिया जाता है जिसका नतीजा है कि सरकारी अस्पताल में प्रसव का ग्राफ नीचे हैं।
जिसमें सीएचसी मशरक में कार्यरत महिला स्वास्थ्य कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका हैं,वही अस्पताल में डिलेवरी के दौरान नार्मल डिलीवरी नहीं होने का बहाना बना देती है।वहीं अधिकांश नर्सिंग होम के आगे एमबीबीएस डॉ के बोर्ड लगें हुएं हैं हद तो यह है कि कई झोला छाप ने भी अपने नर्सिंग होम के आगे स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं प्रसव रोग विशेषज्ञ का बोर्ड लगा रखा है। अवैध नर्सिंग होम संचालक के नेटर्वक में आशा कार्यकर्ताओं की बेहतरीन भूमिका हैं। ज्यादातर क्लीनिक झोलाछाप डॉक्टर, कंपाउंडर और नर्सों के द्वारा चलाए जाते हैं।ऐसे अवैध नर्सिंग होम दो या तीन कमरों के मकान में चलाये जाते हैं, जहां एक कमरे को ऑपरेशन थिएटर घोषित कर दिया जाता है। इन फर्जी नर्सिंग होम में युवा वर्ग के मरीज लोक लज्जा के ख्याल और गर्भ में पल रहे बेटी के एवोर्सन के लिए पहुंचते हैं जहां कार्यरत कर्मी मनचाहा रूपये लेते हैं।
बगैर रजिस्ट्रेशन वाले नर्सिंग होम पर नकेल कसने का डीएम ने दिया है निर्देश
डीएम अमन समीर ने जिला स्वास्थ्य समिति की कई बैठकों में सिविल सर्जन को जिले में बगैर रजिस्ट्रेशन के चलाये जा रहे सभी निजी क्लीनिक को सील करने का निर्देश दिया है। इसके लिए उन्होंने लगातार छापेमारी अभियान चलाने का आदेश जारी किया है। निर्देश है कि कोई भी नर्सिंग होम या निजी क्लिनिक बगैर रजिस्ट्रेशन का नहीं चलेगा। इसके अलावा जिले में फीमेल सेक्स के गिरते रेशियों को देखते हुए भी डीएम ने सभी रजिस्टर्ड निजी नर्सिंग होम और प्राइवेट क्लीनिक में डिलीवरी सिजेरियन और बच्चों के जन्म का पूरा ब्यौरा स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश जारी करते हुए इसके लिए सिविल सर्जन को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।
यह भी पढ़े
पूर्व सरपंच के दुकान में स्मार्ट मीटर लगाकर का किया उद्घाटन
जन सुराज को उम्मीद और भरोसे के साथ देख रहा है मुस्लिम समाज- महासेठ
मछली खाने आ जाओ’…प्रेमिका के बुलाने पर घर पहुंचा प्रेमी तो खाने में मिलाकर दे दिया जहर
सुहाग की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने सोमवती अमावस्या को किया पीपल पेड़ की पूजा
मोतिहारी में CSP को अपराधियों ने बनाया निशाना, संचालक पर तानी पिस्टल और लूट लिए लाखों रुपये