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विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर डा • राकेश ने बताया कि फिजियोथेरेपी क्यों हैं जरूरी

विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर डा • राकेश ने बताया कि फिजियोथेरेपी क्यों हैं जरूरी

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श्रीनारद मीडिया, राकेश कुमार सिंह, सीवान (बिहार):

सीवान  नगर के   मार्क हास्पीटल के मार्क फिजियोथेरेपी ,दर्द एवं लकवा निवारण सेंटर के संचालक सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट डा • राकेश कुमार सिंह ने विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के अवसर पर बताया कि फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस का ही हिस्सा है। आज के आधुनिक युग में स्वस्थ एवं चुस्त-दुरुस्त रहने के लिए फिजियोथेरेपी करवाना बहुत जरूरी होती है।
डा • राकेश नै बताया कि विश्व फिजियोथेरेपी दिवस का हरेक साल अलग-अलग थीम होता है।इस साल का थीम एलबीपी यानि पीठ के निचले हिस्से में दर्द तथा इसकी रोकथाम और प्रबंधन में फिजियोथेरेपी की भूमिका पर है।

डा • राकेश ने आगे बताया कि एलबीपी यानि कमर दर्द पूरी दुनिया में विकलांगता का एक प्रमुख कारण है। जो कि किसी भी उम्र में अनुभव किया जा सकता है और लगभग हर किसी को अपने जीवन में किसी न किसी समय होता है। यह मुख्यतः आसान जीवन शैली,मोटापा,पोषक तत्वों की कमी,आसन संबंधी समस्याएं,डिस्क समस्याओं के कारण होता है।इससे पीड़ित लोगों में अधिकतर सर्जरी की बजाय फिजियोथेरेपी की सलाह दी जाती है।


हमारे यहाँ डा • राकेश ने आगे बताया कि हमारे यहाँ रोगी की स्थिति के अनुसार काईरोप्रैक्टिक,ड्राई निडलिंग, कपिंग थेरापी,मैनिपुलेशन, स्पाईनल मोबलाइजेशन तकनीक का भी प्रयोग किया जाता है।
डा • राकेश ने आगे बताया कि यह ना केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए या फिर शरीर के दर्द को कम करने लिए,विभिन्न शारीरिक समस्याओं के लिए बहुत जरूरी है।इससे शरीर की जकड़न दूर होती है। साथ ही, इसे करवाने से कमर, पीठ और पैरों के दर्द में भी आराम मिलता है ,शरीर की अकड़न दूर होती है और बॉडी फ्लैक्सिबल रहती है।

इसके साथ ही, फिजियोथेरेपी करवाने से अर्थराइटिस, घुटनों के दर्द, पीठ दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, मसल्स में अकड़न जैसी समस्याएं दूर होती हैं। इतना ही नहीं, फिजियोथेरेपी करवाने से मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। इससे तनाव और चिंता दूर होती है। साथ ही, व्यक्ति स्वस्थ और अच्छा महसूस करता है।

अब तो फिजियोथेरेपी के अंदर मस्कुलोस्केलेटल पुनर्वास,वृद्धावस्था देखभाल ऑन्कोलॉजिकल,खेल में लगी चोट,तंत्रिका संबंधी रोग,रीढ़ की हड्डी संबंधी रोग,स्त्री रोग,
कार्डियो-पल्मोनरी आदि में भी काफी फायदेमंद है।

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