सिविल सर्जन की अध्यक्षता में शहरी यूपीएचसी महादेवा में आयोजित हुई समीक्षा बैठक

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स्वास्थ्य संस्थानों को सुरक्षित, प्रभावी और मरीजों पर केंद्रित सेवाएं प्रदान करना मुख्य उद्देश्य: सिविल सर्जन

मुख्य रूप से दस प्रकार की सेवाओं को लेकर अंतिम चरण में चल रही है तैयारी: डीपीएम

श्रीनारद मीडिया, सिवान (बिहार):


स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना और मरीजों को बेहतर देखभाल प्रदान करना है। क्योंकि स्वास्थ्य संस्थानों को सुरक्षित, प्रभावी और मरीजों पर केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए मार्गदर्शन करना ही इसका मुख्य उद्देश्य है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ श्री निवास प्रसाद ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महादेवा के परिसर में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा कि एनक्यूएएस के मानकों का लक्ष्य है कि उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का अक्षरशः पालन होना चाहिए। ताकि मरीजों की शत प्रतिशत सुरक्षा सुनिश्चित करने और उपचार की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके। हालांकि अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यप्रणाली, उपलब्ध संसाधन प्रबंधन और कर्मचारियों की दक्षता के आधार पर स्वास्थ्य सेवाओ में निरंतर सुधार सुनिश्चित होता है।

 

मुख्य रूप से दस प्रकार की सेवाओं को लेकर अंतिम चरण में चल रही है तैयारी: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम विशाल कुमार ने बताया कि राज्य स्तरीय टीम द्वारा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महादेवा और लक्ष्मीपुर का अवलोकन किया जाना है। जिसकी तैयारी को लेकर जिला स्तरीय पदाधिकारी और संबंधित अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारियों और कर्मियों द्वारा तय समय सीमा के अंदर सभी तरह की आवश्यक तैयारी पूरी कर ली जाएगी। एनक्यूएएस के मानकों पर शत प्रतिशत खड़ा उतरने में यूपीएचसी को मुख्य रूप से सामान्य क्लीनिक, मातृत्व स्वास्थ्य, नवजात शिशु और बाल स्वास्थ्य, टीकाकरण, संक्रामक रोग, गैर संचारी रोग, परिवार नियोजन, आपातकालीन सेवाएं और ड्रेसिंग रूम, फार्मेसी और जांच घर के अलावा आउट रीच के साथ ही सामान्य रूप से व्यवस्था को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है। हालांकि स्थानीय स्तर पर 63 तरह की जांच लैब टेक्नीशियन के द्वारा किया जाता है। वही उपरोक्त दस प्रकार की सेवाएं उपलब्ध है।

 

राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों के अनुपालन की स्थिति की हुई समीक्षा: डीपीसी
जिला योजना समन्वयक (डीपीसी) इमामुल होदा ने बताया कि
पंद्रह दिनों बाद दो सदस्यीय टीम द्वारा तीन दिन दिवसीय दौरे पर जिला मुख्यालय स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महादेवा और लक्ष्मीपुर का राज्य स्तरीय टीम द्वारा अंकेक्षण किया जाएगा। जिसकी तैयारी को लेकर सिविल सर्जन डॉ श्री निवास प्रसाद की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा करना था। सिविल सर्जन के अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान सुनिश्चित किया गया कि विभागीय स्तर पर रोगियो को मिलनी वाली स्वास्थ्य सुविधाएं और यूपीएचसी अपने एनक्यूएएस के मानकों पर खड़ा उतरने में कितना कारगर साबित हो रहा है। हालांकि अभी भी कुछ कार्यों को पूरा करना है। क्योंकि जब तक स्थानीय स्तर पर उसको पूरा नही किया जाता हैं तब तक वह अधूरा ही रहेगा। हालांकि मानकों के आधार पर खड़ा उतरने के लिए जल्द से जल्द अधूरे कार्यो को पूरा करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।

जिलाधिकारी और सिविल सर्जन के मार्ग दर्शन में एनक्यूएएस प्रमाणीकरण कराना पहली प्राथमिकता: डीसीक्यूए
जिला सलाहकार गुणवत्ता यकीन (डीसीक्यूए) डॉ कुमार अभिमन्यु ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस) को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ- साथ वैश्विक स्तर पर रोगियो के लिए विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। हालांकि एनक्यूएएस वर्तमान समय में जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) के लिए उपलब्ध हैं। हालांकि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों के तहत आठ प्रकार जैसे- सेवा प्रावधान, रोगी अधिकार, इनपुट, सहायता सेवाएं, नैदानिक ​​देखभाल, संक्रमण नियंत्रण, गुणवत्ता प्रबंधन और परिणाम को मुख्य रूप शामिल किया गया है। जिसको लेकर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महादेवा और लक्ष्मीपुर में जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता के दिशा निर्देश और सिविल सर्जन डॉ श्री निवास प्रसाद के मार्ग दर्शन में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणीकरण कराने के लिए पहली प्राथमिकताओ में शामिल किया गया है। जिसको लेकर तैयारी की जा रही है।

इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ श्री निवास प्रसाद, डब्ल्यूएचओ के डॉ रंजितेश, जिला योजना समन्वयक (डीपीसी) इमामुल होदा, जिला सलाहकार गुणवत्ता यकीन (डीसीक्यूए) डॉ कुमार अभिमन्यु, स्थानीय चिकित्सक डॉ संजय कुमार तिवारी, डॉ सत्येंद्र कुमार, डॉ नीलमणि कुमार, डॉ सुनीता कुमारी, सदर प्रखंड के प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक (बीएचएम) मोहम्मद गुलाम रब्बानी, तीन एएनएम और एक लैब टेक्नीशियन सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

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