अमेरिकी इतिहास का काला दिन: 9/11
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
य़ह दुनिया का सबसे खतरनाक आंतकी हमला था। यह अमेरिका की न्यूयॉर्क की शान मानी जाने वाली इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पलभर में आतंकियों के खतरनाक मंसूबे से राख हो गई थी। अल कायदा के आतंकी हमले में सैकड़ों बेगुनाह अमेरिकी नागरिकों की जान चली गई। आतंकी हमले के धमाकों ने दुनिया के सबसे ताकतवर देश को हिला कर रख दिया था। सुबह करीब 8.30 बजे के दौरान 45 मिनट के अंदर ही 110 मंजिला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतें जमींदोज हो गई थी।
दो प्लेन हाई जैक कर उन्हें अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर टक्कर मारकर आत्मघाती हमला करने वाले आतंकियों ने अमेरिका को कभी न मिटने वाले जख्म और दर्द दिए थे। इस हमले की जिम्मेदारी अलकायदा ने ली थी और सीधे तौर पर कहा था कि ये इस घटना के पीछे उसका और उसके आतंकियों का हाथ था।
आतंकवादी संगठन अलकायदा ने 11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर दो अगवा किए गए विमानों के जरिये हवाई हमला बोला था और फिर भारी तबाही मचाई थी। इसकी हमले के बाद जलते टावर की तस्वीरें आज भी न केवल बल्कि पुरी दुनिया के जहन में बसी हुई हैं। इसके जख्म पूरी दुनिया के लोगों में हैं, क्योंकि इसमें अमेरिका ही नहीं बल्कि कई देशों के लोगों की भी मौत हुई थी।
क्या हुआ था उस दिन…
11 सितंबर 2001 की सुबह अल-कायदा के आतंकियों ने चार विमान हाईजैक कर लिया था. इनका मकसद विमान को अलग-अलग ऐतिहासिक स्थलों पर क्रैश कराने का था. सबसे पहला प्लेन क्रैश अमेरिकन एयरलाइन फ्लाइट 11 का हुआ, जो न्यूयॉर्क शहर में सुबह 8.46 बजे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से टकराया था. ठीक इसके 17 मिनट बाद यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 दक्षिणी टावर से टकराई. वहीं करीब 9.37 बजे अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 77 वॉशिंगटन स्थित अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन से टकराई और चौथी हाईजैक फ्लाइट 93 का लक्ष्य व्हाइट हाउस या यूएस कैपिटल बिल्डिंग को निशाना बनाना था लेकिन यात्रियों से लड़ाई के कारण आतंकियों के हाथ से विमान का नियंत्रण छूट गया और यह पेन्सिलवेनिया के शैंक्सविल में मैदानी इलाके में जा गिरा.
आतंकियों की ओर से किए गए इन चार हमलों में 2977 लोगों की मौत हुई थी. इनमें 19 हाईजैकर आतंकी भी शामिल हैं. वहीं जो लोग मारे गए, उनमें चार विमानों में सवार 246, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और उसके आसपास के इलाके में 2606 और पेंटागन में मौजूद 125 लोग शामिल थे. मारे गए लोगों में ज्यादातर आम नागरिक शामिल थे. वहीं राहत और बचाव कार्य के दौरान 344 बचावकर्मी, 71 पुलिसकर्मी और 55 सैन्यकर्मी भी मारे गए थे.
हमले के 21 साल पूरे
आज अमरीका पर हुए इस हमले के 2३ साल पूरे हो गए हैं। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस 9/11 हमले के पीड़ितों को सम्मानित करने और उन्हें याद करने के लिए देशभर में यात्रा कर रहे हैं।
क्या है इस स्पेशल दस्ते का नाम
इस हमले के बाद अमेरिका ने एयरपोर्ट और विमानों में जांच करने के लिए एक स्पेशल दस्ते का गठन किया. इस दस्ते का नाम है ट्रांसपोर्टेशन सिक्यॉरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (TSA). कहते हैं कि ये स्पेशल स्कॉवड अपने काम में इतना माहिर है कि आतंकियों की हल्की सी भी हरकत इसकी निगाह में आ जाती है. TSA) की स्थापना 19 नवंबर, 2001 को की गई थी. फिलहाल TSA का मुख्य काम हवाई अड्डों, रेलगाड़ियों, बसों, समुद्री मार्गों और सड़कों सहित सभी परिवहन माध्यमों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है
आज से 23 साल पहले यानी 11 सितंबर 2001 को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति अमेरिका पर आतंकी हमला हुआ था। न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया था। इस भीषणतम आतंकी हमले में 2,977 लोगों की जान चली गई थी। हमले की जिम्मेदारी अलकायदा ने ली थी। 9/11 के भीषण हमलों को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने अमरीकी इतिहास का काला दिन कहा था।
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