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क्या मुंगेर बनने के राह पर चल पड़ा है मोतिहारी? दो हफ्ते में 2 मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन चिंताजनक

क्या मुंगेर बनने के राह पर चल पड़ा है मोतिहारी? दो हफ्ते में 2 मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन चिंताजनक

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श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

 

मोतिहारी में अवैध ऑर्म्स निर्माण के बड़े सिंडिकेट के उद्भेदन से पुलिस भी सकते में है और चिंता इस बात को लेकर बनी है कि क्या अंदरखाने में मोतिहारी भी मुंगेर की राह पर चल पड़ा है। दो सप्ताह में चिरैया और चकिया में देशी कट्टा और पिस्टल निर्माण का मोतिहारी पुलिस ने खुलासा किया है। हालांकि,मोतिहारी पुलिस को इन अपराधियों को पकड़ने में सफलता हाथ लगी है और पुलिस की कार्रवाई से ऐसे लोगों में अफरा- तफरी भी है।बता दें कि मोतिहारी पुलिस ने एक सप्ताह पहले ही चिरैया थाना क्षेत्र के एकौना बांध पर कृषि यन्त्र निर्माण के आड़ में देशी कट्टा बनाते अपराधी को पकड़ चुकी है। इसके द्वारा निर्मित देशी कट्टा भी तस्करों के माध्यम से आपूर्ति की जाती थी। इसके द्वारा हथियार तस्करों को छह से दस हजार रुपयों में कट्टा उपलब्ध कराया जाता था और तस्कर अवैध हथियारों की आपूर्ति किस उदेश्य के लिए करते थे। यह बात किसी से भी नहीं छुपा है।

वहीं, मोतिहारी पुलिस को इधर दूसरी बड़ी सफलता में एक और मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया है। यह उद्भेदन चकिया के शास्त्रीनगर नगर में किया गया। यहां चकिया थाना के पुलिस चौकी के ठीक सामने यह कारोबार चलता था और लोकल थाना को इसकी भनक भी नहीं थी। इस मिनी गन फैक्ट्री में देशी पिस्टल का निर्माण होता था। बताया जाता है कि एक पिस्टल को 20 हजार रुपये में हथियारों के एजेंट खरीदते थे और उसे लगभग 25 से 35 हजार रुपये तक में मार्केट में बेच दिया जाता था। पुलिस द्वारा पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यह कारोबार अरुण ठाकुर के घर में चल रहा था, जिसको शेरपुर के टुट्टू ने किराया पर लिया था और वह हरिओम यादव नाम के पकड़े गए अपराधी को दिया था। मास्टर माइंड हरिओम यादव ने मुंगेर से दो पिस्टल निर्माण के कारीगर को बुलाकर शहर के बीचों बीच इस धंधा की शुरू किया था कैसे होता था निर्माण जब यह पता लगाने की कोशिश की तो पता चला की ट्रक के स्टेयरिंग के पाइप से पिस्टल या कट्टा नाल तैयार किया जाता था। वहीं, लोहे के एंगल से मैगजीन बनाया जाता था। गोली के लिए ये लोग कुछ खाली गोली खोखा में कारतूस भरकर बनाते थे, जिसे इनके भाषा में भरुआ या डी माल कहा जाता है। वहीं, ओरिजनल के लिए ये लोग लाइसेंस धारियों के नाम पर दुकान से खरीद कर सप्लाई करते थे,

 

जिसकी छानबीन अब मोतिहारी पुलिस कर रही है।बता दें कि अवैध ऑर्म्स निर्माण के धंधे में शामिल लोगों को चिन्हित व गिरफ्तार करने हेतु मोतिहारी पुलिस पहले से ही लगी हुई है। इधर, आठ सितंबर को मोतिहारी के गांधी मैदान के समीप एक यामाहा मोटर साइकिल से तीन हथियार तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। तीनों तस्करों में दो तस्करों से लोडेड देशी पिस्तौल और एक से चाकू बरामद किया गया। इनकी निशानदेही पर इनके आपूर्ति कर्ताओं की तलाश में पूर्वी चंपारण जिले के कई जगहों पर छापेमारी की गई। मोतीहारी पुलिस ने कोटवा थाना क्षेत्र के कोन्हवा और कररिया जागीर, गोविंदगंज थाना क्षेत्र के रामपुरवा और चकिया थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर में छापेमारी की गई। उक्त छापेमारी के दौरान पुलिस को भारी सफलता मिली और हथियारों का जखीरा भी पुलिस के द्वारा बरामद किया गया।पुलिस के द्वारा की गई छापेमारी में छह ऑटोमेटिक पिस्टल, 73 जिंदा कारतूस और नौ मैगजीन के साथ मिनी गन फैक्ट्री में उपयोग आने वाले कई उपकरणों को बरामद किया गया। इस कारोबार में संलिप्त कोटवा थाना क्षेत्र के सोनू कुमार, अखिलेश राम उर्फ छोटू राम, शिवशंकर कुमार, रामबाबू कुमार और तुरकौलिया थाना क्षेत्र के दीपक कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार इन अपराधियों से पुलिस और पूछताछ कर रही है और अवैध ऑर्म्स निर्माण में लगे बड़े सिंडिकेट की तह तक जाने में लगी हुई है।

 

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