ईरान पहले अपने गिरेबान में झांके
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत के खिलाफ कई बार टिप्पणी कर चुके ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने एक बार फिर कहा कि भारत में मुसलमानों का उत्पीड़न हो रहा है। ईरान के सुप्रीम लीडर के इस बयान पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी टिप्पणी की।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम ईरान के सर्वोच्च नेता द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं। ये गलत सूचना और अस्वीकार्य हैं। अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह दी जाती है कि वे दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना रिकॉर्ड देखें।”
खामेनेई ने क्या कहा?
पैगंबर मोहम्मद की जयंती पर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने कहा कि दुनिया भर के मुसलमानों के बीच एकजुटता की जरूरत है। खामेनेई ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर किसी मुस्लिम को होने वाली पीड़ा से बेखबर हैं तो हमें खुद को मुसलमान नहीं मानना चाहिए।”
कश्मीर के मुद्दे पर भी कर चुके हैं टिप्पणी
इसके पहले भी ईरान के सु्प्रीम लीडर भारत के खिलाफ बयान दे चुके हैं। साल 2019 में जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था तो अयातुल्लाह अली खामेनेई ने कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति पर चिंता जताई थी।
भारत ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है और दो टूक कहा है कि दूसरों पर उंगली उठाने से पहले ईरान को अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक सख्त बयान में कहा गया है, “हम ईरान के सर्वोच्च नेता द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं। ये गलत सूचना पर आधारित और अस्वीकार्य हैं। अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह है कि वे दूसरों के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से पहले अपना रिकॉर्ड देख लें।”
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने ईद मिलादुन्नबी के मौके पर एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर किसी मुस्लिम को होने वाली पीड़ा से बेखबर हैं, तो हमें खुद को मुसलमान नहीं मानना चाहिए।” खामेनेई ने कहा है कि भारत में मुसलमानों का उत्पीड़न हो रहा है। पैगंबर मोहम्मद की जयंती पर सोमवार को उन्होंने यह बात कही और दुनिया भर के मुसलमानों के बीच एकजुटता की जरूरत बताई।
बड़ी बात ये है कि खामनेई ने भारत की तुलना गाजा और म्यांमार से की है और उसी के साथ एक लाइन में खड़ा कर दिया है। खामेनेई ने यह टिप्पणी तब की है जब उनका देश खुद सुन्नी मुस्लिम और जातीय अल्पसंख्यकों के दमन के लिए दुनिया भर में बदनाम है और लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का सामना करता रहा है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब ईरान के सुप्रीम लीडर ने भारत के मुसलमानों के बारे में टिप्पणी की है। साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भी उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और कहा था कि कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति चिंताजनक है। खामेनेई ने तब कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कश्मीर में उठाए गए इस कदम से मुसलमानों में डर बना हुआ है।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने भारत के मुसलमानों की तुलना म्यांमार और गाजा में रह रहे मुस्लमानों से की थी. सोमवार (16 सितंबर) को ईरान सुप्रीम ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर पोस्ट करते हुए भारत पर आरोप लगाए थे कि भारत में मुस्लिमों की स्थिति बेहद खराब है. इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस टिप्पणी पर करारा जवाब देते हुए कहा गया कि भारत के खिलाफ कोई टिप्पणी करने से पहले ईरान को पहले अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है.
एक्स पर की गई पोस्ट में अली खामेनेई ने भारत को उन देशों की श्रेणी में रखा था, जहां मुसलमानों पर जुल्म होते हैं. इसके साथ ही उन्होंने दुनियाभर के मुसलमानों से मुस्लिम आबादी की रक्षा करने की अपील की थी और एकजुटता दिखाने को कहा था.
ईरान को खुद देखना चाहिए अपना रिकॉर्ड
अयातुल्ला अली खामेनेई ने अपने एक्स पोस्ट में भारत की तुलना म्यांमार और गाजा के साथ की. साथ ही कहा कि खुद सुन्नी मुस्लिम और जातीय अल्पसंख्यकों के दमन के लिए दुनियाभार में आलोचनाओं को सह रहे हैं. जिसपर भारत के विदेश मंत्रालय ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणियां करने से पहले ईरान को खुद अपना रिकॉर्ड देखना चाहिए.
ऐसी टिप्पणी स्वीकार नहीं, बोले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए कहा कि ‘ईरान के सुप्रीम लीडर की तरफ से भारत के मुसलमानों के संबंध में की गई टिप्पणी की हम कड़ी निंदा करते हैं. ऐसी गलत सूचना आधारित टिप्पणियों को भारत स्वीकार नहीं करेगा.
भारत की खरी-खोटी
भारत ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयोतोल्ला खामनेई के भारतीय मुस्लिमों पर दिए बयान पर सख्त तेवर अपनाया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ईरान को किसी और के बारे में बात करने से पहले खुद अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जो देश भारत के अल्पसंख्यकों के बारे में बयानबाजी कर रहे हैं, उन्हें दूसरों के बारे में बोलने से पहले खुद अपने रिकॉर्ड को देखना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम भारत के अल्पसंख्यकों को लेकर ईरान के सर्वोच्च नेता के बयान की निंदा करते हैं। यह गलत जानकारी वाले और अस्वीकार्य बयान हैं।”
यह पहली बार नहीं है कि जब ईरान के नेता ने भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में ऐसा बयान दिया हो। 2019 में उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, हम कश्मीर में मुस्लिमों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं। भारत के साथ हमारे अच्छे रिश्ते हैं लेकिन उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार कश्मीर के लोगों के साथ न्यायोचित सलूक करेगी और इस क्षेत्र में मुस्लिमों को दबाने और कुचलने से परहेज करेगी।
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