निगरानी टीम ने दारोगा और चौकीदार को रंगे हाथ दबोचा, पिता का नाम हटाने के लिए मांगी थी रिश्वत
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
बिहार में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने एक पुलिस इंस्पेक्टर को अठारह हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उन पर आरोप है कि परिवादी के पिता का नाम हटाने के लिए 18 हजार रुपये की मांग की जा रही थी।निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की मुख्यालय टीम ने शुक्रवार को एक केस में मैनेज करने के लिए अठारह हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
दोनों आरोपी रक्सौल थाना में पदस्थापित पुलिस अवर निरीक्षक संजीवन पासवान और चौकीदार रोहित पासवान हैं। इनकी गिरफ्तारी नागा रोड, वार्ड नं0-22 स्थित बच्चा गिरी के घर के द्वितीय तल के किराये के एक मकान से रंगे हाथ की गई है। केस में पिता का नाम हटाने के लिए माँगा था अठारह हजार इस मामले में विशेष रूप से जानकारी देते हुए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारी ने बताया कि पश्चिम चम्पारण जिला के गौनाहा थाना क्षेत्र के माधोपुर बैरिया निवासी मनोज सिंह के पुत्र विपुल सिंह परिवादी हैं।
उन्होंने 31 जुलाई को शिकायत दर्ज कराया था कि आरोपी दारोगा संजीवन पासवान और चौकीदार रोहित कुमार दोनों रक्सौल थाना में 3 अप्रैल 2024 को दर्ज किये गये कांड सं0-113/24 में से परिवादी के पिताजी का नाम कटवाने और केस डायरी में मदद करने के लिए बीस हजार रुपये रिश्वत की मांग की जा रही है।
शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच की गई, जिसमें परिवादी की शिकायत का सत्यापन कराया गया टीम ने रंगे हाथ दबोचा सत्यापन के क्रम में आरोपियों द्वारा 18,000/- (अठारह हजार) रुपये रिश्वत मांगे जाने का प्रमाण पाया गया। आरोप सही पाये जाने के बाद उपरोक्त कांड अंकित कर अनुसंधानकर्ता पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। टीम ने कार्रवाई करते हुए अभियुक्त दारोगा संजीवन पासवान और चौकीदार रोहित पासवान कोअठारह हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
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