श्रीनारद मीडिया, प्रभात कुमार मिश्रा, गया (बिहार)
मोक्ष की नगरी गया जी धाम में पिछले 17 सितंबर से विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला चल रहा है। प्रतिदिन लाखों की संख्या में तीर्थयात्री अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए तर्पण और पिंडदान करने पहुंच रहे हैं। गयाजी के विभिन्न वेदी स्थलों पर पिंडदान का कार्य चल रहा है। गयाजी धाम में एक पिंडवेदी ऐसे जगह पर भी है, जिसे भूतों का पहाड़ कहा जाता है। जी हां वह पिदवेदी गया शहर से पश्चिम प्रेतशिला पहाड़ पर स्थित है।
इधर गया जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम के नेतृत्व में जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी से तीर्थ यात्रियों और पिंडदानियों के सेवा में तत्परता से लगे हैं। शनिवार की शाम प्रेतशिला वेदी स्थल पर अत्यधिक भीड़ होने की सूचना प्राप्त होते ही जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन स्वमं पहुंचकर भीड़ प्रबंधन का जायजा लेने लगे। प्रेतशिला के ऊपर जाने वाली सीढ़ियों पर भारी भीड़ यात्रियों की देखी गयी। डीएम स्वमं 776 सीढ़ियों को चढ़ते हुए तीर्थयात्रियों को कतार में लगाने लगे, ताकि सीढ़ी चढ़ने वाले यात्री और सीढ़ी से उतरने वाली यात्रियों को किसी प्रकार का कोई समस्या नही हो सकें। क्योंकि प्रेतशिला में 776 सीढ़ी है और सभी सीढियां पूरी तरह खड़ी रूप में हैं।
डीएम ने प्रेतशिला के ऊपरी चोटी पर पहुंचकर यात्रियों को सरकार और जिला प्रशासन के ओर से मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लिया और निर्देश दिया कि सीढ़िया की संख्या काफी ज्यादा है, बाबजूद लोग पिंडदान करने ऊपर चोटी पर आते हैं, उनकी व्यवस्था में कोई कमी नही रखे, पानी टॉयलेट की पूरी व्यवस्था रखे। पानी सप्लाई बंद बिलकुल नही हो, टॉयलेट की सफाई लगातार हो, इसे सुनिश्चित करे। चोटी पर नोडल पदाधिकारी के रूप में नियुक्त अंचलाधिकारी नगर प्रखंड को सख्त निर्देश दिया कि पूरी व्यवस्था को निगरानी करेंगे।
साथ ही प्रेतशिला के नीचे सीढ़ी पर प्रखंड विकास पदाधिकारी नगर को लगाया गया है, जो केवल भीड़ प्रबंधन को देखेंगे। इसके अलावा प्रेतशिला वेदी के सम्पूर्ण प्रभार में जोनल पदाधिकारी सह वरीय उप समाहर्ता धीरज कुमार एव ज़िला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि लगातार भीड़ पर नजर रखे। भीड़ कहीं भी स्थिर नही हो, भीड़ लगातार मूवमेंट करते रहे, इसे देखते रहे।