महाराजगंज प्रखंड स्थित बंगरा एचडब्ल्यूसी को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) के लिए किया गया चयनित 

महाराजगंज प्रखंड स्थित बंगरा एचडब्ल्यूसी को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) के लिए किया गया चयनित

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मरीजों को उच्च गुणवत्ता के साथ उचित सलाह और सही उपचार दिलाना स्वास्थ्य विभाग का पहला उद्देश्य:

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के उद्देश्य से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर किया गया स्थापित: डीपीसी

स्थानीय स्तर पर उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से दिया जाता हैं उचित सलाह : अंजली तिवारी

श्रीनारद मीडिया, सिवान,  (बिहार):


राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस) के मानकों के अनुरूप कार्यान्वयन, मूल्यांकन करने और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए गुणवत्ता उपकरणों के उपयोग करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शामिल किया गया है। क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हुए स्वास्थ्य संस्थानों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिया जाता है। ताकि वहां उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराया जा सके। सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि उक्त मानक के तहत, स्वास्थ्य सेवाओं के सभी पहलुओं जैसे- चिकित्सा, नर्सिंग, प्रशासन, और रोगी देखभाल की गुणवत्ता को मानक के अनुरूप तैयार किया जाता है। ताकि स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले सभी मरीजों को उच्च गुणवत्ता के साथ उचित सलाह और उसका सही उपचार मिल सकें। इसके अलावा यह मानक स्वास्थ्य कर्मियों की शिक्षा और प्रशिक्षण के स्तर को भी सुधारने में काफी मददगार साबित होता हैं, जिससे उनकी दक्षता बढ़ती है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह भी है कि मरीजों और स्वास्थ्य संस्थानों के बीच विश्वास का निर्माण करता है। जब मरीजों को यह विश्वास हो जाता है कि वह उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं, तो उनकी संतोषजनकता बढ़ती है।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के उद्देश्य से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर किया गया स्थापित: डीपीसी
जिला योजना समन्यवक (डीपीसी) इमामुल होदा ने बताया कि
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का उद्देश्य न केवल बीमारियों का इलाज करना है, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना भी है। इसके द्वारा नियमित स्वास्थ्य जांच, योग और व्यायाम जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के उद्देश्य से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (HWC) स्थापित किया गया हैं। क्योंकि इन केंद्रों पर विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो स्थानीय समुदाय की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाया गया हैं। हालांकि मुख्य रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य से संबंधित आवश्यक देखभाल सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिनमें सामान्य रूप से स्वास्थ्य जांच, रोग निदान, और उपचार शामिल हैं। वहीं गर्भवती महिलाओं की देखभाल, बच्चों का टीकाकरण और वृद्धों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध होती हैं। इसके अलावा केंद्र में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, पोषण सलाह और बीमारी की रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं।

 

बंगरा एचडब्ल्यूसी को एनक्वास के लिए किया गया है चयनित: एमओआईसी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बिपिन बिहारी सिन्हा
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने के लिए विकसित किया गया हैं। क्योंकि यह मानक सुनिश्चित करता हैं कि स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावी, सुरक्षित और रोगियों की आवश्यकताओं के अनुरूप है कि नही। जिसको लेकर जिला स्तर पर राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) प्रमाणीकरण के लिए चयनित किया गया है। जिसकी तैयारी जिला और स्थानीय स्तर पर शुरू कर दी गई है। ताकि बेहतर तरीके से स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रक्रिया और परिणाम की गुणवत्ता को सुधारा जा सकें। स्वास्थ्य केंद्रों की साफ- सफाई, उपकरणों की स्थिति और मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जांच और मरीजों की देखभाल, इलाज के तरीके और रोगियों की संतुष्टि का मूल्यांकन करने के साथ ही मानक संचालन प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल के अनुपालन कराने का हर संभव प्रयास किया जाता है। इसके अलावा सरकार या स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता अभियान चला कर ग्रामीणों को जागरूक किया जाता हैं।

 

स्थानीय स्तर पर उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से किया जाता हैं उचित सलाह और इलाज़: अंजली
महाराजगंज प्रखंड के बंगरा गांव स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) की सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अंजली तिवारी ने बताया कि हरिकेशपुर, बंगरा, तेघड़ा, बंगरा और हरिजन टोला को मिलाकर लगभग 9 हजार की जनसंख्या वाले इस स्वास्थ्य संस्थान द्वारा दो एएनएम, 9 आशा कार्यकर्ता और एक आशा फेसिलेटर के सहयोग से प्रतिदिन लगभग 20 ओपीडी किया जाता हैं। विगत जून महीने में 391, जुलाई में 376 जबकि अगस्त में 369 मरीजों का बेहतर तरीके से उसका उचित सलाह और इलाज़ किया गया है। हालांकि इसके साथ ही स्वास्थ्य केंद्र आने में परेशानी होने के कारण मोबाइल के माध्यम से टेली कंसल्टेंसी, गैर संचारी रोग और संचारी रोग जैसे महत्वपूर्ण बीमारियों का उपचार किया जाता हैं। आयुष्मान भारत एचडब्ल्यूसी द्वारा ग्रामीणों को सरकार की ओर मिलने वाली सुख सुविधाओं में टेलीकंस्लटेंसी, रक्त जांच, एनसीडी, परिवार नियोजन, नियमित टीकाकरण, पोषण एवं प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) सहित 12 प्रकार की सुख सुविधाओं
की स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई गई है। स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान के द्वारा 17 गर्भवती महिलाएं और 20 धात्री माताओं का उचित सलाह और इलाज़ किया जा रहा है साथ ही प्रत्येक महीने के पहला बुधवार को टीकाकरण किया जाता हैं।

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