संतान की लंबी आयु के लिए माताओं ने किया जीवित्पुत्रिका व्रत

संतान की लंबी आयु के लिए माताओं ने किया जीवित्पुत्रिका व्रत

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, उतम पाठक, दारौंदा, सीवान बिहार:

सीवान जिले के विभिन्न प्रखंडों सहित दारौंदा प्रखण्ड में

बच्चों की लम्बी आयु और मंगल कामना के लिए महिलाओं ने निर्जला उपवास रहकर जीवित्पुत्रिका व्रत किया।

जीवित्पुत्रिका व्रत का अर्थ यानि जीवित पुत्र के लिए रखा जाने वाला व्रत ।

जिउतिया व्रत मातायें अपनी संतान की लम्बी आयु और सुख – समृद्धि की कामना के लिए करती हैं।

 

जीवित्पुत्रिका व्रत महत्त्वपूर्ण व्रतों में से एक हैं।

यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता हैं।

व्रत निर्णय में वर्णित हैं कि सप्तमी से रहित और उदया तिथि की अष्टमी में व्रत करें और नवमी में पारण करें।

इस बार यह व्रत 25 सितम्बर बुधवार को किया गया।

25 सितम्बर बुधवार को शाम 04:56 तक अष्टमी तिथि रहेगी। ऐसे में इस दिन व्रत करना श्रेष्ठकर होगा ।

यह व्रत माताएं अपनी पुत्र की दीर्घायु और आरोग्यता के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

 

25 सितम्बर बुधवार को माताएं दिन और रात निर्जला उपवास रहकर ।

26 सितंबर गुरूवार को प्रातः काल दान पुण्य कर जीवित्पुत्रिका व्रत की पारण करेंगी।

 

वही बग़ौरा के पंडित नितेश पाण्डेय ने कुश से बनी

जीमूतवाहन देवता का विधिवत् धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प, फल, मिठाई आदि अर्पित कर विधि विधान से पूजन कराया और व्रतियों को जीवित्पुत्रिका व्रत का कथा सुनाया।

कथा के प्रसंग में उन्होंने कहा कि धौम्य ने द्रौपदी जी से कहा कि यह अतिशय दुर्लभ व्रत हैं। इस व्रत को करने से बच्चें दीर्घायु होते हैं। इस तरह जीमूतवाहन को वरदान देकर गरुड़ जी वैकुंठ धाम को चले गये।

 

कथा के बाद व्रतियों ने जीमूतवाहन देवता की आरती कर जीउतिया धारण किया।

Leave a Reply

error: Content is protected !!