सांसद संजय राउत को न्यायालय ने जेल की सजा क्यों सुनाई?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
उद्घव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत को कोर्ट ने सजा सुनाने के साथ बड़ी राहत भी दे दी. कोर्ट ने सजा को 30 दिन के लिए टाल दिया और राज्यसभा सदस्य को उनकी अर्जी पर जमानत दे दी. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सिवड़ी अदालत) ने राज्यसभा सदस्य राउत को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि के लिए दंड) के तहत दोषी ठहराया और उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत द्वारा अपना फैसला सुनाए जाने के बाद राउत के वकील ने सजा को स्थगित करने और उन्हें जमानत देने के लिए दो याचिकाएं दायर कीं, जिन्हें अदालत ने स्वीकार कर लिया.
सजा सुनाए जाने के बाद क्या बोले संजय राउत
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद कहा, आप मुझे कोई भी सजा दे सकते हैं, मुझे कोई दिक्कत नहीं है. आप कोर्ट का आदेश पढ़िए, कोर्ट ने यह नहीं कहा है कि मैंने कुछ गलत कहा है. कोर्ट ने कहा है कि यह जनहित में है. किसी को सजा नहीं हुई है. यह पूरी न्याय व्यवस्था ‘संघी’ हो गई है. हमारे प्रधानमंत्री चीफ जस्टिस के घर लड्डू खाने जाते हैं. पूरा देश यह देखता है. हम जैसे लड़ने वाले लोगों को न्याय कहां मिलेगा, हमें सजा मिलेगी.
क्या है मामला?
बीजेपी नेता की पत्नी मेधा सोमैया ने दायर अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि राउत ने उनके और उनके पति के खिलाफ निराधार तथा पूरी तरह से मानहानिकारक आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि राउत ने उन पर मीरा भयंदर नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में कुछ सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण और रखरखाव पर 100 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया. शिकायत में कहा गया था, आरोपी द्वारा मीडिया को दिए गए बयान अपने आप में मानहानिकारक हैं. ये बयान आम जनता की नजर में मेरे चरित्र को खराब करने के लिए दिए गए हैं.
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