बिहार में घोड़परासों और जंगली सुअरों को मारने का आदेश, नीतीश सरकार चलाएगी अभियान
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
बिहार में खेतों में फसल चौपट करने वाले घोड़परासों यानी नीलगाय और जंगली सुअरों को मारा जाएगा। राज्य की नीतीश सरकार ने यह फैसला लिया है। जंगली सुअरों और घोड़परासों को नियमानुसार मारने के लिए विभिन्न जिलों में अभियान चलाया जाएगा। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया।
इसको लेकर जिलों में जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला पुलिस अधीक्षक, वन प्रमंडल पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी तथा जिला पंचायती राज पदाधिकारी की जल्द ही एक संयुक्त बैठक होगी।बैठक पदाधिकारियों ने बताया कि घोड़परासों के द्वारा फसल की बड़े पैमाने पर क्षति की जा रही है। खासकर वैशाली, पूर्वी चंपारण, बक्सर, सीवान और समस्तीपुर जिलों के किसान इनसे परेशान हैं।
इन जिलों में इसी महीने से इस अभियान की शुरुआत कर दी जाएगी।पिछले महीने इस मुद्दे पर कृषि और वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्रियों और अधिकारियों की भी बैठक हुई थी। इसमें फैसला लिया गया था कि कृषि विभाग घोड़परास और जंगली सुअरों को मारने का खर्च उठाएगा। इसके लिए वन,पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के पैनल के शिकारियों का सहयोग लिया जाएगा।
बता दें कि बिहार के 34 जिलों में घोड़परास और 30 जिलों में जंगली सुअरों की वजह से फसलें नष्ट हो रही हैं। इन जिलों में अनुमानित घोड़परास 3 लाख और जंगली सुअर 67 हजार है। वन विभाग घोड़परास और संजली सुअरों द्वारा फसल नष्ट करने की स्थिति में किसानों को हजार रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देता है।
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