देश के अंदर बैठे जयचंदों से हीं देश को खतरा, कुछ लोग सनातन धर्म को मिटाने की कर रहे हैं साजिश – आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री।

श्रीनारद मीडिया, प्रभात कुमार मिश्रा, गया ( बिहार )

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शुक्रवार की देर रात बागेश्वर धाम में पीठाधीश आचार्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री काशी से सड़क मार्ग से गयाजी धाम पहुंचे। उनकी एक झलक पाने के लिए बोधगया स्थित उनके प्रवास स्थल पर बड़ी संख्या में उनके अनुयायियों और श्रद्धालुओं की भी जुट गई। कुछ समय तक उनके प्रवास स्थल जय श्रीराम और बाबा बागेश्वर की जयकारे से गूंज उठा। भक्तो की भीड़ और उनके उत्साह देखकर आचार्य पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री होटल के कमरे से बाहर आ गए गए। भक्तों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम ‘गयाजी’ में मात्र तीन दिन रहेंगे। पितृपक्ष मेला के बाद एक बार फिर ‘गयाजी’ आएंगे। उन्होंने अपने भक्तों और अजुयायियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार भी हम कोई दिव्य दरबार या कथा नहीं करेंगे।

क्योंकि इससे जिला प्रशासन को परेशानी हो सकती है। इसलिए पितृपक्ष मेला के बाद ज्ञान और मोक्ष्य की नगरी गयाजी में आएंगे और प्रवचन के साथ दिव्य दरबार का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें बिहार से बहुत प्रेम हैं। हम बिहार की चर्चा तो आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों में करते हैं। इस दौरान उन्होंने मगही और भोजपुरी मिलीजुली भाषा का प्रयोग करते हुए भक्तों को आशीर्वाद दिया। वहीं आचार्य धीरेंद्र कृष्ण ने गयावासियों को बागेश्वर धाम आने का न्यौता भी दिया।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि आज भारत में विचित्र सी स्थिति बनी हुई है। यहां भगवान के प्रसाद में भी मछली का तेल मिला दिया जा रहा है। बागेश्वर धाम वाले बाबा ने कहा कि हमें न चुनाव लड़ना है और न वोट चाहिए। हमारा उद्देश्य है कि भारत के हिंदुओं और हिंदुओं की बेटे-बेटियों पर अत्याचार न हो, जिस तरह बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हुआ, वह भारत में न हो।

आचार्यश्री ने कहा कि पिछड़े लोगों से मिलने और जात-पात व उच्च नीच को खत्म करने के लिए बागेश्वर धाम से 21 नंवबर से 29 नंवबर तक 160 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। भारत में शांति के साथ सनातनी क्रांति की जरूरत है। इस मुहिम के माध्यम से धर्म विरोधियों के मुंह पर तमाचा मारेंगे। हम नहीं चाहते हिन्दू बेटियों के साथ अत्याचार, संतों की हत्या और बंगला देश में जो हिन्दुओं के साथ हो रहा है, वह भारत में भी हो। पदयात्रा के दौरान गांव-गांव जाकर लोगों को जगाने का काम करेगे।

उन्होंने कहा कि अपने देश के हीं कुछ जयचंदो से देश को खतरा है। कुछ लोग देश के अंदर हीं देश और सनातन धर्म के साथ गद्दारी कर रहे हैं। उनकी मनसा सनातन धर्म को बर्बाद करना है।

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