राष्ट्रीय पोषण अभियान – जिले के बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत कुमकुमपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषण परामर्श केंद्र का हुआ उद्घाटन:

राष्ट्रीय पोषण अभियान – जिले के बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत कुमकुमपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषण परामर्श केंद्र का हुआ उद्घाटन

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पोषण के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाना और मोटे अनाज के स्वास्थ्य लाभों को उजागर करना मुख्य उद्देश्य: सीडीपीओ

अनिवार्य रूप से पारंपरिक व्यंजनों में मोटे अनाज को शामिल करने को लेकर किया जागरूक: वरुण रस्तोगी

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

मोटे अनाज जैसे- ज्वार, बाजरा, रागी, और कोदो जैसे अनाजों को बेहतर अनाज के रूप में मान्यता दी गई है। यह अनाज न केवल पोषण से भरपूर होते हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं। मोटे अनाज फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स, और खनिजों से भरपूर होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। मोटे अनाज मधुमेह, हृदय रोग और मोटापे जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने में काफी मददगार साबित भी होते हैं। पोषण के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाना और मोटे अनाज के स्वास्थ्य लाभों को उजागर करना मुख्य उद्देश्य है। उक्त बातें बसंतपुर प्रखंड की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मंजू कुमारी ने स्थानीय प्रखंड के कुमकुमपुर गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या – 52 पर पोषण अभियान के तहत पोषण परामर्श केंद्र के उद्घाटन के दौरान कही। सीडीपीओ मंजू कुमारी ने बताया कि मोटे अनाज की खेती जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति अधिक सहनशील होती है। क्योंकि यह अनाज कम पानी और कम खाद की आवश्यकता रखते हैं, जिससे खेती की लागत कम होती है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाता है। जिसको लेकर मोटे अनाज को लेकर व्यापक स्तर पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

बच्चों व महिलाओं में पोषण के स्तर में सुधार को लेकर चलाया गया जागरुकता अभियान: डीपीओ
आईसीडीएस की डीपीओ तरणी कुमारी ने बताया कि महिला और युवतियों में होने वाले एनीमिया के साथ- साथ बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए उचित पोषक आहार का सेवन करना जरूरी है। अगर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सही पोषण मिले तो उन्हें कई तरह की बीमारियों से बचाया जा सकता है। क्योंकि एनीमिया की समस्या को कम करने के लिहाज से उचित पोषण का विशेष महत्व है। पोषण पखवाड़ा के अलावा आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से समय- समय पर आयोजित होने वाले विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने का अभियान संचालित किया जाता है। बच्चों व महिलाओं में पोषण के स्तर में सुधार को लेकर जिले के सभी प्रखंडों में विशेष रूप से पोषण पखवाड़ा का संचालन किया जा रहा है। इस विशेष अभियान में बाल विकास परियोजना कार्यालय से लेकर पंचायत व आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पोषण संबंधी विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

अनिवार्य रूप से पारंपरिक व्यंजनों में मोटे अनाज को शामिल करने को लेकर किया जागरूक: वरुण रस्तोगी
पोषण अभियान के प्रखंड समन्वयक वरुण कुमार रस्तोगी ने बताया कि उक्त आंगनबाड़ी केंद्र पर उपस्थित धात्री और गर्भवती महिलाओं को मोटे अनाज को अपने दैनिक आहार में शामिल करने के तरीकों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। वहीं गर्भवती और धात्री माताओं को सुझाव दिया कि आप लोगों को अनिवार्य रूप से पारंपरिक व्यंजनों में मोटे अनाज को शामिल करना चाहिए। जैसे कि बाजरे की रोटी, ज्वार का खिचड़ा, और रागी का हलवा। इस तरह लोग अपने पोषण को बेहतर बना सकते हैं और मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दे सकते हैं। हालांकि इसमें हरी साग सब्जी, पालक, बथुआ, मेथी, गाजर, चना, सोयाबीन सहित अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन की सलाह दी जाती है। मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा की गई। साथ ही अपने खाने में मोटे अनाज को शामिल करने और इसे अपने समुदाय में जागरूकता पैदा करने को लेकर अपील की गई।

लाभार्थियों के नवजात शिशुओं का अन्नप्राशन और गर्भवती महिलाओं की गोदभराई का हुआ आयोजन: श्वेता कुमारी
महिला पर्यवेक्षिका श्वेता कुमारी ने बताया कि क्षेत्र की महिलाओं को पोषण से संबंधित सही जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पोषण परामर्श केंद्र स्थापित किया गया है। ताकि इसके माध्यम से पोषण से संबंधित आवश्यक सुझाव आम महिलाओं को उपलब्ध कराया जा सके। पोषण परामर्श केंद्र के साथ- साथ आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से संबंधित पोषक क्षेत्र में भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। स्थानीय आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषण अभियान के तहत पोषण परामर्श केंद्र का उद्घाटन के बाद लाभार्थियों के नवजात शिशुओं का अन्नप्राशन और गर्भवती महिलाओं का गोदभराई के साथ ही मोटे अनाज के उपयोग और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। इस अवसर पर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मंजू कुमारी, महिला पर्यवेक्षिका श्वेता कुमारी, पिंकी कुमारी, रानी सोनी और पोषण अभियान के प्रखड समन्वयक वरुण कुमार रस्तोगी, सेविका आरती, प्रियंका राय और कुमकुमपुर पंचायत की सभी सेविका सहित स्थानीय लाभार्थी और ग्रामीण उपस्थित थे।

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