चौदह बाढ़ प्रभावित राज्यों को केंद्र ने दिए 5858 करोड़ रुपये
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बाढ़ से हुए नुकसान से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने बिहार और पश्चिम बंगाल समेत 14 राज्यों को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से 5,858 करोड़ रुपये की अग्रिम सहायता राशि जारी की गई है। असम, मिजोरम सहित कई राज्यों में केंद्रीय अंतर मंत्रालीय टीम द्वारा नुकसान का आंकलन किया जा चुका है और जल्द ही टीम बिहार और पश्चिम बंगाल भी दौरा करेगी।
जारी होगी सहायता राशि
अंतर मंत्रालीय टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद अतिरिक्त सहायता राशि जारी की जाएगी। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित राज्यों के लोगों की मुश्किलें कम करने में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
बिहार को मिले 656 करोड़ रुपये
गृह मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से बिहार को 656 करोड़, पश्चिम बंगाल को 468 करोड़, महाराष्ट्र को 1492 करोड़ और हिमाचल प्रदेश को 189 करोड़ रुपये जारी किये गए। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात, केरल, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा को भी सहायता राशि दी गई है।
21 राज्यों को 14,958 करोड़ रुपये
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि असम, मिरोजम, केरल, त्रिपुरा, नगालैंड, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मणिपुर में हुए नुकसान का आंकलन अंतर मंत्रालीय टीम कर चुकी है। अन्य राज्यों में जल्द ही टीम दौरा करेगी। इस केंद्रीय आपदा सहायता के रूप में 21 राज्यों को 14,958 करोड़ रुपये से अधिक राशि जारी कर चुकी है।
दरभंगा जिले में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही। कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड से होकर गुजरने वाले कोसी और कमला नदी के जलस्तर में सोमवार की रात मामूली कमी हुई। लेकिन, मंगलवार की अहले सुबह से जलस्तर में फिर वृद्धि शुरू हो गई है।
बताया जा रहा है कि कमला बलान नदी के पूर्वी तटबंध के ऊपर से भिंडुआ पंचायत के गोबराही गांव के सामने लगभग एक किलोमीटर की दूरी में पानी ओवरफ्लो होकर बह रही है, जिससे कोसी व कमला बलान के जलस्तर फिर से वृद्धि होने लगी है। जलस्तर में वृद्धि से निचले इलाकों में बसे लोगों को अब घर छोड़कर पलायन करने की संभावना बनती जा रही है। बाढ़ प्रभावित चारों पंचायत में प्रभावित लोगों को समस्या जस की तस बनी हुई है।
घनश्यामपुर कमला नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण दोनों तटबंध के बीच में बसे आधा दर्जन गांव पांचवें में दिन भी पानी से घिरे हुए हैं। किरतपुर प्रखंड से गुजरने वाली कोसी, कमला एवं गेहुआ नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। कोसी के पश्चिमी तटबंध के टूट जाने से क्षेत्र के पांच लाख से अधिक आबादी के बीच अभी अफरातफरी बनी हुई है।
मधुबनी में कमला बलान ओवर फ्लो
बैरिया में पीडी रिंग बांध 20 फीट बहा, एक दर्जन गांवों में फैला पानी
बेतिया जिले के बैरिया प्रखंड के घोडहिया गांव के पास सोमवार की रात पीडी रिंग बांध करीब 20 फीट के आसपास बह गया। बांध के ध्वस्त होने से एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। आधी रात को गांव में बाढ़ का पानी पहुंचा तो ग्रामीण दहशत में आ गए।
पीडी रिंग बांध के ध्वस्त होने से पानी का दबाव चंपारण प्रबंध पर अधिक हो गया है। हालांकि बांध के ध्वस्त होने की सूचना मिलते ही अधिकारियों की टीम पहुंची हुई है। राहत एवं बचाव का कार्य चल रहा है। जिन गांवों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है वहां के लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचने के लिए एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई है।
बेतिया जिले के बैरिया प्रखंड में बाढ़ से बिगड़े हालात
सहरसा में बाढ़ से हालात हुए खराब
सहरसा के कई गांवों में बाढ़ के पानी घुसने से हालात बुरे होते जा रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
सहरसा में पश्चिम कोसी तटबंध टूटने के बाद अचानक बेघर हुए लोग
खगड़िया में नाव डूबी, एक लापता
अलौली प्रखंड अंतर्गत बनर झूला घाट हथवन में सोमवार को कोसी नदी में एक छोटी नाव डूब गई। नाव पर चार लोग सवार थे। सभी लोग कोसी का पानी बढ़ने के बाद हाथवन भरैण बासा से नाव पर सवार होकर अपने गांव हथवन लौट रहे थे। 60 वर्षीय जोगी यादव लापता हैं। शेष तीन लोग बाहर निकलने में सफल रहे। अलौली थाना अध्यक्ष समरेंद्र कुमार ने घटना की पुष्टि की है। एसडीआरएफ की टीम वहां पहुंच चुकी है।
खगड़िया के हथवन में बाढ़ में डूबी नाव
बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी राज्य में एक बार फिर भीषण तबाही मचा रही है। वीरपुर के कोसी बराज से छह लाख अधिक क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। 56 साल का रिकॉर्ड टूटने की कगार पर है। जिधर से भी कोसी बराज का यह पानी गुजर रहा है, उधर सिर्फ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है।
इधर कोसी बराज का पानी मधेपुरा जिले के आलमनगर और चौसा प्रखंड से गुजरने वाली कोसी नदी में पहुंच गया है। पानी की काफी रफ्तार तेज है। इसका असर नीचले इलाकों में दिखने लगा है। पानी खेतों के रास्ते गांव तक पहुंच रहा है। कई गांव डूबने की कगार पर हैं।
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