पूर्णिया तनिष्क शोरूम ज्वेलरी लूट मामले में थाने को बर्खास्त करें- आईजी शिवदीप लांडे

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के चर्चित आईपीएस अफसर और पूर्णिया के आईजी शिवदीप लांडे इस्तीफा देने के बाद भी फॉर्म में हैं। पूर्णिया के तनिष्क शोरूम से 3 करोड़ की ज्वेलरी लूटे जाने के मामले में उन्होंने पूरे थाने (खजांची हाट सहायक थाना) को सस्पेंड करने को कह दिया है। इससे जिले के पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया है। इसके अलावा उन्होंने शहर के सदर एसडीपीओ-1 के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने की भी सिफारिश की है।

आईजी लांडे ने पूर्णिया के एसपी को लिखे एक पत्र में इस केस में लूटी गई ज्वेलरी के बरामद न होने और मुख्य साजिशकर्ता के न पकड़े जाने पर नाराजगी जाहिर की। बता दें कि आईजी शिवदीप लांडे ने भारतीय पुलिस सेवा से पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, अभी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है तो वे आधिकारिक रूप से पद पर बने हुए हैं।

बीते 26 जुलाई को पूर्णिया शहर के बीचोंबीच स्थित तनिष्क शोरूम से दिनदहाड़े कुछ बदमाशों ने 3.70 करोड़ रुपये की ज्वेलरी लूट ली थी। इस मामले में लिखे गए पत्र में आईजी ने कहा कि यह वारदात दोपहर 12 बजे शहर के सबसे व्यस्ततम इलाके में हुई। इससे पुलिस थाने के पूरे स्टाफ की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े होते हैं।

दिनदहाड़े एवं भीड़-भाड़ वाले इलाके में स्थित तनिष्क शोरूम के कर्मियों को बंधक बनाकर 3 करोड़ से ऊपर की ज्वेलरी लूट मामले के दो महीने से ऊपर का वक्त बीत गया है। मगर पुलिस अब तक लूट की महज एक अंगूठी बरामद कर पाई है। बरामदगी के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। सभी संसाधनों से संपन्न होने के बावजूद घटना के वक्त शोरूम के आसपास पुलिस की किसी भी प्रकार गश्ती नहीं पाए जाने, शोरूम के कर्मी के दो सिम लगे मोबाइल को ढूंढ निकालने में विफलता और इस कांड के मुख्य साजिशकर्ता के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर आईजी ने कठघरे में ले लिया है।

28 अगस्त को पुलिस मुख्यालय की ओर से मांगी गई रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं होने पर भी आईजी ने गहरी नाराजगी जाहिर की। अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी इस प्रकार का उदासीन रवैया थानाध्यक्ष, सहायक थाना एवं थाना के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी के मनमानेपन को दर्शाता है। थानाध्यक्ष का अपने क्षेत्र में सूचना संकलन में भी विफलता एवं थाना क्षेत्र में अपराध नियंत्रण में भी इनकी रूचि को नहीं दिखाता है। सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार पर टिप्पणी करते हुए आईजी ने लिखा कि इस घटना के संबंध में उन्हें न तो कोई पूर्वाभास था और न ही अपने पुलिस पदाधिकारियों पर किसी प्रकार का कोई नियंत्रण है।

साथ ही घटना घटित होने के बाद भी सदर एसडीपीओ के स्तर से कांड में लूटी गई ज्वेलरी की बरामदगी में भी कोई रूचि नहीं दिखाई गई, जो कि खेदजनक है। आईजी ने सदर एसडीपीओ के कार्य के प्रति उदासीनता, नेतृत्व की अक्षमता एवं संदिग्ध आचरण का जिक्र भी अपने पत्र में किया है। उन्होंने एसपी को इस कांड की समीक्षा करते हुए उपरोक्त सभी तथ्यों पर खुद जांच कर अपने स्पष्ट के साथ जांच प्रतिवेदन जल्द समर्पित करने का निर्देशदियाहै।

 

 

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