नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की हुई पूजा अर्चना
श्रीनारद मीडिया, उतम पाठक, दारौंदा, सीवान (बिहार):
सीवान जिला मुख्यालय सहित सभी प्रखंड क्षेत्रों में नवरात्रि के तीसरे दिन विधि विधान से मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजन अर्चन की गई।
माता चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्द्धचंद्र शोभित रहता हैं।
इसीलिए मां को चंद्रघंटा देवी कहा जाता है।
ऐसा माना जाता हैं कि माता अपने भक्तों को संकटों से बचाने के लिए अपने हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा धारण की है।
मां चंद्रघंटा का स्वरूप शांतिदायक और परम कल्याणकारी हैं।
मां चंद्रघंटा का प्रिय भोग:-
खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाया गया। दूध का भोग लगाने से व्यक्ति को दुखों से मुक्ति मिलती हैं।
मान्यता है कि चंद्रघंटा माता को:-
सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।
देवी कृपा से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति तथा समस्त सांसारिक आधि – व्याधि से मुक्ति मिलती हैं।
माता चंद्रघंटा की आराधना करने से चिरायु , आरोग्य , सुखी और सम्पन्नता प्राप्त होती हैं।
व्रत रखने वाले व्यक्ति के साहस एवं वीरता तथा स्वर में मिठास और आकर्षण में वृद्धि होती हैं।
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