श्रीनारद मीडिया, प्रभात कुमार मिश्रा, गया ( बिहार )
एसएसपी आशीष भारती के नेतृत्व में गया पुलिस एक के बाद एक कामयाबी का पुलिंदा बांधती जा रही है। पुलिस कप्तान के मार्गदर्शन में जिले के सभी थानों की पुलिस में एक अलग तरह का जोश और अनुसंधान का जज्बा देखने को मिल रहा है। वहीं गया जिला से नक्सली का खात्मा का पुलिस कप्तान का संकल्प लगभग चरम पर है। जिला पुलिस और एसटीएफ के द्वारा एक के बाद एक कार्रवाई कर नक्सलियों के रीढ़ तोड़ने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला पुलिस और एसटीएफ की टीम में एक सप्ताह में दो कुख्यात और इनामी नक्सली को सलाखों के पीछे डाल दिया है। दो दिन पूर्व हीं पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे एक लाख के इनामी नक्सली कमलेश रवानी को जिले के खिजरसराय थाना क्षेत्र से दबोचा था। वहीं दो दिन बाद पुलिस ने एक बार फिर गुप्त सूचना को आधार बनाते हुए दस साल से फरार कुख्यात नक्सली कपिल पासवान को धर दबोचा है। कपिल पासवान पर अपने दो दर्जन से अधिक साथियों में साथ मिलकर एयरटेल मोबाईल नेटवर्क के टावर उड़ाने का आरोप है। जिसे पुलिस ने रानीगंज बस पड़ाव के समीप से गिरफ्तार किया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए गया पुलिस कप्तान आशीष भारती ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से बताया कि गया पुलिस और एसटीएफ के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पुलिस ने मोबाईल टावर उड़ाने के आरोपी दस साल से फरार कुख्यात नक्सली को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर जिले के रानीगंज बस पड़ाव के समीप से गिरफ्तार किया है। एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार कुख्यात नक्सली कपिल पासवान अपने साथियों के साथ वर्ष 2014 में जिले के डुमरिया में एयरटेल टावर को बम से उड़ा दिया था। इस मामले में पहले ही 20 नक्सली को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है जबकि 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, वही इस मामले में मुख्य आरोपी कुख्यात नक्सली कपिल पासवान फरार चल रहा था। गया पुलिस और एसटीएफ को सूचना मिली कि कपिल पासवान रानीगंज बस स्टैंड के पास आया हुआ है। सूचना के सत्यापन को लेकर पुलिस और एसटीएफ की एक संयुक्त टीम बनाई गई और रानीगंज बाजार के पास छापेमारी किया गया। जहां कुख्यात नक्सली कपिल पासवान को दबोचा गया। एसएसपी आशीष भारती ने अपराधिक मामलों में संलिप्त लोगों और नक्सली गतिविधि व नक्सलियों को सहयोग करने वाले लोगों को एक संदेश देते हुए कहा कि वैसे लोग या तो गलत काम छोड़ दें या। आत्मसमर्पण कर दें। अन्यथा किसी हस्र सही नही होने वाला है।