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बिहार के कैमूर में बनेगा बाघ अभ्यारणय आरक्षित क्षेत्र - श्रीनारद मीडिया
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बिहार के कैमूर में बनेगा बाघ अभ्यारणय आरक्षित क्षेत्र

बिहार के कैमूर में बनेगा बाघ अभ्यारणय आरक्षित क्षेत्र

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priyranjan singh
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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में वीटीआर के बाद एक और टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा। बिहार सरकार कैमूर वन्यजीव अभ्यारण को राज्य के दूसरे टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित करेगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। सूबे के पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रेम कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्र ने कैमूर अभ्यारण को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। बिहार सरकार अब इसके विकास एवं बाघों को ट्रांसफर करने की योजना तैयार कर रही है।

कैमूर वन्यजीव अभ्यारण 1504.96 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। पर्यावरण एवं वन विभाग की सचिव वंदना प्रेयशी ने कहा कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में पिछले कुछ सालों से बाघों की आबादी बढ़ी है। वीटीआर में बाघों की संख्या 54 हो गई है। बिहार के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने अपनी 12वीं टेक्निकल कमिटी की बैठक में कैमूर वन्यजीव अभ्यारण को बिहार के दूसरे टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित करने के रूप में स्वीकृति दी।

बता दें कि वीटीआर पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकि अभ्यारण का हिस्सा है, जो लगभग 909 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। 1990 में इसे देश के 18वें टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया गया था। बाघों की आबादी और घनत्व के मामले में इसका देश में चौथा स्थान है। इस अभ्यारण के अंदर से गंडक और मसान नदी गुजरती हैं, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देती हैं।

वहीं, कैमूर वन्यजीव अभ्यारण उत्तर में भोजपुर, बक्सर और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ है। दक्षिण में झारखंड के पलामू और गढ़वा जिले के कुछ इलाके इसमें आते हैं। पश्चिम में यूपी के वाराणसी और सोनभद्र, तो पूर्व में बिहार के औरंगाबाद और जहानाबाद जिले इसका हिस्सा हैं। इस वन्यजीव अभ्यारण में तेंदुए, चितल, सांभर, भालू, जंगली सुअर, नीलगाय, चौसिंगा के अलावा पक्षियों की 70 प्रजातियों के पशु-पक्षी हैं।

पश्चिम चंपारण स्थित वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में बाघों की संख्या पिछले दस वर्षों में सात गुना बढ़ी है और यह संख्या 54 पहुंच गई है। वहीं देशस्तर पर बाघों की संख्या में 10 वर्षों में सिर्फ दोगुना वृद्धि हुई है। वीटीआर में बाघों की बढ़ती संख्या पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने खुशी जाहिर की है। साथ ही कहा गया कि वीटीआर से कैमूर स्थित वन्यजीव अभयारण्य में कुछ बाघ भेजे जाएंगे। इसको लेकर कैमूर में टाइगर रिजर्व विकसित करने की सैद्धांतिक सहमति मिल गयी है।

विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और सचिव बंदना प्रेयषी ने सोमवार को सूचना भवन में यह जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि वीटीआर में बाघों के रखने की क्षमता 45 है। बिहार का हरियाली क्षेत्र अभी 15 प्रतिशत है, जिसे चतुर्थ कृषि रोडमैप के तहत बढ़ाकर 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। इसके लिए बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जा रहा है।

वर्ष 2024-25 में 4.68 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। अब तक 3.54 करोड़ पौधे लगा दिये गए हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि उत्तर बिहार के कई जिलों में आई बाढ़ से बड़े पैमाने पर वृक्षों और नर्सरी की क्षति हुई है। संबंधित जिले के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि नुकसान का आकलन कर एक सप्ताह में ब्योरा भेजें, ताकि उसके आगे के लिए विभाग स्तर पर कोई निर्णय लिया जा सके। मंत्री ने यह भी कहा कि गैर वन भूमि के कारण सड़क की 25 परियोजनाओं पर भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त करने की कार्रवाई की जा रही है। इससे बिहार के विकास में तेजी आएगी। वहीं, सचिव ने कहा कि कैमूर और रोहतास ईको टूरिज्म हब बनेगा।

 

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