लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव समेत 9 लोगों को मिली जमानत
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार की दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई. कोर्ट ने लालू यादव समेत 9 लोगों को जमानत दे दी है. बता दें कि 1-1 लाख के निजी मुचलके पर सभी को बेल मिली है. सुनवाई के लिए कोर्ट में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तेजप्रताप और मीसा भारती पहुंचे थे. पहली बार इस मामले में कोर्ट की तरफ से लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को समन किया गया था.
कोर्ट में पेशी के लिए लालू प्रसाद यादव अपनी बेटी मीसा भारती और रोहिणी के साथ रविवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे. बता दें कि तेजप्रताप पहले से ही दिल्ली में मौजूद थे. तेजस्वी यादव दुबई थे तो रविवार देर रात वे दिल्ली पहुंचे.
लालू ने दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया से कहा- मोदी की हार तय
दिल्ली रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा चुनाव में नरेंद्र मोदी और भाजपा की हार तय है. वहीं, सांसद मीसा भारती ने कहा कि हरियाणा और जम्मू कश्मीर में इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने जा रही है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था- तेजप्रताप की संलिप्तता से इनकार नहीं
बता दें कि ED की सप्लीमेंट्री चार्जशीट को एक्सेप्ट करने के बाद 18 दिन पहले कोर्ट ने लालू परिवार समेत इस मामले में शामिल अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि तेजप्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है. वह एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे.
ED ने 6 अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 6 अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी. इनमें से 4 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें लल्लन चौधरी, हजारी राय, धर्मेंद्र कुमार, अखिलेश्वर सिंह, रविंदर कुमार, स्व. लाल बाबू राय, सोनमतिया देवी, स्व. किशुन देव राय और संजय राय शामिल हैं. लल्लन चौधरी की पत्नी ने पति की मृत्यु से जुड़ी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी कोर्ट में प्रस्तुत किया है. कोर्ट ने मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल करने का आदेश दिया था.
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम
आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद देश के रेल मंत्री थे, उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर रेलवे में ग्रुप D की भर्ती में कई लोगों को जमीन के बदले नौकरी पर लगवाया था। आरोप है कि राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर की गई डीड के जरिए ये जमीनें ट्रांसफर हुई हैं। सीबीआई ने दावा किया कि ऐसी नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी पटना के निवासी नियुक्त लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में तमाम जोनल रेलवे में सब्सीट्यूट्स के रूप में नियुक्त किया गया।
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