एचएमआईएस, आरसीएच सहित कई अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह समीक्षात्मक बैठक आयोजित
सकारात्मक परिणामों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में निभानी पड़ेगी भूमिका: सिविल सर्जन
एचएमआईएस और आरसीएच सहित विभिन्न कार्यक्रमों से संबंधित प्रगति पर विस्तार से हुई चर्चा: डीपीएम
श्रीनारद मीडिया, सिवान, (बिहार):
सीवान जिला में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और उन्हें बेहतर बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के माध्यम से अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की संख्या, दवाओं की उपलब्धता और उपचार की गुणवत्ता का डेटा आसानी से संकलित किया जा सकता है। वहीं प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) कार्यक्रमों की प्रगति और उसके कार्यान्वयन को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। क्योंकि मातृ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाना आरसीएच कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने स्थानीय सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह समीक्षात्मक बैठक के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन में सुधार, डेटा प्रबंधन की गुणवत्ता को बढ़ाना और नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना स्वास्थ्य विभाग की पहली प्राथमिकताओं में शामिल है।
विभागीय स्तर पर जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल महाराजगंज, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों और बीएचएम को बैठक के दौरान सकारात्मक परिणामों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभाने पड़ेगी। इसके लिए हम सभी को मिलकर जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को और प्रभावी बनाने का संकल्प लेने की जरूरत है। फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत जिले में हाइड्रोसिल का ऑपरेशन कराने को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।
एचएमआईएस और आरसीएच सहित विभिन्न कार्यक्रमों से संबंधित हुई विस्तार पूर्वक चर्चा: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक विशाल कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) एक डिजिटलीकृत सूचना प्रणाली है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग को विभिन्न डेटा संग्रहण, विश्लेषण और प्रबंधन में मदद करती है। इस प्रणाली के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं के संचालन को आसानी से ट्रैक किया जाता है, जिससे वास्तविक समय में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को जाना जा सकता है। बैठक में एचएमआईएस के उपयोग की मौजूदा स्थिति पर समीक्षा की गई और इस प्रणाली के तहत आवश्यक सुधारों की चर्चा की गई।
जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में संस्थागत प्रसव के साथ ही सी सेक्शन, सदर अस्पताल स्थित एनआरसी, टीबी मुक्त पंचायत, डीवीडीएमएस, एफपीएलएमआईएस, भव्या, प्रसव पूर्व जांच (एएनसी), एनसीडी स्क्रीनिंग, टेली कंसल्टेंसी, संपूर्ण टीकाकरण सहित कई अन्य कार्यक्रमों और आयोजनों के संबध में विस्तृत रूप से चर्चा करने के बाद उस समस्या का समाधान अविलंब कराने को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। जिले में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अभी भी सुधार की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बच्चों और महिलाओं की सेहत के लिए विशेष अभियान चलाने की बात कही है। जिससे अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। इसके अलावा, टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जांच का दायरा बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद, डीपीएम विशाल कुमार, सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनिल कुमार सिंह, एनसीडीओ डॉ एएच खान, डीआईओ डॉ अरविंद कुमार, डैम अजय कुमार श्रीवास्तव, डीएमएंडइओ रवि शेखर, डीपीसी इमामुल होदा, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ अमजद अली, पीरामल स्वास्थ्य के कुंदन कुमार और सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी के अलावा जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, लेखापाल, बीसीएम और बीएमएनई उपस्थित थे।
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