नवरात्रि के आठवें दिन “महागौरी” की हुई षोडशोपचार पूजन
श्रीनारद मीडिया, उत्तम पाठक, दारौंदा, सिवान (बिहार):
सिवान जिला सहित दारौंदा प्रखण्ड सहित मुख्यालयों के विभिन्न क्षेत्र में नवरात्र के आठवें दिन मां का आठवां स्वरूप “महागौरी” की पूजन षोडशोपचार से हुई।
श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेतांबरधरा शुचि: ।
महागौरी शुभम् दद्यान्महा देव प्रमोददा।।
इस मंत्र के साथ पावन नवरात्र के आठवें दिन भगवती आदिशक्ति “महागौरी” के रूप की पूजा विधिवत् की गई।
पावन पर्व शारदीय नवरात्र को लेकर शहर से गांव तक भक्ति में सराबोर हैं ।
माता रानी के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी हैं।
सभी पूजा पंडालों और देवी मंदिरों में भक्त मातारानी के दर्शन कर रहे हैं और जयकारा लगा रहे हैं ।
जिसकी ध्वनि चारों तरफ गूंज रही हैं।
नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा विधि विधान से की गई ।
भक्तों के काफी भीड़ को देखते हुए पूजा समिति भी तत्पर हैं कि किसी भी भक्त को कोई परेशानी न हो। तथा चौक चौराहे पर प्रशासन भी तैनात हैं कि किसी प्रकार का अशांति न हो।
वही बगौरा के न्यू मार्केट, पुरानी बाजार, चौबाह स्थान और शिवाला में भव्य पूजा पंडालों और मां दुर्गा के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है।
पंडित श्री राकेश भारद्वाज उस्ती पूजा पंडाल में पूजन के क्रम में अष्टमी तिथि के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि:- –
नवरात्रि की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। महागौरी का रंग अत्यंत गोरा है। महागौरी की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
देवी दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है और नवरात्रि के आठवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इन्हें मां पार्वती (अन्नपूर्णा) के रूप में पूजा जाता है। इनका वर्ण पूर्ण रूप से गौर है,इसलिए इन्हें महागौरी कहा जाता है।
मान्यता के अनुसार अपनी कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण प्राप्त किया था।
तभी से इन्हें उज्जवला स्वरूपा महागौरी, धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, चैतन्यमयी त्रैलोक्य पूज्य मंगला, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माता महागौरी का नाम दिया गया।
वही बगौरा न्यू मार्केट पूजन पंडाल से पंडित श्री नितेश पाण्डेय ने भी भक्तों से बताया कि :- –
देवीभागवत पुराण में वर्णित हैं कि :– नवरात्रि की अष्टमी तिथि को माता महागौरी को
नारियल का भोग लगाए और सफेद फूल चढ़ाए।
तथा भक्त गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करें।
जिससे धन-धन्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इस दिन देवी महागौरी की पूजा करके लोग उनकी कृपा प्राप्त करते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते।
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