भारत-कनाडा के बीच क्यों बिगड़े संबंध?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बाद कनाडा में पढ़ने की इच्छा रखने वाले छात्र, कनाडा में रहने वाले भारतीय और उत्तरी अमेरिकी देश में रहने वाले लोगों के परिवार काफी चिंतित हैं। भारत और कनाडा के बीच खराब होते संबंधों को देखते हुए कई लोगों ने आशंका जताई है कि उन्हें कनाडा में अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए वीजा हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

क्या है भारत और कनाडा का नया विवाद?

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से ही भारत और कनाडा के तनावग्रस्त चल रहे हैं। निज्जर हत्याकांड की जांच में कनाडा सरकार वहां स्थित भारतीय उच्चायुक्त व उच्चायोग के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की जांच करने जा रही है, जब यह बात भारत को पता लगी तो भारत सरकार ने पहले कनाडाई उच्चायोग के प्रभारी स्टीवर्ट व्हीलर को तलब किया और फिर ह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।

राजनयिकों को निष्कासित करने तक पहुंची बात

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय राजनयिकों को फंसाने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा व दूसरे अन्य अधिकारियों को वापस बुला लिया। देर शाम भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त समेत छह राजनयिकों को निष्कासित कर, उन्हें 19 अक्टूबर तक भारत छोड़ने को कहा गया है। उधर, कनाडा ने भी छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।

दोनों देशों के लोग हैं चिंतित

भारत और कनाडा के बीच बढ़ते कूटनीतिक विवाद ने कनाडा और भारत के कई परिवारों को चिंतित कर दिया है। कनाडा पंजाबियों के लिए पढ़ाई और बसने के लिए सबसे पसंदीदा देशों में से एक है। कपूरथला, जालंधर, होशियारपुर और शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) सहित दोआबा क्षेत्र के कई लोग विदेशों में बसे हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन में हैं।

कनाडा का स्टूडेंट वीजा

होशियारपुर के गौतम नगर निवासी कुणाल सैनी ने ताजा घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कनाडा में पढ़ाई करने का उनका सपना अब टूटता हुआ लग रहा है। उनकी बहन कनिका सैनी, जो तीन साल पहले स्टूडेंट वीजा पर कनाडा चली गई थीं, उन्हें भारतीय छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बताती रहती हैं।

दोनों देशों के सामने चुनौतियां

उन्होंने अपने भाई को बताया कि कनाडा सरकार ने कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, खास तौर पर छात्रों को प्रति सप्ताह 20 घंटे काम करने की सीमा तय की है। इसका खास तौर पर उन लोगों पर असर पड़ा है जो मामूली पृष्ठभूमि से आते हैं, क्योंकि उन्हें सीमित अंशकालिक नौकरी के अवसरों के साथ अपने जीवन-यापन के खर्च को पूरा करने में संघर्ष करना पड़ता है। वहीं, कनाडा के लोगों को भी इस बात का डर सता रहा है कि उन्हें भारत के लिए वीजा मिलने में दिक्कत हो सकती है।

कनाडा में बसे हैं सबसे ज्यादा पंजाबी

इस साल सितंबर में कनाडा सरकार ने 2025 के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र अध्ययन परमिट पर प्रवेश सीमा में कमी की घोषणा की। इसने 2024 के 4.85 लाख नए छात्र परमिट के लक्ष्य से 10 प्रतिशत कम अध्ययन परमिट दिए। अनुमान के मुताबिक, कनाडा जाने वाले कुल भारतीय छात्रों में से करीब 70 प्रतिशत पंजाब से आते हैं।

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