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बिहार में चार विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव

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तरारी, रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज में उपचुनाव की घोषणा

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

एक माह बाद बिहार में विधानसभा की चार सीटों (तरारी, रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज) पर मतदान होना है। मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव के साथ ही निर्वाचन आयोग ने बिहार में रिक्त सीटों पर उपचुनाव की घोषणा भी कर दी। इन चारों सीटों के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।

25 नवंबर तक पूरी हो जाने वाली चुनावी प्रक्रिया के लिए 18 नवंबर को अधिसूचना जारी होगी। इस वर्ष 22 जनवरी को प्रकाशित मतदाता सूची के आधार पर ही मतदान होना है। 25 अक्टूबर तक नामांकन कराया जा सकता है।

क्यों हो रहे उपचुनाव?

एक वर्ष बाद संभावित विधानसभा चुनाव से पहले इन चार सीटों पर उपचुनाव की नौबत विधायकों के सांसद चुन लिए जाने के कारण बनी है। हालांकि, चुनाव परिणाम से विधानसभा में पक्ष व विपक्ष की संख्या भले ही प्रभावित हो, लेकिन सत्ता के समीकरण में कोई अंतर नहीं आने वाला। इनमें से दो सीटें (बेलागंज, इमामगंज) गया जिला के अंतर्गत आती हैं। इनके अलावा रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र कैमूर जिला का अंश है और तरारी की सीट भोजपुर जिला में पड़ती है।

सीटों का समीकरण: इनमें से तीन सीटें महागठबंधन की हैं और एक सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के हिस्से की। पिछली बार के विजेता व उप विजेता रहे दलों की ओर से ही मुकाबले की आशा है। इसमें तीसरा कोण जन सुराज पार्टी (जसुपा) है। प्रत्यक्ष तौर पर उसके लिए पहला चुनावी दंगल है और इसके परिणाम के आधार पर ही उसके भविष्य की रणनीति का निर्धारण होना है।

दलों में दावेदारी: जसुपा इन चारों सीटों पर प्रत्याशी देने की पहले ही घोषणा कर चुकी है। राजग में तरारी और रामगढ़ में भाजपा, बेलागंज में जदयू और इमामगंज में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का प्रत्याशी हो सकता है। महागठबंधन में राजद तीन सीटों (रामगढ़, बेलागंज, इमामगंज) पर दावेदारी कर रहा, जबकि तरारी की अपनी परंपरागत सीट पर भाकपा (माले) का दावा सशक्त है।

पिछला परिणाम

तरारी: इस सीट पर पिछले दो चुनाव के भाकपा (माले) के सुदामा प्रसाद विजयी रहे हैं। 2020 में उन्हें 73945 मत मिले थे। 13833 वोट पाकर भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी। निर्दलीय सुनील पांडेय निकटतम प्रतिद्वंद्वी थे, जो अब भाजपा में आ चुके हैं।

रामगढ़: 2020 में राजद के सुधाकर सिंह ने यह सीट भाजपा से झटक ली थी। मात्र 189 मतों के अंतर से बसपा के अंबिका सिंह यहां चुनाव हारे थे। भाजपा यहां भी तीसरे स्थान पर रही थी। इस सीट पर अब तक की उसकी एकमात्र जीत 2015 की है।

बेलागंज: सुरेंद्र प्रसाद यादव यहां से लगातार आठ बार विधायक चुने गए। पहली दो पारी जदयू से और बाद में छह बार राजद से। पिछली बार उन्हें 79708 मत मिले थे। निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे जदयू को 55745 मतों से संतोष करना पड़ा था। 12005 वोट लेकर लोजपा तीसरे स्थान पर रही थी।

इमामगंज: यहां से पिछले दो चुनाव के विजेता हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी रहे हैं। उनसे पहले चार बार उदय नारायण चौधरी जीते थे। 2020 में मांझी को 78762 मत मिले थे और राजद से चौधरी को 62728 मत। तीसरे स्थान पर रही लोजपा 14197 वोट पाई थी।

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