शराब के बड़े खिलाड़ी पुलिस के पकड़ से बाहर हैं,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के सीवान जिले में भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन गांव में जहरीली शराब पीने से लगभग तीस लोगों की हुई मौत के बाद पुलिस एक ओर शराब तस्करों की गिरफ्तारी और शराब की आपूर्ति को रोकने के लिए लगातार छापेमारी तो कर रही. लेकिन छोटे छोटे खुदरा विक्रेताओं को पकड़ कर खानापूर्ति कर रही है. जबकि अब तक एक भी ऐसे किसी बड़े शराब माफिया के गिरेवान तक पुलिस की हाथ नहीं पहुंच सकी.
छोटे तस्करों को पकड़कर कर रहे खानापूर्ति
यह एक चर्चा का विषय तथा एक सवाल बना हुआ है.लोगों का कहना है छोटे छोटे शराब बिक्रेताओं को पकड़ने से बेहतर है की बड़े माफियाओं पर पुलिस कार्रवाई से ही क्षेत्र में शराब आपूर्ति बंद हो सकती है, तथा ऐसी घटना दोबारा न हो सके.
जहरीली शराब पीने से 35 लोगों की मौत
बिहार के सिवान और सारण जिलों में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 10 और लोगों की मौत हो गई, जिससे इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 35 हो गई है. सारण रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) नीलेश कुमार ने शुक्रवार को बताया, “सिवान जिले की मगहर तथा औरिया पंचायतों में संदिग्ध अवैध शराब पीने से अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है. सारण जिले के मशरख थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर इलाके में भी सात लोगों की संदिग्ध अवैध शराब पीने से मौत हो गई है.
डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने बताया कि घटना के संबंध में 5 वरीय डाक्टर का मेडिकल बोर्ड गठित किया गया है। सिवान सदर अस्पताल में 30 बेड, CHC बसंतपुर में 20 बेड और सब डिवीजन अस्पताल महाराजगंज में 30 बेड इस घटना में पीड़ितों के इलाज के लिए सुरक्षित रखा गया है। इसके साथ ही सभी अस्पतालों में वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। जिनके देखरेख में चिकित्सकों के द्वारा बीमार लोगों का इलाज करवाया जा रहा है।
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