इजरायल ने ईरान पर आक्रमण कर दिया,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

इजरायल ने 26 अक्टूबर की सुबह ईरान के सैन्य ठिकानों समेत राजधानी तेहरान और उसके आस-पास के शहरों में भीषण बमबारी की है. इजरायल की सेना इस हमले की पुष्टि भी कर दी है. इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ईरान की ओर से महीनों तक लगातार इजरायल पर किए गए हमलों के जवाब में ये एक्शन यानी लिया गया है. ईरान की मीडिया ने भी इस हमले की जानकारी दी है. ईरान के स्थानीय मीडिया का कहना है कि इजरायल ने राजधानी तेहरान और उसके आस-पास के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए इजरायल डिफेंस फोर्स( IDF) ने कहा, “ईरान शासन द्वारा इजरायल राज्य के खिलाफ महीनों से लगातार किए जा रहे हमलों के जवाब में – अभी इजरायल रक्षा बल ईरान में सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले कर रहा है. ईरान शासन और उसके प्रतिनिधि 7 अक्टूबर से लगातार इजरायल पर हमला कर रहे हैं – सात मोर्चों पर – जिसमें ईरानी धरती से सीधे हमले भी शामिल हैं. दुनिया के हर दूसरे संप्रभु देश की तरह, इजरायल राज्य को भी जवाब देने का अधिकार और कर्तव्य है.हमारी रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताएं पूरी तरह से सक्रिय हैं.हम इजरायल राज्य और इजरायल के लोगों की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक होगा, करेंगे”.

IDF ने सोशल मीडिया पर एक और तस्वीर शेयर की है जिसमें इजरायल जनरल स्टाफ के प्रमुख हर्जी हलेवी उनके साथ में इजरायली वायु सेना के कमांडिंग ऑफिसर जनरल तोमर बार के साथ कैंप राबिन में भूमिगत कमांड सेंटर से ईरान पर हो रहे हमले की कमान संभाल रहे हैं. वहीं सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी SANA की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने रात के करीब 2 बजे दक्षिणी और मध्य सीरिया में कई सैन्य स्थानों और ठिकानों पर हमला किया. ये हमला भी उसी समय हुआ जब इजरायल ने ईरान पर हमले शुरू किया. रिपोर्ट के अनुसार सीरिया ने कुछ इजरायली मिसाइलों को मार गिराया. अधिकारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं.

इजरायल ने ईरान पर हमला क्यों किया?

आज इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य ठिकानों पर किया गया हमला इस महीने की शुरुआत में इजरायली क्षेत्र पर किए गए मिसाइल हमलों का बदला लेने के लिए किया गया था। हवाई हमलों के तुरंत बाद इजरायल ने ईरान से बदला लेने की कसम खाई। यह हमला कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि इजरायल ने ईरान को लगातार जवाबी हमले के बारे में चेताया था। बेंजामिन नेतन्याहू की सेना ने कहा कि वह अक्टूबर की शुरुआत में कुछ जगहों पर इजरायल की हवाई रक्षा को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए जोरदार तरीके से जवाब देगी।

इजरायली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हैगरी ने एक पूर्व-रिकॉर्डेड वीडियो बयान में कहा, “ईरान में शासन और क्षेत्र में उसके प्रतिनिधि 7 अक्टूबर से लगातार इजरायल पर हमला कर रहे हैं। ईरानी धरती से सीधे हमले भी शामिल हैं।”

ईरान की राजधानी तेहरान में विस्फोटों की आवाज सुनी जा सकती थी। सरकारी मीडिया ने विस्फोटों को स्वीकार किया और कहा कि कुछ आवाजें शहर के चारों ओर हवाई रक्षा प्रणालियों से आई थीं। तेहरान में एक स्थानीय निवासी ने एपी को बताया कि शनिवार को इजरायली रॉकेट हमलों के बाद कम से कम सात विस्फोट सुने जा सकते थे।

ईरान का हमला

1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर हाई-स्पीड मिसाइल बैराज लॉन्च किया। इसे तेहरान द्वारा तेल अवीव पर अब तक का सबसे बड़ा हमला कहा गया। ईरान ने कहा कि ये हमले सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए थे, लेकिन इजरायल की हवाई सुरक्षा के कारण इन्हें काफ़ी हद तक विफल कर दिया गया। ईरान ने गाजा पट्टी में चल रहे इजरायल-हमास युद्ध के बीच हाल के महीनों में कई बार इजरायल पर हमला किया।

हमले से ‘मामूली’ नुकसान, बढ़ा चढ़ाकर दावे कर रहा इजरायल’

ईरान पर शनिवार तड़के हुए हवाई हमले के बाद ईरानी मीडिया ने इजरायली एयर अटैक से होने वाले नुकसान को ‘मामूली’ बताया और इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) पर हमले को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर दावे करने का आरोप लगाया। ईरान की अर्ध-सरकारी तस्नीम समाचार एजेंसी ने एक सूत्र का हवाला देते हुए, उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि हमले में सैकड़ों इजरायली प्लेन शामिल थे। इसे इजरायल की ओर से अपनी कार्रवाई को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की कोशिश बताया गया। रिपोर्ट में आगे दावा किया गया कि हमलों के दौरान इजरायली लड़ाकू विमानों ने ईरानी एयर स्पेस में एंट्री नहीं की और हमलों से केवल ‘सीमित नुकसान’ हुआ।

इजरायली हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन: सऊदी अरब

सऊदी अरब ने शनिवार को ईरान पर इजरायली सेना की कार्रवाई की ‘निंदा’ की। रियाद ने कहा कि यह तेहरान की संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का उल्लंघन है। सऊदी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘सऊदी अरब, क्षेत्र में निरंतर बढ़ते तनाव और संघर्ष के विस्तार को अस्वीकार करने के अपने रुख पर कायम है।’ बयान में कहा गया, ‘राज्य सभी पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने और तनाव को कम करने की अपील करता है और क्षेत्र में जारी सैन्य संघर्षों के परिणामों के बारे में चेतावनी देता है।’ सऊदी अरब ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, प्रभावशाली और सक्रिय पक्षों से क्षेत्र में संघर्षों को समाप्त करने की दिशा में अपनी भूमिकाएं, जिम्मेदारियां निभाने की अपील की।

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