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हर्षोल्लास के साथ मनाया गया दीपावली पर्व 

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया दीपावली पर्व

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श्रीनारद मीडिया, उतम पाठक,  दारौंदा, सीवान (बिहार):

सिवान जिला सहित दारौंदा प्रखण्ड मुख्यालयों सहित, प्रकाश व प्रसन्नता के पर्व दीपावली 31 अक्टूबर गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। दीपावली के दिन ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में भी काफी चहल पहल व रौनक बनी रही।

घर और दुकानों को सजाने के लिए लोंग चाईनीज बल्ब और रंग बिरंगी झालर खरीद रहे थे तो वही मिट्टी के दीये भी लोंग खरीद रहे थे। मिठाई की दुकान से लेकर फल की दुकानों पर खरीदारी करने वालों की काफी भीड़ थी तथा पटाखें भी खूब बिके।
साथ ही पूजन के लिए लोंग लक्ष्मी- गणेश की मूर्ति सहित पूजन सामग्री भी खरीद रहे थे।

दीपावली पूजन को लेकर दुकानदारों ने अपने – अपने दुकानों को रंग – बिरंगे प्राकृतिक एवं कृत्रिम फूलों से सुंदर ढंग से सजाएं थें।

दीपावाली वैदिक पंचाग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती हैं।

इस दिन अयोध्यावासियों ने अपने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के लौटने की ख़ुशी में अपने घरों और पूरे शहर को दीयों से सजाया था।

दीपावली शब्द:- ‘दीप’ और ‘आवली’ से मिलकर बना है यह संस्कृत भाषा के शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ का होता है “दीपों की श्रृंखला”।

दीपावली के दिन घर -घर में धन, वैभव, यश, सुख- समृद्धि की प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की गई तथा प्रतिष्ठानों में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश के साथ साथ धन के देवता कुबेर और खाता बही की पूजा विधि विधान से किया गया।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लक्ष्मी पूजन में :-
पांच पीली कौड़ी, पांच खड़ा हल्दी, पांच गोमती चक्र, पांच सुपारी, खड़ा धनियां, को मां लक्ष्मी,भगवान गणेश के पास पूजन के समय रखें और दूसरे दिन लेकर लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या गल्ला में रखते हैं । जिससे धन और समृद्धि में वृद्धि होती हैं।

माता लक्ष्मीजी को कमल का फूल, मखाना, पानी फल, पानीवाला नारियल, ईख, अनार, बतासा, खीर, हलुआ, पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर, पान और गणेश जी को मोदक (लड्डू) अर्पित किये।
माता लक्ष्मी जी की कृपा हमेशा घर पर बनी रहे इसके के लिए उनके समक्ष नौ या एक चौमुखी घी का दीपक जलाएं।

मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में स्थिर वृष लग्न शाम 6:12 से 08: 08 बजे के बीच घरों और प्रतिष्ठानों में लोगों ने ब्राह्मणों द्वारा विधि विधान से कराया।
वही निशीथ काल 12:40
से 2: 53 बजे के मध्य तक स्थिर सिंह लग्न में भी प्रतिष्ठानों में पूजन होती रही।

वही बगौरा पंचायत के भवानी मोड़ गढ़ के नीचे दीपावली के दिन अर्द्धरात्रि को श्यामा काली की पूजा बड़े धूम धाम और हर्षोल्लास के साथ विधिवत् वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई। पूजन के समय माँ कालीजी की दर्शन करने के लिए काफी लोंग जुटे हुए थे।

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