“उठहूं हे देव! उठहूं सुतल भईल छह मास” के साथ कूटा गया गोधन

.”उठहूं हे देव! उठहूं सुतल भईल छह मास” के साथ कूटा गया गोधन

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

‘गंगा मईया के ऊंची अररिया कि तिवहिया एगो रोवेली हो’ शुरु लाल भ ईया के लाल घोड़वा हाटे-बाटे दउरल जास’ के साथ संपन्न हुई गोवर्धन पूजा

*श्रद्धा और उल्लास के बीच संपन्न हुआ भैयादूज और गोवर्धन पूजा

श्रीनारद मीडिया,  सिवान (बिहार):

सीवान जिला के शहर से लेकर ग्रामीण अंचल में गोधन कूटने साथ भैयादूज श्रद्धा और उल्लास के बीच धूमधाम से मनाया गया। शनिवार की इसकी शुरुआत गोधन की गोबर से आकृति बनाने के साथ गंगा मईया के इस गीत से हुई थी-‘ गंगा म ईया के ऊंची अररिया कि तिवहिया एगो रोवेले हो’।

 

जबकि रविवार को गोधन कूटने की शुरुआत गोधन बाबा अ ईले अगुताईल नू,का ले बईठे की दीं,चनन काठे क पिढ़हिया न हो,ऊहे ले बईठे दीं। इस मौके पर महिलाओं ने पहले गोवर्धन की विधि विधान से पूजा-अर्चना की। पहले महिलाओं द्वारा भाईयों को रेंगनी कांट से श्रापा गया। जबकि गोधन बाबा की बहन खोड़लिचा को रेंगनी के कांट से श्रापा गया।

फिर महिलाओं ने अपने भाईयों के दीर्घजीवन और बलवान होने की कामना की। इस दौरान महिलाओं ने गोधन बाबा की बहन खोड़लीचा बहिना का गीत गाया- “गोधन बाबा चलेलन अहेरिया, खोड़लीचा बहिना देली आशीष,जीय हे मोर भईया जीय लाख बरिस”। उसके बाद महिलाओं ने गोधन बाबा को कूटते समय देवताओं का आह्वान करते हुए यह गीत गाया-“उठहूं देव! उठहूं सुतल भईल छह मास, तहरा बिना बाड़ी कुंवारी नू, बियहल सासुर ना जास”।

 

इसके साथ ही,महिलाओं ने विवाह के पारंपरिक गीतों को गाकर जनमानस को यह बताया कि लगन की शुरुआत हो चुकी है। विदित हो कि गोधन कूटने के साथ ही मांगलिक कार्य यानी शादी से संबंधित प्रक्रियाओं की विधिवत शुरुआत हो जायेगी। यूं कहें कि आज से लग्न की शुरुआत हो गयी है। यूं कहें कि शनिवार को पूरे जिले में भाइयों की लंबी उम्र की कामना के साथ ही गोवर्धन पूजा संपन्न हो गई। बहनें अपने भाइयों को पहले श्राप देती हैं। फिर आशीर्वाद देकर उनकी लंबी आयु की कामना करती है। संपन्न हो गई। गांव में वहीं बहनों ने भाईयों के दीर्घजीवन के लिए बजरी सहेज कर रखा,जिसे अपने भाईयों को बज्र जैसा मजबूत होने की कामना के साथ खिलायेंगी।

 

गांव की किशोरियों ने दीपावली के तीसरे दिन गाय के गोबर से गोधन बाबा का निर्माण किया था।जिसे रविवार की अहले सुबह कूट कर पूर्णाहुति की गयी।भाइयों को समर्पित यह त्योहार बहनें बिना अन्न जल ग्रहण किए ही करती हैं। गोवर्धन कूटने के पश्चात बहनों ने अन्न जल ग्रहण किया। वहीं व्रत खोलने के लिए खीर- पूड़ी बनायी गयी। जिसे खाकर महिलाओं ने पारण किया। इस मौके पर पूरे जिले में गोवर्धन पूजनोत्सव श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इसके साथ ही, मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त की पूजा की गयी।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!