धार्मिक स्थलों को बचाने के उपाय करे कनाडा- भारत
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत ने की सुरक्षा देने की मांग
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा है कि एक दिन पहले ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर अतिवादियों व अलगाववादियों की तरफ से हिंसक हमले की हम निंदा करते हैं। हम कनाडा सरकार से सभी तरह के पूजा स्थलों पर इस तरह के हमले को पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग करते हैं। हमें यह भी उम्मीद है कि इस तरह की हिंसा में जो लोग शामिल हैं उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। हम कनाडा में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं।
हिंसा उत्पीड़न से कोई फर्क नहीं पड़ेगा
जायसवाल ने कनाडा में भारतीय उच्चायोग की तरफ से कंसुलर संबंधी सेवा देने के कार्यक्रम में कुछ लोगों की तरफ से उत्पात मचाने के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया दी गई है। उन्होंने कहा है कि हम भारतीय व कनाडाई नागरिकों की एक तरह से सेवा देना चाहते हैं और इस तरह की हिंसा, उत्पीड़न या डराने से हम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
भारतीयों की जासूसी कर रहा कनाडा
और भी हो सकती हिंदुओं के खिलाफ हिंसा
यह आशंका भी है कि इस तरह की घटनाएं अभी होती रहेंगी। कनाडा में अगले वर्ष आम चुनाव है और कई लोगों भारत के साथ पीएम ट्रुडो की नीतियों को उनकी राजनीतिक महत्वांकाक्षा से जोड़ कर देखते हैं। ट्रुडो की नजर भारत से अलग पृथक देश बनाने का सपना पालने वाले खालिस्तानी संगठनों से जुड़े वोटरों पर है। ऐसे में भारतीय समुदाय पर या धार्मिक स्थलों पर उनका हमला बढ़ने की आशंका है।
राजनीतिक एजेंडे के तहत काम कर रही ट्रूडो सरकार
भारत की यह नई प्रतिक्रिया शनिवार को कनाडा-भारत संबंधों की मौजूदा स्थिति पर विस्तृत बयान देने के बाद आया है। तब भारत ने गृह मंत्री अमित शाह पर कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मारीसन की तरफ से लगाये गये विरोध पर कनाडा के भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधि को समन कर अपने गुस्से से अवगत कराया था।
तब जायसवाल ने कहा था कि ट्रुडो सरकार राजनीतिक एजेंडे के तहत काम कर रही है और उसके कदमों से दोनों देशों के रिश्तों पर गहरा असर होगा। सनद रहे कि सितंबर, 2023 में पीएम ट्रुडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारतीय एजेंसियों पर लगाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं।
सीएम भगंवत मान ने बठिंडा में संवाददाताओं से कहा कि मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं। मैं भारत सरकार से भी मांग करता हूं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इस मुद्दे पर कनाडाई सरकार से बात की जाए। उन्होंने कहा कि कई पंजाबी कनाडा को अपना दूसरा घर मानते हैं और कोई नहीं चाहता कि वहां ऐसी हिंसक घटना हो।
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