घरों की कीमतों में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी नोएडा में हुई है
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में मकान की कीमतों में 2019 से 137 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। निवेशकों में भरोसा, घर खरीदने को लेकर मजबूत धारणा, बड़े पैमाने पर ढांचागत सुविधाओं का विकास और जमीन के साथ निर्माण की लागत बढ़ने से आवास कीमतों में इजाफा हुआ है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
सबसे ज्यादा कहां बढ़ी घरों की कीमत
ऑनलाइन रियल एस्टेट आंकड़ों और उनके विश्लेषण से जुड़ी संस्था प्रॉपइक्विटी की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 और सितंबर, 2024 के बीच नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में घरों की कीमतें दोगुनी से अधिक हो गईं हैं। आंकड़ों के अनुसार, नोएडा में सबसे अधिक 152 प्रतिशत की (5,910 रुपये प्रति वर्ग फुट से 14,946 रुपये प्रति वर्ग फुट) की वृद्धि देखी गई।
एनसीआर में दूसरे नंबर पर गाजियाबाद का स्थान रहा, जहां घरों की कीमत 139 प्रतिशत (3,691 रुपये प्रति वर्ग फुट से 8,823 रुपये प्रति वर्ग फुट), गुरुग्राम में 135 प्रतिशत (2019 में 8,299 रुपये प्रति वर्ग फुट से 2024 में 19,535 रुपये प्रति वर्ग फुट) और ग्रेटर नोएडा में 121 प्रतिशत (3,900 रुपये प्रति वर्ग फुट से 8,601 रुपये प्रति वर्ग फुट) की बढ़ोत्तरी हुई है।
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समीर जसूजा ने आंकड़ों पर बात करते हुए बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बुनियादी ढांचे में इतना बदलाव आया है, जो पिछले दशकों में कभी नहीं देखा गया। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, द्वारका एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, रैपिड रेल, मेट्रो विस्तार इसके बेहतरीन उदाहरण हैं। इनके कारण रियल एस्टेट के सभी खंडों को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद निवेशकों और घर खरीदारों का झुकाव रियल एस्टेट की ओर बढ़ा है। बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों और सरकारी प्रयासों ने एनसीआर बाजार में निवेशकों, मकान खरीदारों, कंपनियों का विश्वास बहाल किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, आपूर्ति की बात करें तो नोएडा में 41 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि गुरुग्राम में 222 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि हुई। वहीं गाज़ियाबाद में 14 प्रतिशत और ग्रेटर नोएडा में 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
पिछले पांच वर्षों में नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्रीमियम रियल एस्टेट हॉटस्पॉट बन गए हैं. ये दोनों ही जगहें पहले किफायती और मध्यम-श्रेणी की प्रॉपर्टी निवेश के लिए जाने जाने थे. रियल एस्टेट विशेषज्ञों और उपलब्ध बाजार डेटा के अनुसार, इन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की कीमतें पिछले पांच वर्षों में दोगुनी हो चुकी हैं. 2019-2020 (कोविड-19 से पहले के समय) से 2024 में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में नए लॉन्च हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की औसत कीमतों में क्रमशः 152% और 121% की बढ़ोतरी हुई है. इसी प्रकार, नोएडा के सेकंडरी हाउसिंग मार्केट में भी पिछले पांच वर्षों में लगभग 81% का उछाल आया है.
दिल्ली-एनसीआर के अन्य प्रमुख माइक्रो मार्केट्स की तुलना में नोएडा एक फेवरेट डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है. यहां खासकर हाई-एंड रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स की भी खूब डिमांड है. नोएडा के रियल्टी बाजार का यह बदलाव मुख्य रूप से बेहतर कनेक्टिविटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड, आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि, और खरीदारों में स्ट्रांग सेंटीमेट्स के कारण हुआ है.
प्रोपइक्विटी के डेटा के अनुसार, नोएडा में नए लॉन्च प्रोजेक्ट्स की औसत कीमतें 2019 में 5,910 रुपये प्रति वर्ग फुट से बढ़कर 2024 में लगभग 14,946 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गई हैं. इसी तरह, 2बीएचके (2 बेडरूम) यूनिट्स की औसत कीमत 2019 के 5,712 रुपये प्रति वर्ग फुट से 2024 तक 16,000 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंच गई हैं, जो लगभग 180% की ग्रोथ को बताती हैं.
- यह भी पढ़े…………….
- कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर दरौली में मां सरयू की नयनाभिराम आरती
- PCS प्री की परीक्षा 22 दिसंबर को एक ही दिन में होगी
- राष्ट्रपति जी ने भगवान बिरसा की जयंती की पूर्व संध्या पर देश को किया संबोधित