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मोक्षदा एकादशी मोक्ष की प्राप्ति का विशेष दिन माना जाता है - श्रीनारद मीडिया
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मोक्षदा एकादशी मोक्ष की प्राप्ति का विशेष दिन माना जाता है

मोक्षदा एकादशी मोक्ष की प्राप्ति का विशेष दिन माना जाता है

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भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मोक्षदा एकादशी को ‘गीता जयंती’ के रूप में भी जाना जाता है.यह एकादशी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन व्रत रखने से भक्तों को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति (मोक्ष) मिलती है और वे भगवान विष्णु के दिव्य लोक ‘वैकुंठ’ में स्थान पाते हैं. इसे ‘मौन एकादशी’ या ‘मौन अज्ञारस’ भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन भक्त मौन व्रत रखते हैं.

मोक्षदा एकादशी का महत्व

इस एकादशी का धार्मिक महत्व इतना अधिक है कि विष्णु पुराण के अनुसार, मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने का फल अन्य 23 एकादशियों के व्रत के बराबर होता है.इस दिन भगवद गीता का पाठ करना या इसे किसी जरूरतमंद को दान देना बेहद शुभ माना जाता है. सनातन धर्म में मार्गशीर्ष मास को अत्यंत पवित्र और लाभकारी माना जाता है. इस महीने में आने वाले सभी व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व होता है. इसी माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के रूप में जाना जाता है.

मोक्षदा एकादशी पर पूजा विधि

सुबह जल्दी उठें: सूर्योदय से पहले स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें.
संकल्प लें: व्रत और पूजा का संकल्प ले.
मंदिर में दीप जलाएं: घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
अभिषेक करें: भगवान विष्णु को जल से स्नान कराएं और उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं.
तिलक और भोग: भगवान को रोली, अक्षत का तिलक लगाएं और फल-फूल व मिठाई का भोग अर्पित करें.
एकादशी कथा सुनें: मोक्षदा एकादशी की कथा का श्रवण करें.
विष्णु सहस्रनाम का जाप करें: भगवान विष्णु की स्तुति में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.

मोक्षदा एकादशी पर करें ये खास कार्य

भगवद गीता का दान: इस दिन भगवद गीता का दान करने से भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
मौन व्रत: दिनभर मौन रहना और ध्यान करना मन की शांति और आत्मिक उन्नति के लिए लाभकारी है.
पवित्र यज्ञ का महत्व: माना जाता है कि इस दिन भगवद गीता सुनने से अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है.

मोक्षदा एकादशी का आध्यात्मिक लाभ

पापों से मुक्ति और आत्मिक शुद्धि.
जीवन में सकारात्मकता और शांति का अनुभव.
भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति.
इस दिन व्रत और पूजा के माध्यम से जीवन को दिव्यता और आध्यात्मिकता से भरने का यह एक उत्तम अवसर है.

मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से आती है सुख, समृद्धि

यह माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है. इसके अतिरिक्त, साधक को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. आइए, यह समझते हैं कि मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से मोक्ष कैसे प्राप्त होता है.

मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से होती है मोक्ष की प्राप्ति

मोक्षदा एकादशी व्रत से मोक्ष की प्राप्ति होती है या नहीं, इस पर विचार करते हुए पौराणिक कथाएँ हमें बताती हैं कि इस दिन कुरुक्षेत्र के युद्ध में अनेक योद्धा वीरगति को प्राप्त हुए और उन्हें मोक्ष मिला. इस व्रत का पालन करने से सीधे तौर पर मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती, किंतु पुण्य के फल अवश्य मिलते हैं. यह मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से आत्मा और मन की शुद्धता बनी रहती है.

इस व्रत के माध्यम से व्यक्ति अपने पापों से मुक्त होता है और उसके जीवन में सुख और शांति का संचार होता है. कहा जाता है कि इस दिन गीता का पाठ करने और उसके उपदेशों का अनुसरण करने से मोक्ष की प्राप्ति संभव है. मोक्ष का अर्थ है जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति या सुख-दुख से परे रहना. भगवान कृष्ण के ज्ञान के कारण अनेक लोगों ने आत्मज्ञान प्राप्त किया, जो मोक्ष के मार्ग की ओर अग्रसर होने का संकेत है. कई भक्त ऐसे थे जो भगवान श्रीकृष्ण के सान्निध्य में रहकर इस ज्ञान को प्राप्त करते थे.

 

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