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 अजीबोगरीब परंपरा, प्रेग्नेंट पत्नी को कंधे पर रखकर धधकते कोयले पर चलता है पति, जानें वजह - श्रीनारद मीडिया

 अजीबोगरीब परंपरा, प्रेग्नेंट पत्नी को कंधे पर रखकर धधकते कोयले पर चलता है पति, जानें वजह

अजीबोगरीब परंपरा, प्रेग्नेंट पत्नी को कंधे पर रखकर धधकते कोयले पर चलता है पति, जानें वजह

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श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

विश्‍व के हर देश कोई न कोई पंरपरा होती है लेकिन कुछ  देशों में अनोखी और विचित्र परंपराओं का पालन होता है, जिन्हें जानकर दूसरे देशों के लोग अक्सर हैरानी जताते हैं। ऐसी ही एक परंपरा चीन में निभाई जाती है, जहां पति अपनी गर्भवती पत्नी को कंधे पर उठाकर जलते हुए कोयले पर नंगे पैर चलते हैं।

इस परंपरा के पीछे गहरी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यता है, जो सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन चीन में इसके अनुयायियों के बीच इसे लेकर गहरी आस्था है।

क्या है यह परंपरा?

चीन के कुछ क्षेत्रों में जब कोई महिला गर्भवती होती है और मां बनने वाली होती है, तो उसका पति उसे अपनी पीठ पर उठाकर जलते कोयले पर चलता है। यह प्रक्रिया नंगे पैर की जाती है, और इसे पत्नी और होने वाले बच्चे की भलाई के लिए शुभ माना जाता है।

इस परंपरा के पीछे की मान्यता

इस अनोखी प्रथा के पीछे का मुख्य कारण यह है कि लोग मानते हैं, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
– भावनात्मक और शारीरिक तकलीफ: प्रेग्नेंसी के नौ महीनों में महिलाओं को मूड स्विंग्स, शारीरिक असुविधा और अंत में प्रसव पीड़ा का सामना करना पड़ता है।
– साझेदारी और सहानुभूति: पति के इस कार्य को प्रतीकात्मक माना जाता है, जिससे यह दिखाने की कोशिश की जाती है कि गर्भावस्था के सफर में पत्नी अकेली नहीं है। पति भी इस कठिन यात्रा में पत्नी का साथ देने और उसकी तकलीफ साझा करने के लिए तैयार है।

संतान के स्वास्थ्य से जोड़कर मान्यता

यह भी कहा जाता है कि इस प्रथा को निभाने से होने वाला बच्चा स्वस्थ पैदा होता है और प्रसव के दौरान पत्नी का आत्मविश्वास बढ़ता है। इस प्रथा को एक प्रकार से शुभ संकेत माना जाता है, जो होने वाले माता-पिता के जीवन में सकारात्मकता और सुख लेकर आता है।

विवाद और असहमति

हालांकि, इस परंपरा पर सभी लोग विश्वास नहीं करते। कई लोग इसे एक अंधविश्वास और टैबू मानते हैं।
– वैज्ञानिक तर्क: आलोचकों का कहना है कि कोयले पर चलने से गर्भवती महिला की तकलीफें या शारीरिक समस्याएं कम नहीं हो सकतीं।

व्यावहारिक पहलू: यह परंपरा प्रतीकात्मक है और इसका वास्तविक स्वास्थ्य से कोई लेना-देना नहीं है। इसके बजाय, महिलाओं को चिकित्सा और भावनात्मक सहायता प्रदान करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

खैर चीन की यह परंपरा प्राचीन मान्यताओं और सांस्कृतिक विश्वासों से प्रेरित है। हालांकि यह आज के समय में अजीब और अप्रभावी लग सकती है, लेकिन इसके पीछे पति और पत्नी के बीच की साझेदारी और समर्थन का भाव छिपा है। हर संस्कृति की अपनी परंपराएं और मान्यताएं होती हैं, जो उन्हें विशेष और अद्वितीय बनाती हैं।

नोट: यह सूचना इंटरनेट पर उपलब्ध मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। बोल्डस्काई लेख से संबंधित किसी भी इनपुट या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी और धारणा को अमल में लाने या लागू करने से पहले कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें

Story first published: Saturday, December 14, 2024, 15:22 [IST]

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