घर में बंद मां भूख-प्यास से मर गई , बेटे-बहू चले गए बाहर,प्राथमिकी दर्ज,  जानें पूरा मामला

घर में बंद मां भूख-प्यास से मर गई , बेटे-बहू चले गए बाहर, प्राथमिकी दर्ज,  जानें पूरा मामला

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

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मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक वृद्ध महिला की मौत की घटना मानवीय संवेदना को झकझोर दिया है। मौत के दो महीने बाद पुलिस ने मृतका के एक बेटे के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। पुलिस के अनुसासर बेटा अरुण पत्नी और अपने बेटे को लेकर उज्जैन चला गया था। उसने बीमार मां ललिता दुबे को घर में बंद कर दिया था। इसी दौरान दो दिन तक भूखी-प्यासी रही वृद्धा ने दम तोड़ दिया। घर से दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को बुलाया। घटना 19 अक्टूबर को निशातपुरा थाना क्षेत्र की गोया कालोनी में हुई थी।

पुलिस ने जांच में पाया गया कि अरुण दुबे की लापरवाही की वजह से ही ललिता देवी की मौत हुई थी। इस आधार पर उसके विरुद्ध गैर इरादतन हत्या और भरण-पोषण कानून की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार 80 साल की ललिता दुबे अपने मकान में छोटे बेटे अरुण के साथ रहती थीं। 19 अक्टूबर को सुबह ललिता देवी का शव उनके घर का ताला तोड़कर अंदर से बरामद किया गया था।

अरुण दो दिन पहले घर में ताला लगाकर पत्नी और ढाई वर्ष के बेटे को लेकर बाहर चला गया था। घटना की सूचना मिलने पर ललिता देवी का बड़ा बेटा अजय जो कि पुलिस में सब इंस्पेक्टर है वह इंदौर से आ गया था। ललिता के पति श्यामलाल दुबे भोपाल पुलिस में हवलदार थे। उनका बड़ा बेटा इंदौर में रहता है और मंझले बेटे की एक साल पहले मौत हो गई थी। सबसे छोटा बेटा अरुण मानसिक रूप से कमजोर है, वह मां के साथ ही रहता था। वह बेरोजगार भी था।

ललिता देवी बुजुर्ग होने के साथ ही बीमार भी चल रही थीं। वह अधिकतर समय बिस्तर पर ही रहती थीं। आशंका है कि समय पर दवा और भोजन-पानी नहीं मिलने के कारण उनकी मौत हो गई। हालांकि पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि अगर छोटा बेटा मानसिक रूप से कमजोर था तो बड़े बेटे ने अपनी मां को अपने पास क्यों नहीं रखा।

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