पाक आतंकी अब्दुल रहमान मक्की की हुई मौत
भारत के कई नगरों को दहला चुका है मक्की
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
- अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना आतंकी हाफिज सईद का साला है। भारत को कई मामलों में दोनों की तलाश है। मक्की आतंकी संगठन में युवाओं की भर्ती और धन जुटाने में अहम भूमिका निभाता रहा है। मुंबई हमलों के अलावा कई अन्य आतंकी घटनाओं में उसकी भूमिका भी उजागर हो चुकी है।
- संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक आतंकी अब्दुल रहमान मक्की लश्कर के विदेश संबंध विभाग का मुखिया था। वह शूरा निकाय का सदस्य भी था। मक्की जमात-उद-दावा के सेंट्रल और धर्मांतरण टीम का हिस्सा रहा चुका था। मक्की जम्मू-कश्मीर में धन जुटाने, युवाओं को भर्ती करने और कट्टरपंथी बनाने व हमलों की साजिश रचने में शामिल था।
- मक्की को 15 मई 2019 को पाकिस्तान सरकार ने गिरफ्तार किया था। उसे लाहौर में नजरबंद रखा गया था। 2020 में पाकिस्तान की एक अदालत ने मक्की को आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में सजा सुनाई थी।
- 4 नवंबर 2010 को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। इसके बाद अमेरिका ने अपने अधिकार क्षेत्र में मक्की की सभी संपत्तियों को जब्त कर लिया था।
- 22 दिसंबर 2000 को लाल किला में आतंकी हमला हुआ था। इसमें छह आतंकियों ने लाल किले में सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की थी। इस हमले में मक्की शामिल रहा है।
- गृह मंत्रालय के मुताबिक मक्की ने 7 मई 2006 को हैदराबाद के चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन के आरटीसी क्रॉस रोड स्थित ओडियन थिएटर धमाके में भी शामिल था। इस हमले में चार लोग घायल हुए थे।
- 1 जनवरी 2008 को उत्तर प्रदेश के रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के शिविर पर आतंकी हमला हुआ। पांच आतंकियों ने हमले को अंजाम दिया था। इसमें सात जवानों और एक रिक्शा चालक की जान गई थी।
- 26 नवंबर 2008 को मुंबई में सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ। पाकिस्तान के 10 आतंकियों ने मुंबई में कई स्थानों पर हमलों को अंजाम दिया। नौ आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार दिया था। वहीं अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने में कामयाबी मिली थी। इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी। इस आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया था।
- 12 और 13 फरवरी 2018 को श्रीनगर में सीआरपीएफ शिविर पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें एक जवान की मौत हुई थी। एक पुलिसकर्मी घायल हुआ था। 30 मई 2018 को बारामुल्ला और 7 अगस्त 2018 को बांदीपोरा में आतंकी हमले को अंजाम दिया गया।
कौन है अब्दुल रहमान मक्की?
6 महीने की कैद की सजा
जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद के बहनोई मक्की को आतंकवाद विरोधी अदालत ने 2020 में आतंकवाद के वित्तपोषण में छह महीने की कैद की सजा सुनाई थी। जेयूडी का उप प्रमुख मक्की आतंकवाद के वित्तपोषण में सजा सुनाए जाने के बाद से ही कम चर्चा में था। पाकिस्तान मुताहिदा मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) ने एक बयान में कहा कि मक्की पाकिस्तानी विचारधारा का समर्थक था। 2023 में, मक्की को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाएगा, जिसके तहत उसकी संपत्ति जब्त की जाएगी, यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और हथियार प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
2023 में बना ग्लोबल टेरेरिस्ट
2023 में, मक्की को युनाइटेड नेशन के जरिए ग्लोबल आतंकवादी घोषित किया गया था, जिसके तहत उसकी संपत्ति जब्त की गई थी, सफर पर रोक लगा दिया गया था। मक्की पर तालिबान के टॉप कमांडर मुल्ला उमर और अल-कायदा के अयमान अल-जवाहिरी का करीबी होने का इल्जाम है। मक्की अपने भारत विरोधी भाषणों के लिए पाकिस्तान में काफी फेमस था। 2017 में, उसके बेटे, ओवैद रहमान मक्की को जम्मू और कश्मीर में भारतीय सिक्योरिटी फोर्स के जरिए ऑपरेशन में मार दिया गया था। यूएसए के फाइनेंस डिपार्टमेंट ने मक्की को खास तौर पर से नामित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया हुआ है।
मुंबई हमले के लिए मुहैया कराया था फंड
अब्दुल रहमान मक्की का नाम मुंबई में हुए हमलों से भी जुड़ा हुआ था। मिली जानकारी के अनुसार, 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के लिए आतंकियों को फंड मुहैया कराया था। इस हमले में करीब 166 लोग मारे गए थे। हमले के खिलाफ सेना की कार्रवाई में कुल नौ आतंकवादी भी मारे गए थे। इस दौरान एक आतंकवादी आमिर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था।
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