बिहार के छपरा नगर में सर्वप्रथम अंग्रेजों ने नहीं डच व्यापारियों ने स्कूल का निर्माण कराया था!
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आप कभी ना कभी बिहार में सारण स्थित छपरा नगर अवश्य गए होंगे। छपरा नगर के दरोगा राय चौक के निकट जिला स्कूल स्थित है। आप इसके भवन को अवश्य देखें होंगे,यह छपरा जिला स्कूल का भवन है।
आप यह सोच रहे होंगे कि इसमें अलग क्या है, इसमें शिक्षा विभाग का भी कार्यालय है जहां जिला शिक्षा पदाधिकारी बैठते है। बगल में जिला स्कूल है इस भवन को देखने के बाद आपको यही लगता होगा कि इस भवन को अंग्रेजों ने बनाया होगा और तब से इसकी मरम्मत या अन्य कार्य सरकार के द्वारा होता रहा और यह आज स्थित है।
लेकिन जब भी आप वर्तमान को देखते हैं भविष्य के लिए योजना बनाते हैं तो आपको अतीत में जाना होगा, अपने सुनहरे इतिहास को परखना होगा।
यह भवन डच कंपनी के द्वारा 1665 के आसपास बनाया गया। डच कंपनी मूल रूप से नीदरलैंड (हॉलैंड) की रहने वाली कंपनी थी, जो भारत में अंग्रेजों से भी पहले 1602 ई में व्यापार करने आई थी।
इसने सारण में भी अपना व्यापार प्रारंभ किया और 1665 से लेकर 1770 तक इसने सारण की धरती से शोरा का व्यापार किया। उन्होंने यहां के बच्चों के पढ़ने के लिए उक्त विद्यालय का निर्माण कराया जो आज भी स्थित है। लेकिन अंग्रेजों द्वारा धीरे-धीरे सारण पर कब्जा करते हुए व्यापार से डच व्यापारियों को बाहर कर दिया गया और डच व्यापारी यहां से चले गए। परन्तु उनकी बनाई हुई भवन आज भी जिला स्कूल के रूप में छपरा नगर में स्थित है।
अब आप जब भी छपरा नगर जाएं तो एक बार इस विद्यालय को निहारे और उन डच व्यापारी कंपनियों को भी याद करें कि जिन्होंने यहां के बच्चों के पढ़ाई-लिखाई के लिए कितना बड़ा एंव ऐतिहासिक कदम उठाया था।
इस प्रकार की और तथ्यों को समझने के लिए आप पत्रकार शिवानुग्रह सिंह की पुस्तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम अउर सारण पढ़ सकते हैं। पुस्तक को सारव प्रकाशन सारण ने प्रकाशित किया है।
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